Jammu Kashmir Lok Sabha Elections Result: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज जम्मू – कश्मीर के उधमपुर में थे। जम्मू – कश्मीर से इस बार बीजेपी को बहुत उम्मीदें हैं। बीजेपी नेताओं और कार्यकर्ताओं का दावा है कि इस बार कश्मीर रीजन में भी उसका खाता खुलेगा। अभी तक उसे जम्मू बेस्ड पार्टी ही माना जाता है। जम्मू – कश्मीर में इस बार नेशनल कॉन्फ्रेस घाटी की तीन लोकसभा सीटों पर तो कांग्रेस जम्मू की दो और लद्दाख की एक सीट पर चुनाव लड़ रही है। इंडिया गठबंधन में उनकी साथी पीडीपी भी कश्मीर की तीन सीटों पर ताल ठोक रही है।
साल 1967 में जम्मू-कश्मीर से पहली बार छह नुमाइंदे दिल्ली में अपने-अपने क्षेत्रों का प्रतिनिधित्व करने पहुंचे। खास बात ये है कि इनमें दो निर्विरोध चुने गए थे।शुरुआती सालों में नेशनल कॉन्फ्रेंस के चुनावों से दूरी बनाकर रखने की वजह से जम्मू – कश्मीर में कांग्रेस पार्टी को बड़ी सफलताएं मिलीं लेकिन शेख अब्दुल्ला के नेतृत्व में नेशनल कॉन्फ्रेंस के उभार ने बाद के सालों में उसे धीरे-धीरे कश्मीर घाटी में कमजोर कर दिया। साल 1996 में अटल बिहारी वाजपेयी पहली बार देश के पीएम बने और इसी साल जम्मू रीजन में पहली बार बीजेपी ने खाता भी खोला।
जम्मू-कश्मीर में हुए लोकसभा चुनावों के परिणामों पर नजर डाले तो पता चलता है कि लद्दाख में सिर्फ दो बार कश्मीर बेस्ड नेशनल कॉन्फ्रेंस को जीत मिली। इसके अलावा वहां के वोटर्स ने या तो निर्दलीय या फिर कांग्रेस और पिछली दो बार से बीजेपी पर भरोसा जताया है। आइए जम्मू-कश्मीर में हुए लोकसभा चुनावों पर डालते हैं एक नजर और जानते हैं कब-कब इस राज्य की सियासत में हुए बदलाव
साल 1967 में जम्मू – कश्मीर में पहली बार लोकसभा के चुनाव हुए। इस चुनाव में नेशनल कॉन्फ्रेंस ने श्रीनगर लोकसभा सीट पर जीत दर्ज की तो राज्य की अन्य पांच सीटों पर कांग्रेस के कैंडिडेट्स चुने गए। इस चुनाव में कांग्रेस पार्टी के प्रत्याशियों ने अनंतनाग और लद्दाख लोकसभा सीट पर निर्विरोध जीत हासिल की।
1971 में हुए लोकसभा चुनाव में श्रीनगर लोकसभा सीट पर निर्दलीय प्रत्याशी ने जीत दर्ज की जबकि अन्य पांच लोकसभा सीटों पर कांग्रेस पार्टी विजयी हुई। इमरजेंसी के बाद हुए 1977 के लोकसभा चुनाव में नेशनल कॉन्फ्रेंस ने श्रीनगर के साथ-साथ बारामुला की सीटों पर जीत दर्ज की जबकि कांग्रेस पार्टी ने अनंतनाग-राजौरी, लद्दाख और उधमपुर सीट पर जीत दर्ज की। इस चुनाव में जम्मू रीजन में निर्दलीय प्रत्याशी ने मुकाबला जीता।
1980 लद्दाख में खुला निर्दलीय का खाता
1980 में हुए लोकसभा चुनाव में जम्मू-कश्मीर का सियासी मैप काफी हद तक बदल गया। इस चुनाव में कश्मीर घाटी की तीन मुस्लिम बहुल्य सीटों पर जम्मू-कश्मीर नेशनल कॉन्फ्रेंस ने जीत दर्ज की जबकि लद्दाख सीट पर निर्दलीय प्रत्याशी जीता। जम्मू रीजन की उधमपुर सीट पर इंदिरा विरोधी कांग्रेस यू ने जीत दर्ज की। इस चुनाव में कांग्रेस को सिर्फ जम्मू लोकसभा सीट पर जीत हासिल हुई।
इंदिरा गांधी की हत्या के बाद साल 1984 के चुनाव में नेशनल कॉन्फ्रेंस ने कश्मीर की तीन और कांग्रेस ने जम्मू की दो और लद्दाख की एक सीट पर जीत हासिल की। साल 1989 में हुए लोकसभा चुनाव में नेशनल कॉन्फ्रेस कश्मीर की तीन सीटें जीतने में सफल रही जबकि कांग्रेस जम्मू की दो सीटें जीत सकी। लद्दाख सीट पर निर्दलीय प्रत्याशी ने जीत हासिल की। 1991 में जम्मू- कश्मीर में हालातों की वजह से चुनाव नहीं हुए।
1996 में पहली बार खुला बीजेपी का खाता
साल 1996 में हुए लोकसभा चुनाव का नेशनल कॉन्फ्रेंस ने बहिष्तकार किया था। इस चुनाव में कांग्रेस पार्टी ने कश्मीर की बारामुला और श्रीनगर सीट पर जीत दर्ज की जबकि जनता दल ने अनंतनाग सीट पर विजय हासिल की। इस चुनाव की खास बात ये है कि उधमपुर सीट पर बीजेपी ने जीत हासिल कर जम्मू-कश्मीर में अपना खाता खोला। लद्दाख और जम्मू लोकसभा सीटों पर कांग्रेस पार्टी के उम्मीदवार जीत हासिल करने में सफल रहे।
दो साल बाद 1996 में हुए लोकसभा चुनाव में कश्मीर की दो सीटों बारामुला और श्रीनगर पर नेशनल कॉन्फ्रेंस ने जीत दर्ज की जबकि लंबे समय बाद घाटी की अनंतनाग सीट पर कांग्रेस ने जीत हासिल की। इस चुनाव में नेशनल कॉफ्रेंस ने पहली बार लद्दाख में जीत दर्ज की जबकि जम्मू से कांग्रेस का सफाया हो गया। साल 1999 में नेशनल कॉन्फ्रेंस ने कश्मीर की तीन और लद्दाख सीट पर जीत दर्ज की तो जम्मू की दोनों सीटों पर बीजेपी ने जीत दर्ज की।
2004 में पीडीपी ने दर्ज करवाई उपस्थिति
साल 2004 में जम्मू-कश्मीर में पीडीपी का उदय हुआ। यहां की अनंतनाग सीट पर पीडीपी ने जीत दर्ज की जबकि बारामुला और श्रीनगर लोकसभा सीट पर नेशनल कॉन्फ्रेंस विजयी हुई। लद्दाख सीट पर निर्दलीय प्रत्याशी तो जम्मू की दोनों सीटों पर कांग्रेस ने जीत दर्ज की। साल 2009 के लोकसभा चुनाव में नेशनल कॉन्फ्रेंस ने कश्मीर घाटी की तीनों सीटें तो कांग्रेस ने जम्मू की दोनों सीटों पर जीत हासिल की। लद्दाख पर निर्दलीय का कब्जा हुआ।

2014 के बाद जम्मू और लद्दाख में ‘मोदी-मोदी’
इसके बाद होती है शुरुआत मोदी युग की। मोदी युग में पहली बार बीजेपी जम्मू-कश्मीर की 6 में से तीन लोकसभा सीटें जीतने में कामयाब रही। बीजेपी को जम्मू रीजन की दो सीटों के साथ लद्दाख पर विजय मिली जबकि कश्मीर रीजन में नेशनल कॉन्फ्रेंस का सफाया हो गया। यहां तीनों सीटों पर पीडीपी ने जीत दर्ज की हालांकि अगली बार साल 2019 में कश्मीर की तीनों सीटों पर नेशनल कॉन्फ्रेंस का कब्जा हुआ जबकि जम्मू और लद्दाख की तीन सीटों पर बीजेपी काबिज हुई।
Jammu Kashmir में इस बार किस – किस के बीच मुकाबला?
Lok Sabha Seat | BJP | Congress – NC | PDP | निर्दलीय / अन्य दल |
जम्मू | जुगल किशोर शर्मा | रमन भल्ला (कांग्रेस) | – | |
उधमपुर | जितेंद्र सिंह | चौधरी लाल सिंह (कांग्रेस) | – | |
श्रीनगर | – | आगा सैयद रुहुल्लाह मेहंदी (नेशनल कॉन्फ्रेंस) | वहीद उल रहमान | अशरफ मीर (अपनी पार्टी) |
बारामुला | – | उमर अब्दुल्ला (नेशनल कॉन्फ्रेंस) | फयाज अहमद मीर | |
अनंतनाग – राजौरी | – | मियां अल्ताफ अहमद | महबूबा मुफ्ती | गुलाम नबी आजाद |
लद्दाख | – | – | – |