Jharkhand News: झारखंड के गिरिडीह जिले के एक व्यक्ति की इस महीने की शुरूआत में सऊदी अरब में गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। यह घटना तब हुई, जब वह वहां की लोकल पुलिस और अवैध शराब व्यापार में शामिल क्रिमिनल्स के बीच गोलीबारी में के बीच फंस गए थे और गोली लगने की वजह से उनकी मौत हो गई।
सऊदी अरब में जान गंवाने वाले शख्स का नाम विजय कुमार मेहतो था। वे डुमरी प्रखंड के दुधपनिया गाँव के रहने वाले थे और सऊदी अरब में हुंडई इंजीनियरिंग एंड कंस्ट्रक्शन कंपनी में काम करते थे। उनके परिवार के अनुसार, वह लगभग एक साल पहले ट्रांसमिशन लाइन परियोजनाओं पर काम करने के लिए देश छोड़कर सऊदी अरब गए थे।
कैसे हुई झारखंड के शख्स की मौत?
विजय मेहतो की मौत पर उनके बहनोई राम प्रसाद मेहतो ने कहा कि यह घटना 15 अक्टूबर को हुई थी। ये सब उस समय हुआ था जब वे अपने वर्कप्लेस पर कुछ समय के लिए टहल रहे थे। इस दौरान ही पुलिस और क्षेत्र के आसपास वसूली करने वालों के बीच फायरिंग हुई थी। दोनों तरफ की फायरिंग के बीच वे बुरी तरह फंस गए।
राम प्रसाद ने कहा कि जब गोलीबारी शुरू हुई, तब विजय पास ही था। गोली गलती से उसे लग गई। उन्होंने बताया कि विजय को स्थानीय अस्पताल ले जाया गया लेकिन उसकी मौत हो गई। परिवार को 24 अक्टूबर को उसकी मौत की खबर मिली।
पत्नी को भेजा था वॉयस नोट
मृतक के बहनोई राम प्रसाद ने कहा कि मरने से पहले उन्होंने अपनी पत्नी को कोरथा भाषा में एक वॉइस नोट भेजा था, जिसमें उन्होंने कहा था कि उन्हें गोली लगी है जो किसी और के लिए थी और वह मदद की गुहार लगा रहे हैं। विजय के परिवार में उनकी पत्नी, 5 और 3 वर्ष के दो छोटे बेटे और माता-पिता हैं।
झारखंड श्रम विभाग के अंतर्गत राज्य प्रवासी नियंत्रण प्रकोष्ठ की प्रमुख शिखा लाकड़ा ने बताया कि उन्हें डुमरी विधायक जयराम कुमार महतो से इस घटना की शिकायत मिली है और आज उनके पार्थिव शरीर को वापस लाने की प्रक्रिया शुरू हो गई है। उन्होंने बताया कि विभाग ने मामले की जांच और पार्थिव शरीर को स्वदेश भेजने के लिए प्रवासी संरक्षक (रांची) और रियाद स्थित भारतीय दूतावास को भेज दिया है।
रियाद स्थित भारतीय दूतावास द्वारा झारखंड सरकार को दी गई आधिकारिक जानकारी के अनुसार यह घटना जेद्दा क्षेत्र में हुई, जो जेद्दा स्थित भारतीय महावाणिज्य दूतावास (सीजीआई) के अधिकार क्षेत्र में आता है। सीजीआई ने कहा कि मौत को संदिग्ध माना जा रहा है और महतो का शव मक्का के जुमुम स्थित लोक अभियोजन कार्यालय की हिरासत में तब तक रखा जाएगा जब तक कि जाँच पूरी नहीं हो जाती और पुलिस क्लीयरेंस प्रमाणपत्र जारी नहीं हो जाता।
परिवार ने की मुआवजे की मांग
शिखा ने कहा कि सरकार सऊदी अधिकारियों और नियोक्ता के संपर्क में है। परिवार के सदस्यों ने कहा कि जब तक कंपनी मुआवज़ा देने को राज़ी नहीं हो जाती, वे शव वापस लाने की औपचारिकताएं पूरी नहीं करेंगे। राम प्रसाद ने कहा कि कंपनी को ज़िम्मेदार ठहराया जाना चाहिए। जब तक हमें मुआवज़े का लिखित आश्वासन नहीं मिल जाता, हम शव नहीं लेंगे।
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