जम्मू कश्मीर में 10 साल बाद विधानसभा चुनाव होने जा रहे हैं। इन चुनाव को लेकर जनता भी खासा उत्साहित है, कई ऐसी सीटें इस बार जम्मू कश्मीर में देखने को मिल रही हैं जहां पर मुकाबला भी कड़ा रहेगा और जातीय समीकरण भी अहम रहने वाले हैं। जम्मू कश्मीर की एक ऐसी ही सीट का नाम है बनिहाल।

बनिहाल सीट की बात करें तो 2014 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस के दिग्गज नेता विकार रसूल वानी ने यहां से बड़े अंतर से जीत दर्ज की थी। 2008 के चुनाव में भी उन्होंने ही बाजी मारते हुए सीट अपने नाम की थी। इसी वजह से 2022 में कांग्रेस ने रसूल को जम्मू कश्मीर का अपना प्रदेश अध्यक्ष बना दिया था। यह अलग बात है कि चुनावी मौसम में उन्हें हटाकर अब तारिख हमीद को पार्टी का प्रदेश अध्यक्ष नियुक्त कर दिया गया है। बनिहाल सीट पर इस बार मुकाबला ज्यादा दिलचस्प इसलिए रहने वाला है क्योंकि कांग्रेस ने तो अपना प्रत्याशी उतारा ही है, नेशनल कांफ्रेंस की तरफ से भी अपना उम्मीदवार खड़ा कर दिया गया है।

पिछले चुनाव के नतीजे

पार्टीनेतावोट
कांग्रेसविकार रसूल वानी17,671
JKPDPबशीर अहमद13,322

बनिहाल में इस बार कैसा मुकाबला?

यह याद रखने वाली बात है कि जम्मू कश्मीर चुनाव में नेशनल कांफ्रेंस और कांग्रेस के बीच में गठबंधन हुआ है, लेकिन कुछ सीटों पर फ्रेंडली फाइट को लेकर सहमति बन चुकी है। बड़ी बात यह है कि बनिहाल सीट पर इस बार कांग्रेस के विकास रसूल को एक तरफ नेशनल कांफ्रेंस के सज्जाद शाहीन का मुकाबला करना पड़ेगा तो वहीं दूसरी तरफ पीडीपी की तरफ से भी एक मजबूत उम्मीदवार को मैदान में उतार दिया गया है। महबूबा की पार्टी की तरफ से इम्तियाज शान यहां से अपनी किस्मत आजमा रहे हैं। नेशनल कांफ्रेंस के सज्जाद शाहीन को लेकर तो यह बात समझना जरूरी है कि पिछले दो विधानसभा चुनाव में लगातार बनिहाल सीट पर उन्हें कांग्रेस के रसूल की तरफ से ही हार का सामना करना पड़ा है।

बनिहाल सीट का इतिहास

बड़ी बात यह है कि बनिहाल एक ऐसी सीट है जहां पर सबसे पहले 1972 पर कांग्रेस जीती थी। उसके बाद 2008 तक इस सीट पर निर्दलीय और नेशनल कांफ्रेंस के प्रत्याशी ही जीत दर्ज करते रहे। लेकिन रसूल की सियासी एंट्री के बाद से ही इस सीट पर कांग्रेस मजबूत होती चली गई और अब रसूल जीत की हैट्रिक लगाने को तैयार दिख रहे हैं।