झारखंड में विधानसभा चुनाव हो रहे हैं और बीजेपी किसी भी कीमत पर कोई गलती नहीं करना चाहती है। झारखंड को बीजेपी हाथ से नहीं निकलने देना चाहती है और वापसी करना चाहती है। ऐसे में बागियों को लेकर पार्टी ने नई रणनीति बनाई है। झारखंड विधानसभा चुनाव के दौरान असम के मुख्यमंत्री और सह प्रभारी हिमंता बिस्वा सरमा बागियों के घर पहुंच कर उनसे मुलाकात कर रहे हैं और उन्हें नामांकन वापस लेने के लिए मना रहे हैं। इसी क्रम में शनिवार पूरे दिन हिमंता कई बागियों के घर पहुंचे और उन्हें मनाया।

रविंद्र राय को बनाया कार्यकारी अध्यक्ष

धनवार विधानसभा सीट से बीजेपी ने अपने प्रदेश अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी को उम्मीदवार बनाया है। यहां से रविंद्र राय चुनाव लड़ना चाहते थे। रविंद्र राय 2014 विधानसभा चुनाव के दौरान पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष थे। ऐसे में जब यहां से बाबूलाल मरांडी को टिकट दिया गया तब से वह नाराज चल रहे थे। इस बीच शनिवार देर शाम उन्हें पार्टी का कार्यकारी प्रदेश अध्यक्ष बना दिया गया। बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा के निर्देश पर यह फैसला लिया गया और बगावत को कम करने की कोशिश की गई।

इसी क्रम में गुमला के मिसिर कुजूर ने भी निर्दलीय नामांकन भरा था। शनिवार देर शाम हिमंता ने उनसे मुलाकात की और लगभग उन्हें मना लिया गया है। वह नामांकन वापस भी ले सकते हैं। वहीं कांके विधानसभा सीट से कमलेश राम ने पर्चा दाखिल किया है। हिमंता इनके भी घर पर पहुंचे और नामांकन वापस लेने का आग्रह किया। माना जा रहा है कि यह भी नामांकन वापस ले लेंगे।

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पोटका विधानसभा क्षेत्र से बीजेपी की तीन बार की विधायक मेनका सरदार ने पार्टी से इस्तीफा दे दिया था। उन्हें टिकट नहीं मिला था। पार्टी में उन्हें मनाया गया और पार्टी में दोबारा शामिल कराया गया। माना जा रहा है कि भाजपा के लिए यह शनिवार को सबसे बड़ी सफलता थी। वहीं बरकट्ठा विधानसभा सीट से कुमकुम देवी ने भी एक क्षेत्रीय पार्टी में शामिल होकर नामांकन भरा है। भाजपा ने यहां से अमित यादव को मैदान में उतारा है। अब उन्हें भी मनाया जा रहा है।

झारखंड में 81 विधानसभा सीटें हैं। बीजेपी एनडीए गठबंधन के तहत चुनाव लड़ रही है। पार्टी ने 68 सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारे हैं। जबकि 10 सीट पर आजसू, दो पर जेडीयू और एक सीट लोजपा (रामविलास) लड़ रही है।