जम्मू और कश्मीर के बारामूला में गुरुवार (25 अक्टूबर) शाम सुरक्षाबलों को बड़ी कामयाबी मिली। एनकाउंटर के दौरान जवानों ने दो आतंकियों को मार गिराया और ऑपरेशन को खत्म किया। टीवी मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, मारे गए आतंकियों का ताल्लुक आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा से था। सुरक्षाबलों ने खून से सने उनके शवों के आस-पास से कुछ हथियार भी बरामद किए।
इससे पहले, श्रीनगर के नौगाम में बुधवार (24 अक्टूबर) को सुरक्षाबलों संग मुठभेड़ में एक एमफिल डिग्रीधारक समेत हिज्बुल मुजाहिदीन के दो आतंकी मार गिराए गए थे। सुरक्षाबलों की ओर से की गई इस कार्रवाई को हिज्बुल मुजाहिदीन के लिए बड़ा झटका माना गया।
एक पुलिस अधिकारी ने इस बारे में बताया कि दोनों आतंकियों की पहचान एमफिल अध्येता सबजार अहमद सोफी (33) और आसिफ अहमद के रूप में हुई। जुलाई, 2016 में हिज्बुल मुजाहिदीन के कमांडर बुरहान वानी के मारे जाने के अगले दिन सोफी हिज्बुल मुजाहिदीन से जुड़ा था। उसने भोपाल के बरकतुल्लाह विश्वविवद्यालय से एमएससी और राजस्थान के एक विश्वविद्यालय से एमफिल की थी।
आतंकवाद से जुड़कर सुरक्षाबलों के साथ मुठभेड़ में मारा जाने वाला वह इस साल तीसरा उच्च शिक्षा प्राप्त व्यक्ति है। उसके पास बीएड की डिग्री भी थी और उसने राष्ट्रीय अर्हता परीक्षा और जूनियर रिसर्च फेलोशिप भी उत्तीर्ण किया था। इसी महीने अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय का शोध छात्र मन्नान बशीर उत्तरी कश्मीर के कुपवाड़ा में सुरक्षाबलों के साथ मुठभेड़ में मारा गया था।
उससे पहले कश्मीरी विश्वविद्यालय का सहायक प्रोफेसर रफी भट इस साल मई में आतंकी बनने के दो दिन बाद ही शोपियां जिले में मुठभेड़ में मारा गया। हाल के वर्षो में उच्च शिक्षा प्राप्त युवकों के आतंकवाद के रास्ते पर जाने की प्रवृति बढ़ी है। इसी साल गुलाम शाह बादशाह विश्वविद्यालय का इंजीनियरिंग स्नातक इसा फाजली मुठभेड़ में मारा गया था।
फाजली के आतंकवाद से जुड़ने के बाद एमबीए छात्र जुनैद अशरफ भी आतंकवादी संगठनों में शामिल होने के लिए गायब हो गया था। अशरफ तहरीक-ए-हुर्रियत के अध्यक्ष मोहम्मद अशरफ शहराई का बेटा था। अधिकारी के अनुसार, अभियान के दौरान मानक संचालन प्रक्रिया का पालन किया गया और मुठभेड़ के दौरान आसपास कोई नुकसान नहीं पहुंचा। (भाषा इनपुट्स के साथ)