जब से महाराष्ट्र में राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) में बागी बनकर वरिष्ठ नेता अजित पवार सत्ताधारी पार्टी भाजपा – शिवसेना के साथ सरकार में शामिल हुए हैं, तब से कई दूसरे दलों और राज्यों में भी इस तरह के राजनीतिक बदलाव होने की आशंकाएं बढ़ती जा रही हैं। अगले साल 2024 में लोकसभा का चुनाव भी होना है। ऐसे में सभी दल अपने सहयोगी और विरोधी दलों के बारे में हिसाब-किताब लगाने और एकजुटता बनाए रखने के लिए सक्रिय हो गये हैं। फिलहाल कर्नाटक के पूर्व मुख्यमंत्री जनता दल (सेक्युलर) के नेता एचडी कुमारस्वामी ने यह दावा करके खलबली मचा दी है कि वहां भी कुछ-कुछ महाराष्ट्र जैसे हालात बन रहे हैं।

कुमारस्वामी ने साल भर के अंदर कर्नाटक सरकार गिरने की भविष्यवाणी की

उन्होंने कहा कि उन्हें चिंता है कि कर्नाटक में भी एक अजित पवार गुट उभर सकता है। एचडी कुमारस्वामी ने यह भविष्यवाणी भी की कि साल भर के अंदर ही कर्नाटक की सरकार गिर जाएगी। हालांकि उन्होंने कर्नाटक में अजित पवार कौन होगा, यह नाम बताने से इंकार कर दिया। यह भी कहा कि देश की सबसे पुरानी पार्टी कांग्रेस अपनी जिम्मेदारी ढंग से नहीं निभा रही है। इसी वजह से मजबूत विपक्ष का गठन नहीं हो पा रहा है।

सरकार में एक नहीं कई मुख्यमंत्री हैं, अहम की लड़ाई जारी

कर्नाटक में हाल ही में हुए विधानसभा चुनाव में कांग्रेस पार्टी पूर्ण बहुमत के साथ सत्ता में आई है। इस सरकार को लेकर कुमारस्वामी ने आशंका जताई कि इसमें एक नहीं, बल्कि कई मुख्यमंत्री हैं। इसकी वजह से पार्टी के अंदर अहम की लड़ाई तेज हो गई है। कुमारस्वामी का मानना है कि राज्य में सरकार जरूर बदली है, लेकिन रवैया वही है।

पूर्व मुख्यमंत्री एचडी कुमारस्वामी ने विधानसभा सत्र शुरू होने के ठीक पहले सत्तारूढ़ कांग्रेस पर हमला बोलते हुए कहा कि राज्य में “कैश फॉर ट्रांसफर” उद्योग चल रहा है। पिछले सरकार में भी भ्रष्टाचार था और इस सरकार में भी भ्रष्टाचार है। अफसरों का तबादला मनमानी ढंग से हो रहा है। कुमारस्वामी ने आरोप लगाया कि पैसे लेकर तबादला कराने वालों का गिरोह जीएसटी की तरह टैक्स वसूलता है। जेडीएस नेता ने यह भी कहा कि ऐसा कुछ विभागों में नहीं है, बल्कि सभी विभाग इस तरह के भ्रष्टाचार में डूबे हैं। स्वामी ने बताया कि जीएसटी की तरह वाईएसटी वसूली चल रही है।

कुमारस्वामी ने कहा बिहार में शुरू हुई मोदी सरकार के खिलाफ विपक्षी दलों की महागठबंधन बनाने की कवायद में उनकी पार्टी को नहीं आमंत्रित किया गया है। लिहाजा वे या उनकी पार्टी का कोई सदस्य इसमें भाग नहीं लेगा।