बिहार में भाजपा संग सरकार चला रही जेडीयू ने अरुणाचल प्रदेश में पार्टी के छह विधायकों को भगवा दल में शामिल कराने पर नाराजगी जाहिर की है। जेडीयू ने इसे विश्वासघात करार दिया है। दरअसल शनिवार को पटना में जेडीयू की दो दिवसीय राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक शुरू हुई। बैठक में अगले बंगाल विधानसभा चुनाव सहित जेडीयू नेता पार्टी संबंधित विभिन्न मुद्दों पर चर्चा करने वाले थे। मगर बैठक में जेडीयू विधायकों के भाजपा में शामिल होने का मुद्दा प्रमुखता से छाया रहा। पार्टी ने इसे ना सिर्फ पीठ में छुरा घोंपने के जैसे देखा बल्कि इसे एक खतरे के रूप में भी देख रही है।

इधर पूरे घटनाक्रम के बाद बिहार में विपक्षी दल आरजेडी ने सीएम नीतीश कुमार की पार्टी के खात्मे की भविष्यवाणी करते हुए सलाह दी कि वो अब नए सहयोगियों की तलाश करें। जेडीयू की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में शामिल एक वरिष्ठ नेता ने नाम ना बताने की शर्त पर कहा कि ये विश्वासघात है। हम सहयोगी हैं और फिर भी भाजपा ने इसे महत्व नहीं दिया। इसके अलावा भगवा दल अरुणाचल प्रदेश में अच्छी स्थिति में था और इसे ऐसा करने की कोई जरुरत भी नहीं थी।

एक अन्य जेडीयू नेता ने द टेलीग्राफ से कहा कि बिहार में हमारी पार्टी को ये एक संदेश की तरह है कि कौन ज्यादा शक्तिशाली है। बता दें कि अरुणाचल प्रदेश में जेडीयू और भाजपा सहयोगी नहीं है। हालांकि जेडीयू पूर्वोत्तर राज्य में उसे बाहर से समर्थन करती है। इधर पूरे घटनाक्रम पर जेडीयू महासचिव केसी त्यागी ने नाराजगी जताई। उन्होंने कहा कि भाजपा ने गठबंधन राजनीतिक भावना के खिलाफ काम किया है।

पूरे घटनाक्रम पर सीएम नीतीश ने पूछने पर कहा कि ऐसा कुछ नहीं है। अभी हमारी मीटिंग और कॉन्फ्रेंस हैं। अरुणाचल के विधायक हमसे अलग हो गए हैं। जेडीयू सूत्रों ने कहा कि बैठक में अरुणाचल मुद्दे पर चर्चा की जाएगी मगर पार्टी इसपर कोई आधिकारिक बयान जारी नहीं करेगी।

उल्लेखनीय है कि राष्ट्रीय जनता दल (RJD) ने शनिवार को संकेत दिया कि अगर अरुणाचल प्रदेश में दलबदल के घटनाक्रम के बाद यदि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार भाजपा के साथ संबंध तोड़ लेते हैं तो उसके साथ नए सिरे से गठबंधन की संभावनाएं बन सकती हैं। आरजेडी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष शिवानंद तिवारी ने स्पष्ट किया कि गेंद जेडीयू नेतृत्व के पाले में हैं, जिन्हें समझना चाहिए कि अरुणाचल प्रदेश में जेडीयू विधायकों के सामूहिक रूप से भाजपा में शामिल होने के घटनाक्रम का मकसद ‘पुरानी बातों का बदला लेना’ है।