जम्मू-कश्मीर भारत के दूसरे राज्यों की तुलना में ज्यादा संघर्ष करता है, वहां पर स्थिति ज्यादा चुनौतिपूर्ण मानी जाती है। अब राजनीतिक से लेकर भौगोलिक कारणों की वजह से ऐसा रहता है, लेकिन फिर भी यह नहीं कहा जा सकता कि जम्मू-कश्मीर के परिवार संपन्न नहीं हैं, वहां रह रहे लोग ज्यादा गरीब हैं। इससे उलट ऐसी रिपोर्ट सामने आई हैं जो बताती हैं कि कई मामलों में जम्मू-कश्मीर दूसरे राज्यों की तुलना में बेहतर कर रहा है।

जम्मू-कश्मीर के लोग कितने संपन्न?

अगर Household Consumption Expenditure Survey की 2023 वाली रिपोर्ट की बात करें तो पता चलता है कि एक आम कश्मीरी परिवार ने ज्यादा खर्च किया है, आंकड़ा राष्ट्रीय औसत से ज्यादा बैठ रहा है। अगर महीने के हिसाब से देखें तो जम्मू-कश्मीर में पर कैपिटा इनकम 4713 रुपये रही है, वही राष्ट्रीय स्तर पर यह आंकड़ा 4534 दर्ज किया गया है। लेकिन इसे पूरी तस्वीर नहीं माना जा सकता क्योंकि जम्मू-कश्मीर इससे और बेहतर करता आ रहा है।

LIVE: जम्मू-कश्मीर में दूसरे चरण की 26 सीटों पर वोटिंग शुरू

पर कैपिटा इनकम के मामले में कहां खड़ा कश्मीर?

असल में Monthly Per-capita Consumer Expenditure के जो आंकड़े हैं, वो समय के साथ बदलते रहे हैं। पिछले एक दशक में जम्मू-कश्मीर में MPCE 7.8 फीसदी से 3.9 फीसदी पर आ पहुंचा है। वैसे अगर सिर्फ जम्मू-कश्मीर के मुस्लिम सुमदाय की बात करें तो उनकी स्थिति भी कई आर्थिक मोर्चों पर बेहतर मानी जाती है। उनकी पर कैपिटा इनकम भी किसी दूसरे राज्य वाले मुसलमान से ज्यादा है। इसी तरह खर्च करने के मामले में भी वे दूसरे राज्यों की तुलना में काफी आगे चल रहे हैं।

कश्मीर के मुसलमानों की क्या स्थिति?

ऐसे में आतंकवाद और दूसरे विवादों की वजह से जम्मू-कश्मीर को लेकर धारणाएं जरूर ऐसी बन चुकी हैं कि वहां पर विकास की कमी है, लोग ज्यादा परेशान हैं। लेकिन असल सच्चाई यह है कि चुनौतियों के बावजूद भी वहां पर लोग जिंदगी जी रहे हैं, कई काफी संपन्न भी हैं। अब जानकारी के लिए बता दें कि सरकार दावा करती है कि अनुच्छेद 370 के हटने के बाद से ही जम्मू-कश्मीर को मुख्यधारा में लाने का काम हुआ है, अब वहां पर बड़े उद्योग भी लग रहे हैं और निवेश भी भारी मात्रा में हो रहा है।

अब सरकार के यह दावे कितने दमदार हैं, इसका फैसला जनता ही करने जा रही है। वर्तमान में जम्मू-कश्मीर में चुनाव चल रहे हैं, दूसरे चरण की भी वोटिंग हो रही है।