जनता दल-युनाइटेड (जदयू) की केरल इकाई ने गुरुवार को बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार द्वारा भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के साथ गठबंधन का विरोध किया और कहा कि वह उनके साथ अपना संबंध तोड़ रही है। जदयू की केरल इकाई के प्रमुख व राज्यसभा के सदस्य वीरेंद्र कुमार ने यहां संवाददाताओं को बताया कि वह फासीवादी शक्तियों के खिलाफ लड़ाई में उच्च सदन से इस्तीफा देने के लिए भी तैयार हैं। उन्होंने कहा, “इसकी जो भी कीमत होगी, हम चुकाने के लिए तैयार हैं।”
उन्होंने कहा, “हमें जदयू का राजग के साथ गठबंधन स्वीकार नहीं है और नीतीश कुमार के साथ हमारे संबंध समाप्त हो चुके हैं। यह चौंकाने वाला है कि नीतीश कुमार राजग में शामिल हो गए। हम सभी ने सोचा था कि वह फासीवादी प्रवृत्तियों के खिलाफ जंग करेंगे लेकिन वह अब इसका एक हिस्सा बन गए हैं।”
वीरेंद्र कुमार ने कहा कि वह उम्मीद करते हैं कि जदयू के वरिष्ठ नेता शरद यादव और बिहार में पार्टी के विधायक नीतीश कुमार के निर्णय को स्वीकार नहीं करेंगे। उन्होंने कहा, “मैं शरद यादव और जदयू विधायकों को फोन कर कहूंगा कि वे कहें कि हम इसे स्वीकार नहीं करते हैं।”
उन्होंने कहा कि वह 5 अगस्त को उप राष्ट्रपति के चुनाव के बाद केरल लौट आएंगे और भविष्य की योजना पर निर्णय लेने के लिए राज्य परिषद बैठक आयोजित करेंगे। नीतीश कुमार ने बुधवार को महागठबंधन से अलग होकर भाजपा के साथ गठबंधन कर गुरुवार सुबह बिहार के मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली।
वहीं कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने गुरुवार को बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर महागठबंधन को धोखा देने और ‘व्यक्तिगत स्वार्थ’ के लिए भाजपा से हाथ मिलाने को लेकर निशाना साधा। राहुल ने संसद के बाहर संवाददाताओं से कहा, “हम जानते थे कि पिछले तीन-चार महीनों से क्या चल रहा था। भारतीय राजनीति के साथ यही समस्या है। सत्ता और राजनीतिक स्वार्थ के लिए वे किसी भी चीज के साथ समझौता कर सकते हैं।”
राहुल की टिप्पणी नीतीश कुमार के छठी बार बिहार के मुख्यमंत्री के रूप में शपथ लेने के तत्काल बाद आई है। राहुल ने कहा कि भारतीय राजनीति में कोई नियम या विश्वसनीयता नहीं है।