बंगलूर/चेन्नई। जेल में बंद अन्नाद्रमुक प्रमुख जे जयललिता ने सोमवार को कर्नाटक हाई कोर्ट में एक याचिका दाखिल कर विशेष अदालत के फैसले को चुनौती दी और अपने खिलाफ आय के ज्ञात स्रोतों से अधिक संपत्ति के मामले में जमानत मांगी। दो दिन पहले ही 66 वर्षीय जयललिता को विशेष अदालत ने इस मामले में दोषी ठहराते हुए चार साल कैद की सजा सुनाई जिसके नतीजे में उन्हें विधानसभा की सदस्यता और मुख्यमंत्री पद गंवाना पड़ा।
माना जा रहा है कि जयललिता के कानूनी दल ने जमानत और दोषसिद्धि पर स्थगन के लिए दायर याचिका के लिए दलीलें पेश करने के लिए सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ वकील राम जेठमलानी की सेवाएं ली हैं। ये याचिकाएं संभवत: मंगलवार को सुनवाई के लिए अवकाश पीठ के समक्ष पेश हों।
जयललिता ने याचिका में कहा है कि उनके खिलाफ लगाए गए आरोप झूठे हैं और उन्होंने कानूनी तरीके से संपत्ति अर्जित की है। उन्होंने दलील दी है कि निचली अदालत ने कई फैसलों को नजरअंदाज किया है और विभिन्न आयकर आदेशों व आयकर अपीलीय न्यायाधिकरण के फैसलों की बाध्यकारी प्रकृति पर विचार नहीं किया जबकि इन सब ने उनकी तरफ से पेश की गई आय और खर्च के स्तर को स्वीकार किया है। जयललिता के वकील अशोकन ने बंगलूर में बताया कि पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा है कि उन्होंने फिल्मों में अभिनय कर धन अर्जित किया है और कानूनी तरीके से संपत्ति खरीदी है।
अन्नाद्रमुक कानूनी दल के सदस्य सी. दुरैपांडियन ने कहा कि उन्होंने दोषसिद्धि और सजा के निलंबन के लिए एक अपील दायर की है और पार्टी प्रमुख पर लगाए गए 100 करोड़ रुपए का जुर्माना अदा करने से भी इनकार किया है। जयललिता ने इन आरोपों से भी इनकार किया कि उनकी जया पब्लिकेशंस में कोई हिस्सेदारी है। उन्होंने कहा कि वे इससे किसी भी रूप में जुड़ी हुई नहीं हैं।
जयललिता की करीबी सहेली शशिकला, उनके संबंधी वीएन सुधाकरण और इलावरासी ने भी हाई कोर्ट में याचिका दाखिल कर इस मामले में अपनी दोषसिद्धी को चुनौती देते हुए जमानत मांगी। विशेष अदालत के ऐतिहासिक फैसले में भ्रष्टाचार के मामले में पहली बार किसी मुख्यमंत्री को दोषी ठहराया गया है। जयललिता सहित चारों आरोपियों को आय के ज्ञात स्रोतों से अधिक संपत्ति रखने का दोषी ठहराया गया।
बंगलूर की पराप्पना अग्राहरा केंद्रीय जेल में तीन दिन से बंद जयललिता के लिए सोमवार का दिन सामान्य रहा। जेल सूत्रों ने बताया कि उनकी किसी से मुलाकात नहीं हुई। शायद वे किसी से मिलने के मूड में नहीं थीं। जेल के डाक्टरों ने उनकी नियमित जांच की।
उधर, तमिलनाडु के मुख्यमंत्री पद की शपथ लेने के कुछ ही घंटे बाद जयललिता के करीबी ओ पनीरसेल्वम अपनी कैबिनेट के वरिष्ठ सहयोगियों के साथ जयललिता से मुलाकात के लिए बंगलूर रवाना हो गए। हवाई अड्डा सूत्रों ने बताया कि नाथम आर विश्वनाथन, आर वैद्यलिंगम, एडापडी पलानीसामी, सी विजयभास्कर, केसी वीरामणि और बीवी रमण सहित पार्टी के वरिष्ठ नेता और कैबिनेट मंत्री भी मुख्यमंत्री के साथ एक निजी विमान से बंगलूर गए।
जयललिता को चार साल कैद की सजा सुनाए जाने से आहत उनके कम से कम 16 समर्थकों के तमिलनाडु में जान देने की बात कही जा रही है। पुलिस ने बताया कि 65 वर्षीय अन्नाद्रमुक कार्यकर्ता एस वेंकटेशन की यहां के एक अस्पताल में मौत हो गई। उन्होंने किरोसिन डालकर खुद को आग लगा ली थी। अन्य घटनाओं में तीन और लोगों ने फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली, जबकि एक अन्य ने तेज रफ्तार बस के आगे कूदकर अपनी जान ले ली। उन्होंने कहा कि दस लोगों को दिल का दौरा पड़ने की बात कही जा रही है जो फैसले से दुखी थे। एक और व्यक्ति की सदमे से मौत हो गयी। कथित रूप से आत्महत्या करने वाले लोगों में 12वीं कक्षा के दो छात्र शामिल हैं जिन्होंने तिरूपुर में खुद को आग लगा ली।
अन्नाद्रमुक कार्यकर्ताओं ने तमिलनाडु में लगातार तीसरे दिन प्रदर्शन व उपवास जारी रखा। पुलिस ने कहा कि अभी तक किसी अप्रिय घटना की खबर नहीं है।
अन्नाद्रमुक की महिला शाखा की पदाधिकारियों ने यहां के मरीना समुद्रतट पर पार्टी संस्थापक एमजी रामचंद्रन के स्मारक पर भूख हड़ताल की। इसी तरह मदुरै, इरोड, तूतीकोरिन, रामेश्वरम और कन्याकुमारी जिलों समेत कई जगहों पर पार्टी की विभिन्न शाखाओं ने विरोध प्रदर्शन किया और जयललिता के समर्थन में नारेबाजी की। हालांकि प्रदर्शनों की वजह से परिवहन सेवाएं बाधित नहीं हुईं और बसें व अन्य सार्वजनिक वाहन आम दिनों की तरह चलते रहे।