पर्यावरण को नुकसान पहुंचाने वालों के खिलाफ मुहिम चलाने वाले विश्व के अलग-अलग जगहों के 16 बच्चों ने पांच देशों की सरकारों के खिलाफ संयुक्त राष्ट्र में शिकायत दर्ज कराई है। स्वीडन की 16 साल की ग्रेटा थनबर्ग के साथ जो 16 बच्चे इस मुहिम में शामिल हुए थे,उन्हीं में से एक है हरिद्वार की रिद्धिमा पांडे।
सफल मुहिम के बाद अमेरिका के न्यूयॉर्क के संयुक्त राष्ट्र के मुख्यालय से हरिद्वार लौटीं रिद्धिमा पांडे बेहद खुश हैं। उन्होंने बताया कि अमेरिका में उसे बहुत अच्छा लगा। उन्होंने संयुक्त राष्ट्र में पर्यावरण को लेकर उसने अपनी बात रखी। रिद्धिमा की माता विनीता पांडे भी अपनी लाडली बेटी की इस कामयाबी से बहुत खुश हैं।
रिद्धिमा भारत की अकेली बेटी हैं जिन्हें ग्रेटा की 16 सदस्यीय टीम में शामिल होने का मौका मिला। रिद्धिमा की इस कामयाबी पर संत समाज भी बेहद खुश नजर आया। परमार्थ निकेतन के स्वामी चिदानंद मुनि खुद उनका स्वागत करने देहरादून के जौलीग्रांट हवाई अड्डे पर मौजूद थे। स्वामी चिदानंद मुनि ने कहा कि दो साल पहले ही रिद्धिमा उनके परमार्थ आश्रम में उनसे आशीर्वाद लेने गंगा तट पर आई थीं। तब उन्होंने रिद्धिमा से कहा था कि एक दिन तुम भारत का नाम रोशन करोगी और उन्होंने यह कर दिखाया। बचपन से ही उनमें पर्यावरण के प्रति जागरूकता है। रिद्धिमा की मां विनीता पांडे का कहना है कि उन्होंने पूरे भारत का नेतृत्व संयुक्त राष्ट्र में किया। और आज लोग मुझे रिद्धिमा की मां के नाम से जानते हैं। यह एक मां के लिए बहुत बड़े गर्व की बात है।
छोटी सी उम्र में अपने पिता से मिली प्रेरणा के कारण रिद्धिमा लगातार जलवायु परिवर्तन के लिए लड़ाई लड़ती रहती हैं। उन्हें पता है कि हमारे समाज और देश पर जलवायु परिवर्तन का क्या असर पड़ रहा है। रिद्धिमा के पिता दिनेश पांडे पर्यावरणविद् हंै और मां विनीता पांडे उत्तराखंड के वन विभाग में कार्यरत हैं। इसलिए रिद्धिमा को घर में ही पर्यावरण के बारे में बचपन से जानकारियां मिली हैं। रिद्धिमा को 2013 में केदारनाथ में आई आपदा ने झकझोर दिया । जब उसने इसके बारे में मीडिया खबरें देखीं तो उन्होंने तभी संकल्प लिया कि वे पर्यावरण की रक्षा के लिए कार्य करेंगी।
2017 में रिद्धिमा ने पृथ्वी की रक्षा के लिए हुए पेरिस समझौते का भारत में पूरी तरह से पालन न होने के खिलाफ राष्ट्रीय हरित प्राधिकरण (एनजीटी)में अपील की। जिसे एनजीटी ने यह कहकर खारिज कर दिया कि भारत सरकार पेरिस समझौते का पूरा पालन कर रही है। एनजीटी के इस फैसले के खिलाफ रिद्धिमा ने उच्चतम न्यायालय नई दिल्ली में अपील की है।
रिद्धिमा ने ऋषिकेश और हरिद्वार में कांवड़ यात्रा के दौरान गंगा में बढ़ते प्रदूषण और हरिद्वार के वातावरण के बिगड़ते स्वरूप के बारे में भी अध्ययन किया है। इस अध्ययन में बताया गया है कि कांवड़ मेले के दौरान दंगा में प्रदूषण बेहद बढ़ जाता है और हरिद्वार और ऋषिकेश का पर्यावरण भी तेजी से बिगड़ता है। रिद्धिमा पर्यावरण की रक्षा के लिए जन जागरण कार्यक्रम भी अपने स्तर पर चलाती हैं।
रिद्धिमा को नार्वे की पर्यावरण से जुड़ी एक संस्था एक्सवाइएनटीईओ ने 9 और 10 अक्तूबर को आयोजित पर्यावरण संरक्षण को लेकर हो रही अंतरराष्ट्रीय गोष्ठी में बतौर मुख्य वक्ता बुलाया है। इस गोष्ठी का विषय पर्यावरण और विकास के बीच संतुलन है।
पर्यावरणविद् राजेंद्र कुमार अग्रवाल का कहना है कि रिद्धिमा कि यह महत्त्वपूर्ण कामयाबी बच्चों को नई प्रेरणा देगी और रिद्धिमा ने पर्यावरण की रक्षा के लिए जो अलख जगाई है, वह वास्तव में काबिले तारीफ है।

