जम्मू-कश्मीर में मनरेगा के तहत किए गए कार्यों के भुगतान में हो रहे देरी का विरोध करते हुए लगभग 50 से ज्यादा सरपंचो ने तवी पुल पर जाम लगाने की कोशिश की जिसके बाद पुलिस उन्हें गिरफ्तार कर पुलिस लाइन ले गई। बताया जा रहा है कि पिछले एक साल से इनका भुगतान नहीं किया गया है। जिसको लेकर प्रदेश भर में सरपंचो की नाराजगी देखने को मिल रही है। बता दें कि बकाया राशि 1000 करोड़ रुपये की मंजूरी भाजपा और पीडीपी की सरकार ने मंजूरी दे दी थी।

1000 करोड़ की मंजूरी दे चुकी है भाजपा-पीडीपी सरकार: गौरतलब है कि पुलिस प्रदर्शन कर रहे सरपंचों को हिरासत में लेकर पुलिस लाइंस ले गई। जहां उन्हें जमानत बांड भरने के बाद रिहा कर दिया गया है। प्रदर्शनकारी सरपंचों की मांग है कि मनरेगा के तहत जम्मू-कश्मीर की भाजपा और पीडीपी सरकार द्वारा किए गए कार्यों के लिए 1,000 करोड़ रुपये की देनदारियों की मंजूरी दी गई थी जिसका भुगतान किया जाए। साथ ही निर्वाचित पंचायत सदस्यों को पर्याप्त सुरक्षा देने और उनके मासिक मानदेय की वृद्धि भी शामिल किया जाए।

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168 घंटो से थे भूख हड़ताल पर: बता दें कि जम्मू- कश्मीर पंचायत कांफ्रेंस के बैनर तले जम्मू संभाग के विभिन्न जिलों से पंच-सरपंच धरना स्थल पर पहुंचे हुए थे। संगठन के प्रधान अनिल शर्मा ने कहा कि आज उनकी 168 घंटों की भूख हड़ताल समाप्त हो गई है। मगर अफसोस की बात है कि इस पर भी प्रबंधन ने उनकी मांगों को हल करने के लिए कोई गंभीरता नहीं दिखाई है। परंतु वह यह भी स्पष्ट कर देना चाहते हैं कि उनका यह आंदोलन यही समाप्त नहीं होगा।

ब्लॉक स्तर पर आंदोलन करने की चेतावनी: जम्मू-कश्मीर पंचायत सम्मेलन के अध्यक्ष अनिल शर्मा ने अपनी मांगों को सरकार से तत्काल पूरा करने की मांग रखते हुए चेतावनी दी और कहा है कि यदि सरकार हमारी मांगे नहीं मानती है तो हम अपने दूसरे चरण के आंदोलन में प्रदेश के हर ब्लॉक में विरोध प्रदर्शन किया जाएगा। उन्होंने बताया कि दूसरे चरण का आंदोलन 20-30 दिसंबर के बीच किया जाएगा।