Jammu Kashmir News: जम्मू कश्मीर में आतंकी और अलगाववादी संगठनों के खिलाफ ताबड़तोड़ एक्शन हो रहा है। इसके तहत ही पुलिस ने जम्मू और कश्मीर के बारामूला जिले के सोपोर में कई स्थानों पर गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम के प्रावधानों के तहत समन्वित छापेमारी की है।
पुलिस का यह एक्शन अहम इसलिए है क्योंकि यह कार्रवाई संगठन सैयद अली शाह गिलानी द्वारा 2004 में स्थापित प्रतिबंधित तहरीक-ए-हुर्रियत समूह के खिलाफ चल रही जांच का हिस्सा है।
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किसके ठिकानों पर हुई छापेमारी?
इस कार्रवाई में पुलिस ने डांगरपोरा में ज़फ़्फ़र इस्लाम, आरामपोरा में लतीफ़ अहमद कालू और सोपोर के तौहीद बाग़ में मोहम्मद अशरफ़ मलिक के आवासों और परिसरों में तलाशी ली गई। पुलिस ने बताया कि इस अभियान के दौरान, “संबंधित सामग्री और इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों की जांच की गई और चल रही जांच के अंतर्गत कानून द्वारा अनिवार्य आगे की कार्यवाही की जा रही है।
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गिलानी ने की थी संगठन की स्थापना
बता दें कि तहरीक-ए-हुर्रियत की स्थापना गिलानी ने तब की थी, जब उसने अपने मूल संगठन, जमात-ए-इस्लामी से अलग होने का फैसला किया था। 2023 में केंद्र सरकार ने इसे एक गैरकानूनी संगठन घोषित कर प्रतिबंधित कर दिया था। पिछले एक महीने में पुलिस ने कश्मीर भर में विभिन्न व्यक्तियों और संगठनों के खिलाफ छापेमारी की है, जिनमें जमात-ए-इस्लामी भी शामिल है।
भारत विरोधी प्रचार करने का आरोप
बुधवार को जम्मू-कश्मीर पुलिस ने जमात-ए-इस्लामी के खिलाफ कार्रवाई करते हुए नौ पुलिस जिलों में छापेमारी की, जो 2019 से प्रतिबंधित है। तहरीक-ए-हुर्रियत पर प्रतिबंध की घोषणा केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने की। उन्होंने कहा कि यह संगठन जम्मू-कश्मीर को भारत से अलग करने और इस्लामी शासन स्थापित करने जैसी निषिद्ध गतिविधियों में शामिल है। यह समूह भारत विरोधी दुष्प्रचार फैला रहा है और जम्मू-कश्मीर में अलगाववाद को बढ़ावा देने के लिए आतंकी गतिविधियों को अंजाम दे रहा है।
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