Reasi Bus Attack: पीएम मोदी और उनकी शपथग्रहण के दिन ही 9 जून को जम्मू कश्मीर के रियासी में हुए आतंकी हमले ने पूरे देश को हिला दिया है। इस हमले में यूपी, राजस्थान और दिल्ली के तीर्थयात्रियों की एक बस को आतंकियों ने निशाना बनाया था, जिसके चलते 2 बच्चों समेत कुल 9 लोगों की मौत हो गई थी और करीब 41 लोग घायल हो गए थे। इस हमले को लेकर जम्मू कश्मीर समेत पूरे देश में पाकिस्तान के खिलाफ विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं। दावा है कि इस हमले में शामिल आतंकी पाकिस्तान से ही जुड़े थे।

तीर्थयात्रियों पर हमला करने वाले ये आतंकी लश्कर ए तैय्यबा के बताए जा रहे हैं, जिनकी संख्या तीन थी। हमले के बाद से सुरक्षाबल आक्रामक तरीके से सर्च ऑपरेशन चला रही है, जिसमें ड्रोन की भी मदद ली जा रही है। रिपोर्ट के मुताबिक ये आतंकी सेना के स्टाइल वाले कपड़ों में थे और उनके चेहरे पर नकाब था। इन आतंकियों ने तेरयाथ गांव के पास तीर्थयात्रियों की बस पर फायरिंग की और ड्राइवर को गोली लगने के चलते बस पहाड़ों में जा गिरी।

NIA ने घटनास्थल पर जाकर की जांच

बता दें कि इस हमले की जांच एनआईए और SIA एक साथ कर रही है सोमवार को दोनों ही एजेंसियों घटनास्थल का दौरा किया था। दूसरी ओर जम्मू क्षेत्र में पाकिस्तान के खिलाफ लोगों ने जमकर विरोध प्रदर्शन और नारेबाजी की। जम्मू के कटरा से लेकर डोडा, कठुआ जैसे इलाकों में सड़कों पर उतर आए और पाकिस्तान के खिलाफ जमकर नारेबाजी की।

उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने सोमवार को जीएमसी और नारायणा अस्पतालों में घायल यात्रियों से मुलाकात की है। उपराज्यपाल ने कहा कि यह आतंकी हमला जम्मू क्षेत्र में अशांति फैलाने की नापाक साजिश का हिस्सा था। उन्होंने कहा कि इस तरह के प्रयासों को विफल किया जाएगा।

पाकिस्तान के खिलाफ कार्रवाई की मांग

बता दें कि जम्मू क्षेत्र के कटरा, डोडा, कठुआ जिले में लोगों ने पाकिस्तान के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया। साथ ही ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए सरकार से कड़े फैसले लेने की मांग भी की है। प्रदर्शनकारियों ने पाकिस्तान पर आतंकवाद को बढ़ावा देने के आरोप लगाते हुए कहा कि पड़ोसी देश के खिलाफ अब कार्रवाई जरूरी हो गई है।