KC Tyagi On Agniveer Scheme: मोदी सरकार के तीसरे कार्यकाल में सहयोगी दलों का असर शपथग्रहण समारोह से पहले ही नजर आने लगा है। एनडीए में सहयोगी पार्टी जनता दल यूनाइटेड (JDU) के महासचिव और प्रवक्ता केसी त्यागी ने अग्निपथ स्कीम को लेकर बड़ा बयान दिया है। त्यागी ने कहा कि अग्निपथ स्कीम पर दोबारा से विचार करने की जरूरत है। इसके अलावा उन्होंने यूनिफॉर्म सिविल कोड और वन नेशन वन इलेक्शन को लेकर भी अपना पक्ष रखा है।

जेडीयू नेता केसी त्यागी ने कहा कि अग्निवीर स्कीम को लेकर काफी विरोध हुआ था। इसका असर लोकसभा के चुनावों में भी देखने को मिला। इस पर एक बार फिर से विचार करने की जरूरत है। उन्होंने आगे कहा कि जो सुरक्षाकर्मी सेना में तैनात थे। जब अग्निवीर योजना चलाई गई तो बड़े तबके में काफी नाराजगी थी। मेरा मानना है कि उनके परिवार ने भी चुनाव का विरोध किया। इसमें नए तरीके से विचार करने की जरूरत है। कांग्रेस ने आम चुनाव में अग्निवीर स्कीम को एक बड़ा मुद्दा बनाया था। कांग्रेस ने साफ कहा था कि सत्ता में आने के बाद अग्निवीर स्कीम को कूड़े के डब्बे में डाल देंगे।

यूसीसी को लेकर क्या बोले केसी त्यागी

जेडीयू के महासचिव और प्रवक्ता केसी त्यागी ने यूनिफॉर्म सिविल कोड को लेकर भी अपनी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने कहा कि हमारा रूख पहले की तरह ही साफ है। सभी स्टेक होल्डर को साथ लेकर चलने की आवश्यकता है। समान नागरिक संहिता पर बिहार के सीएम नीतीश कुमार ने विधि आयोग के चैयरमैन को लेटर लिखा था और कहा था कि हम इसके खिलाफ नहीं है। इसके लिए काफी विचार विमर्श की जरूरत है।

वन नेशन वन इलेक्शन पर जताया समर्थन

केसी त्यागी ने वन नेशन वन इलेक्शन को समर्थन दिया है। जेडीयू नेता ने कहा कि जहां तक एक देश-एक चुनाव की बात है तो हम इसका समर्थन करते हैं। उन्होंने आगे कहा कि हम एनडीए के मजबूत सहयोगी के तौर उभर कर सामने आए हैं। हम वाजपेयी की एनडीए सरकार में कई जरूरी मंत्रालयों का जिम्मा भी संभाल चुके हैं। बिहार से पलायन रोकने के लिए हम उसे विशेष राज्य का दर्जा देने की मांग कर रहे हैं। यह पीएम का विशेषाधिकार है कि वह कौन सा मंत्रालय किसे देते हैं। हमारी कोई भी मांग मंत्रालय को लेकर नहीं है।

जाति आधारित जनगणना समय की मांग- केसी त्यागी

जाति आधारित जनगणना पर जेडीयू प्रवक्ता केसी त्यागी ने कहा कि देश में किसी भी पार्टी ने जाति आधारित जनगणना को ना नहीं कहा है। बिहार ने रास्ता दिखाया है। प्रधानमंत्री ने भी सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल में इसका विरोध नहीं किया। जाति आधारित जनगणना समय की मांग है। हम इसे आगे बढ़ाएंगे। उन्होंने यह भी कहा कि कोई पूर्व शर्त नहीं है। बिना शर्त समर्थन है। लेकिन बिहार को विशेष दर्जा दिया जाना हमारे दिल में है।