Rajouri Terror Attack: जम्मू के जिला राजोरी की दरहाल तहसील के परगाल ढोक स्थित सेना के कंपनी ऑपरेटिंग बेस कैंप पर आतंकवादियों की हमले की साजिश को सेना के जवानों ने नाकाम कर दिया। 11 अगस्त को हुए इस फिदायीन हमले में भारतीय सेना के 3 जवान शहीद हो गए। वहीं भारतीय जवानों ने जवाबी कार्रवाई में दो आतंकवादियों को मौके पर ही ढेर कर दिया।
रक्षाबंधन के दिन हुए इस फिदायीन हमले में शहीद होने वाले जवानों में सूबेदार राजेंद्र प्रसाद, राइफलमैन मनोज कुमार, निशांत मलिक और राइफलमैन लक्ष्मणन डी शामिल हैं। इसमें 21 वर्षीय राइफलमैन निशांत मलिक ने बुधवार को एक वीडियो कॉल पर हरियाणा के हिसार जिले के हांसी शहर में स्थित अपने परिवार के साथ बात की थी।
मलिक तीन बहनों के इकलौते भाई थे:
गुरुवार की सुबह रक्षाबंधन के दिन निशांत मलिक की बहन ने उन्हें फोन किया था। लेकिन बात नहीं हो सकी। बाद में हांसी में तैनात एक उप-मंडल अधिकारी (सार्वजनिक स्वास्थ्य) रणबीर मलिक ने बताया, “शाम को निशांत मलिक के परिवार को उनके शहादत की जानकारी दी गई।” बता दें कि निशांत मलिक तीन बहनों के इकलौते भाई थे।
बहनों को नहीं पता था कि ये आखिरी बात है:
मलिक ने शहीद होने से एक दिन पहले रात में अपनी बहनों से वीडियो कॉल पर बात की थी। बहनों ने मलिक से गुरुवार की सुबह राखी लेकर अपने हाथ में बांधने की बात कही थी। लेकिन बहनों को अंदाजा नहीं था कि वो अपने भाई से आखिरी बार बात कर रही हैं। अगले ही दिन सुबह आर्मी हेडक्वार्टर से निशांत के शहीद होने की सूचना मिली।
निशांत मलिक का पार्थिव शरीर शुक्रवार रात तक उनके पैतृक घर पहुंचेगा। मलिक के पिता जयबीर सिंह रिटायर्ड हवलदार हैं और वे भी कारगिल युद्ध में लड़ चुके हैं। शहीद निशांत मलिक के पिता ने बताया कि निशांत 11 राष्ट्रीय राइफल में तैनात थे। राजौरी के नौसेरा सेक्टर में उनकी ड्यूटी लगी थी।
उन्होंने कहा कि आर्मी को सूचना मिली कि पास के गांव में आतंकवादी हैं। जब आर्मी के जवान वहां पहुंचे तो आतंकवादियों ने उनपर हमला कर दिया। इस मुठभेड़ में दो आतंकी मारे गए। हालांकि आतंकवादियों के हमले में सेना के चार जवान शहीद हो गए, जिनमें निशांत मलिक भी थे।