देश में चल रहे चुनाव के बीच झारखंड सरकार के मंत्री आलमगीर आलम के कई ठिकानों पर ED की रेड हुई है। इस दौरान ED को बड़ी कामयाबी हाथ लगी है। छापेमारी में भारी मात्रा में कैश बरामद की हुआ है। इस दौरान अभी तक ED ने 20 करोड़ कैश बरामद कर लिए हैं जबकि नोटों की गिनती जारी है।

झारखंड सरकार के ग्रामीण विकास मंत्री आलमगीर आलम के पर्सनल असिस्टेंट (पीएस) संजीव लाल के घरेलू सहायक के रांची आवास पर प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने कार्रवाई की। इस दौरान संजीव लाल के घरेलू सहायक के आवास से भारी मात्रा में नकदी बरामद की गई है।

ईडी ने आलमगीर आलम के पीएस के सहायक समेत कई और ठिकानों पर छापेमारी की है। जिसमें राज्य के पथ निर्माण विभाग में इंजीनियर विकास कुमार के रांची स्थित आवास पर भी छापेमारी चल रही है।

रांची में कुल 6 जगह चल रही है छापेमारी

ईडी द्वारा इसी मामले में रांची के कुल छ जगहों पर छापेमारी की जा रही है। जहां एक अन्य ठिकानें पर ईडी ने 3 करोड़ रुपये बरामद किए हैं। जबकि मंत्री आलमगीर आलम के पीएस संजीव लाल के सहायक पर चल रही छापेमारी में 20 करोड़ से ज्यादा की रकम बरामद हुई है। वहीं अभी नोटों की गिनती की जा रही है। इसके लिए ईडी ने नोट गिनने की मशीन भी मंगाई है।

फरवरी 2023 में ईडी ने झारखंड ग्रामीण विकास विभाग के मुख्य अभियंता वीरेंद्र के. राम को गिरफ्तार किया था। वीरेंद्र राम पर विभाग से जुड़े कुछ योजनाओं के कार्यान्वयन में कथित अनियमितताओं को लेकर मनी लॉन्ड्रिंग मामले में गिरफ्तार किया गया था। इसी मामले में ईडी ने जांच करते हुए मंत्री आलमगीर आलम के पीएस के सहायक के ठिकाने पर छापेमारी की। इस दौरान भारी मात्रा में कैश बरामद की गई है।

10 हजार के भ्रष्टाचार से शुरू हुई थी जांच

दरअसल इस मामले में ईडी की मानें तो छापेमारी में जो रकम बरामद की जा रही है वो काली कमाई का हिस्साा है। मामला 10 हजार रुपये के रिश्वत से शुरू हुआ था, जिसके जांच में पता चला कि राज्य के ग्रामीण विकास मंत्री आलमगीर आलम के विभाग में भ्रष्टाचार चल रहा है। ऐसी स्थिति में ईडी को आलमगीर आलम के नौकरों के बारें पता चला जिसके बाद उनके ठिकानों पर छापेमारी की गई। जहां से भारी मात्रा में कैश बरामद हुआ है। जिसको देख ईडी के अधिकारी हैरान हैं।

जांच पूरी होने से पहले टिप्पणी करना ठीक नहीं

ED की रेड को लेकर प्रदेश के ग्रामीण विकास मंत्री आलमगीर आलम ने मीडिया से बात करते हुए कहा है, ‘संजीव लाल एक सरकारी कर्मचारी है। वह मेरा निजी सचिव हैं। हालांकि इसके पहले भी संजीव दो पूर्व मंत्रियों का निजी सचिव रह चुका है। हम लोग आम तौर पर अनुभव के आधार पर निजी सचिव की नियुक्ति करते हैं। अभी ईडी की जांच चल रही है। पूरी होने से पहले छापेमारी पर टिप्पणी करना ठीक नहीं है।’

सरपंच बनकर आलम ने शुरू की थी राजनीति

राज्य के संसदीय कार्य और ग्रामीण विकास मंत्री आलमगीर आलम वर्तमान समय में पाकुड़ विधानसभा से कांग्रेस के टिकट पर विधायक हैं। सरपंच से राजनीति की शुरुआत करने वाले आलम साल 2000 में पहली बार नए नवेले राज्य झारखंड के पाकुड़ विधानसभा से विधायक बनें। इसके बाद वो साल 2004, 2014 और 2019 में भी विधायक बनें। इससे पहले आलम साल 2006 से 2009 तक झारखंड विधानसभा के अध्यक्ष भी रहे।