जम्मू-कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री और पीडीपी नेता महबूबा मुफ्ती पर आतंकियों के साथ गठजोड़ के आरोप लगे हैं। एनआईए ने पूर्व डीएसपी दविंदर सिंह से जुड़े एक केस में अपनी चार्जशीट दाखिल की है। एक रिपोर्ट के मुताबिक, इसमें कहा गया है कि महबूबा हिज्बुल मुजाहिद्दीन के गिरफ्तार हो चुके आतंकी नावीद बाबू को जानती थीं और उससे एक बार बात भी कर चुकी थीं। बता दें कि यह पहली बार है जब एनआईए की किसी जांच में महबूबा मुफ्ती का नाम भी सामने ने आया है।
इस जांच से जुड़े एनआईए के अधिकारी ने न्यूज एजेंसी आईएएनएस को बताया- “जम्मू-कश्मीर के पूर्व डीएसपी दविंदर सिंह और हिज्बुल आतंकी नावीद बाबू के केस में पूर्व मुख्यमंत्री का नाम भी सामने आया है।” अधिकारी का कहना है कि मुफ्ती ने आतंकी नावीद बाबू से एक बार बात भी की थी। हालांकि, उन्होंने इस बारे में ज्यादा जानकारी देने से इनकार कर दिया।
NIA बोला- टेरर फंडिंग केस में पीडीपी यूथ विंग के नेता की अहम भूमिका: एनआईए ने आतंकवादी गतिविधियों के लिए धन मुहैया कराने के मामले में पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) के नेता वहीद उर रहमान पर्रा और दो अन्य लोगों के खिलाफ सोमवार को आरोपपत्र दाखिल किया तथा कहा कि युवा नेता की जम्मू-कश्मीर में ‘‘राजनीतिक-अलगाववादी-आतंकी’’ गठजोड़ को बनाए रखने में अहम भूमिका थी। एनआईए के एक प्रवक्ता ने बताया कि पर्रा के अलावा शाहीन अहमद लोन और तफजुल हुसैन परिमू के खिलाफ भी आरोपपत्र दाखिल किया गया है।
जांच एजेंसी के अनुसार, ये दोनों लोग आतंकवादियों के लिए नियंत्रण रेखा (एलओसी) के पार से हथियार और पाकिस्तान में बैठे आकाओं के इशारे पर आतंकी गतिविधियां करने के लिए धन मुहैया कराने में शामिल थे। उन्होंने बताया कि एनआईए ने डीएसपी दविंदर सिंह मामले में यहां एक विशेष अदालत में तीनों आरोपियों के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 120 बी (आपराधिक साजिश), गैर-कानूनी गतिविधि (रोकथाम) अधिनियम की धाराओं 17, 18, 38, 39 एवं 40, शस्त्र कानून की धारा 25 (1एए) और विस्फोटक पदार्थ अधिनियम की धारा छह के तहत पूरक आरोपपत्र दाखिल किया है।
पिछले साल गिरफ्तार हुए थे डीएसपी दविंदर सिंह: पुलिस ने डीएसपी दविंदर सिंह को आतंकी संगठन हिजबुल मुजाहिदीन के कमांडरों-सैयद नवीद मुश्ताक उर्फ ‘नवीद बाबू’ और रफी अहमद राथर तथा वकील इरफान शफी मीर के साथ 11 जनवरी, 2020 को उस समय गिरफ्तार किया था, जब वे श्रीनगर से जम्मू जा रहे थे। एनआईए ने मामले को 17 जनवरी को पुन: दर्ज किया था और जांच अपने हाथ में ले ली थी। उसने इस मामले में छह जुलाई को आठ आरोपियों के खिलाफ आरोपपत्र दाखिल किया था। पूर्व मुख्यमंत्री एवं पीडीपी अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती के निकट सहयोगी पर्रा को एनआईए ने पिछले साल 25 नवंबर को इस मामले में गिरफ्तार किया था।