Champai Soren New Political Party News in Hindi: झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री चंपई सोरेन ने नई पार्टी बनाने का ऐलान कर दिया है। इस दौरान उन्होंने कहा कि वह संघर्ष करेंगे और नई पार्टी को खड़ा करेंगे। बुधवार को समाचार एजेंसी पीटीआई से बात करते हुए चंपई सोरेन ने कहा कि अगर इस दौरान रास्ते में कोई दोस्त मिला तो वह उससे हाथ भी मिलाएंगे। मौजूदा मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के जेल से बाहर आने के बाद चंपई सोरेन ने सीएम पद से इस्तीफा दे दिया था, इस्तीफा देने के कुछ दिन बाद उनकी नाराजगी उभर कर सामने आई थी।

चंपई सोरेन के बीजेपी में जाने से जुड़ी अटकलें भी जारी थी लेकिन अब चंपई सोरेन ने सभी सवालों पर विराम लगा दिया है और नई पार्टी का ऐलान करते हुए गठबंधन के सभी विकल्पों के खुले होने की बात भी कही है।

चंपई सोरेन ने शाम होते ही किया ट्वीट

पूर्व सीएम चंपई सोरेन ने एक ट्वीट कर जल्द फैसला लेने की बात कही और लिखा, “धन्यवाद झारखंड ! इस प्यार, सहयोग एवं समर्थन के लिए। पिछले साढ़े चार दशकों से आम जनता के मुद्दों को लेकर संघर्ष करता रहा हूँ, और आपका आशीर्वाद, जीवन के इस नये अध्याय में, मुझे सही फैसला लेने का हौसला दे रहा है। फिलहाल जनता से मिल रहा हूं। सन्यास लेना अब विकल्प नहीं है। सभी लोगों की राय के आधार पर, शीघ्र ही उचित फैसला लिया जाएगा।”

नई पार्टी की घोषणा करते हुए क्या बोले चंपई सोरेन?

झारखंड में जारी राजनीतिक हलचल के बीच चंपई सोरेन गठबंधन की संभावना को खुला रखते हुए नई पार्टी बनाने का ऐलान कर दिया और कहा, “मैंने तीन विकल्प बताए थे -रितायरमेंट, नया संगठन या कोई दोस्त। मैं रिटायर नहीं होऊंगा, मैं एक पार्टी को मजबूत करूंगा, नई पार्टी बनाऊंगा और अगर रास्ते में कोई अच्छा दोस्त मिलता है तो उसके साथ आगे बढ़ूंगा।”

जब चंपई सोरेन से पूछा गया कि विधानसभा चुनाव से पहले उनके पास नई पार्टी बनाने और उसे खड़ा करने के लिए ज्यादा वक़्त नहीं है तो इसके जवाब में पूर्व सीएम ने कहा, “यह आपकी समस्या नहीं है। जब हमारे साथ 30-40 हजार कार्यकर्ता आ सकते हैं तो नई पार्टी बनाने में क्या समस्या है। नई पार्टी एक हफ्ते के अंदर बन जाएगी।”

चंपई सोरेन ने क्यों लिया यह फैसला?

पूर्व मुख्यमंत्री चंपई सोरेन ने पिछले दिनों ‘अपमान’ का ज़िक्र किया था। इस घोषणा से कुछ ही दिन पहले चंपई सोरेन ने JMM नेतृत्व के साथ अपने असंतोष का संकेत दिया था। उन्होंन पार्टी नेताओं के उनकी जानकारी के बिना उनके सरकारी कार्यक्रमों को अचानक रद्द कर दिए जाने का मुद्दा उठाया था। उन्हें हेमंत सोरेन के जेल जाने के बाद मुख्यमंत्री बनाया गया था लेकिन जैसे ही हेमंत सोरेन जेल से बाहर आए उन्हे पद से इस्तीफा देना पड़ा था।