Jharkhand CM Oath/Swearing-in Ceremony: झारखंड में विधानसभा चुनाव के बाद रविवार को नई सरकार का शपथग्रहण समारोह हुआ। झामुमो के कार्यकारी अध्यक्ष हेमंत सोरेन ने झारखंड के 11वें मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली। रांची के मोरहाबादी मैदान में दोपहर सवा दो बजे आयोजित शपथ ग्रहण समारोह में कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष डा. रामेश्वर उरांव और कांग्रेस विधायक दल के नेता आलमगीर आलम एवं राष्ट्रीय जनता दल के एक मात्र विधायक सत्यानंद भोक्ता ने भी मंत्री पद की शपथ ली। इस प्रकार चुनाव-पूर्व गठबंधन में शामिल तीनों दलों के प्रतिनिधियों ने शपथ ग्रहण किया।
हेमंत सोरेन के नेतृत्व वाली नई सरकार में दो अनुसूचित जनजाति, एक अनुसूचित जाति और एक मुस्लिम चेहरे को शामिल किया है। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन खुद अनुसूचित जनजाति से हैं। सोरेन 2013 के बाद दूसरी बार राज्य के मुख्यमंत्री बने हैं। हेमंत सोरेन ने 38 वर्ष की उम्र में पहली बार 13 जुलाई, 2013 को झारखंड के मुख्यमंत्री का पद संभाला था। वह इस पद पर 23 दिसंबर, 2014 तक बने रहे और कार्यवाहक मुख्यमंत्री के तौर पर वह 28 दिसंबर, 2014 तक पद पर बने रहे। 10 अगस्त 1975 को जन्मे सोरेन पूर्व केन्द्रीय मंत्री और झारखंड के तीन बार मुख्यमंत्री रहे शिबू सोरेन के पुत्र हैं।
राज्य मंत्रिमंडल में कांग्रेस के रामेश्वर उरांव दूसरा एसटी चेहरा हैं। उरांव झारखंड के प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष भी हैं। वह इस बार लोहरदग्गा सीट से विधायक चुने गए हैं। वह दो बार सांसद और एक बार केंद्र में राज्य मंत्री भी रह चुके हैं। वह झारखंड पुलिस में एडीजी भी रह चुके हैं। उन्होंने साल 2004 में वीआरएस लेकर राजनीति में कदम रखा था। उरांव लोहरदगा के सांसद भी रह चुके हैं। यूपीए-1 में वे आदिवासी मामलों के राज्य मंत्री थे। इसके अलावा वे अनुसूचित जनजाति आयोग के अध्यक्ष भी रहे हैं।
कांग्रेस के ही आलमगीर आलम नई सरकार में अभी एकमात्र मुस्लिम चेहरा हैं। आलम कांग्रेस विधायक दल के नेता हैं। उन्होंने पाकुड़ विधानसभा सीट से चौथी बार चुनाव जीता है। इससे पहले वह साल 2000, 2005 और 2014 में भी पाकुड़ से विधायक चुने गए थे। आलम 2006 में झारखंड विधानसभा के अध्यक्ष पद पर भी रह चुके हैं। 2014 और 2019 में उन्हें कांग्रेस विधायक दल का नेता चुना गया था।
आरजेडी के कोटे से सत्यानंद भोक्ता हेमंत कैबिनेट के सबसे कम संपत्ति वाले मंत्री हैं। एससी समुदाय से आने वाले सत्यानंद के पास 77 लाख रुपए की संपत्ति है। चतरा से विधायक चुने गए सत्यानंद बाबूलाल मरांडी सरकार में मंत्री भी रह चुके हैं। उन्होंने भाजपा से अपनी राजनीतिक पारी शुरू की थी। इसके बाद वह झारखंड विकास मोर्चा में शामिल हो गए थे। इस बार उन्हें राजद से चुनावी जीत हासिल करने में सफलता मिली है। मालूम हो कि इस विधानसभा चुनावों में झारखंड मुक्ति मोर्चा के नेतृत्व वाले विपक्षी झारखंड मुक्ति मोर्चा कांग्रेस-राजद गठबंधन ने 81 सीटों में से 47 सीटें जीतकर स्पष्ट बहुमत हासिल किया था। उसने सत्ताधारी भाजपा को पराजित किया जिसे सिर्फ 25 सीटें मिलीं।