दिल्ली उच्च न्यायालय ने कथित रक्षा सौदे से जुड़े भ्रष्टाचार के एक मामले में समता पार्टी की पूर्व अध्यक्ष जया जेटली को सुनायी गयी चार साल कैद की सजा पर बृहस्पतिवार को रोक लगा दी। जेटली के वकील ने इस बारे में बताया। वकील अभिजात ने बताया कि न्यायमूर्ति सुरेश कुमार कैत ने अपनी दोषसिद्धि और सजा को चुनौती देने वाली जेटली की याचिका पर सीबीआई से जवाब भी मांगा है। जेटली की ओर से वरिष्ठ वकील मुकुल रोहतगी और पी पी मल्होत्रा ने पैरवी की।
इससे पहले दिल्ली की एक अदालत ने समता पार्टी की पूर्व अध्यक्ष जया जेटली को चार साल की कैद की सजा सुनाई थी। जया को यह सजा लगभग 20 साल पुराने रक्षा सौदे में कथित भ्रष्टाचार के मामले में सुनाई गई। जया के अलावा उनके पूर्व पार्टी सहयोगी गोपाल पचेरवाल और रिटायर्ड मेजर जनरल एस. पी. मुरगई को भी चार साल कैद की सजा सुनाई गई।
विशेष सीबीआई जज वीरेंदर भट के समक्ष सीबीआई की ओर से पेश वकील ने कोर्ट से कहा था कि दोषियों को अधिक से अधिक सजा देनी चाहिए, क्योंकि उनके द्वारा किए गए अपराध प्रकृति भी बेहद गंभीर है। सीबीआई ने दोषियों को अधिकतम सात साल जेल की सजा देने की मांग की थी। जबकि न्यायाधीश वीरेन्द्र भट ने गुरुवार तक के लिए अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था। तीनों दोषियों पर एक-एक लाख रुपये का जुर्माना लगाया गया और उन्हें आज शाम पांच बजे तक आत्मसमर्पण करने का निर्देश दिया गया है। इस मामले में अदालत की कार्रवाई बंद कमरे में हुई है।
जनवरी 2001 में न्यूज पोर्टल तहलका ने ‘ऑपरेशन वेस्टएंड’ नामक स्टिंग किया था। जिसके बाद यह मामला सुर्खियों में आया था। इस स्टिंग ऑपरेशन में दोषियों को काल्पनिक कंपनी बनाकर सेना के लिए हाथ से संचालित होने वाले थर्मल इमेजर्स की आपूर्ति ऑर्डर के लिए रिश्वत लेते दिखाया गया था।
अदालत ने अपने फैसले में कहा कि जेटली ने संदिग्ध कंपनी वेस्टेंड इंटरनेशनल के प्रतिनिधि मैथ्यू सैम्युअल से दो लाख रुपये गैर कानूनी तरीके से लिए थे जबकि मुरगई को 20 हजार रुपये मिले। तीनों आरोपियों के साथ सुरेंद्र कुमार सुरेखा आपराधिक साजिश के मामले में पक्षकार थे, लेकिन सुरेखा बाद में सरकारी गवाह बन गए थे।
इस मामले का खुलासा होने के बाद रक्षा मंत्री फर्नांडीज को तत्कालीन अटल बिहारी वाजपेयी सरकार से इस्तीफा देना पड़ा था। जया रक्षा मंत्री फर्नांडीज की बेहद करीबी थी। अदालत ने तीनों आरोपियों- जेटली, पछेरवाल और मुरगई- को आपराधिक साजिश और भ्रष्टाचार निरोधी कानून की धारा-9 के तहत दोषी करार दिया है।