जम्मू-कश्मीर में आज शुक्रवार को चुनावी तारीखों का ऐलान होने जा रहा है। चुनाव आयोग दोपहर 3 बजे प्रेस कॉन्फ्रेंस कर तारीखों का ऐलान करेगा। लंबे इंतजार के बाद जम्मू-कश्मीर में चुनाव होने जा रहे हैं, इलेक्शन कमीशन ने इसे लेकर पूरी तैयारी कर ली है। वैसे 370 हटने के बाद से ही मांग की जा रही थी कि जम्मू-कश्मीर में लोकतंत्र को बहाल किया जाए, जनता को फिर वोटिंग का अधिकार मिले। अब उसी कड़ी में तारीखों का ऐलान होने जा रहा है।
जम्मू-कश्मीर चुनाव: कितनी बदली विधानसभा?
वैसे जम्मू-कश्मीर में इस बार जो चुनाव होने जा रहे हैं, वो पूरी तरह अलग हैं। पांच सालों के अंदर में जम्मू-कश्मीर की विधानसभा पूरी तरह बदल चुकी है। इसका एक बड़ा कारण यह है कि अब जम्मू-कश्मीर में परिसीमन संपन्न हो गया है, उस वजह से जम्मू और कश्मीर संभाव में सीटों में परिवर्तन देखने को मिला है। असल में अब जम्मू-कश्मीर में कुल 114 सीटें कर दी गई हैं, इसमें 24 सीटें पाक अधिकृत कश्मीर की शामिल हैं। अगर इन 24 सीटों को हटा दिया जाए तो 90 विधानसभा सीटें निकलती हैं। पहले यह आंकड़ा 83 हुआ करता था,ऐसे में कुल सात सीटें बढ़ चुकी हैं। यहां भी जम्मू संभाग में 6 सीटें बढ़ी हैं, वही कश्मीर संभाग में एक सीट का इजाफा हुआ है। जम्मू क्षेत्र में 43 सीटें रहने वाली हैं और कश्मीर संभाग में अब 47 सीटें होंगी।
जम्मू-कश्मीर और हरियाणा चुनाव का आज होगा ऐलान
जम्मू-कश्मीर परिसीमन- विपक्ष क्यों परेशान?
अगर पहले की स्थिति की बात करें तो जम्मू-कश्मीर में 83 सीटें होती थीं, तब जम्मू संभाव से ज्यादा कश्मीर संभाव में सीटें थीं। लेकिन वर्तमान सरकार और कुछ जानकारों को यह ठीक नहीं लगा और इसी वजह से परिसीमन करवा जम्मू में भी सीटें बढ़ाने का फैसला हुआ। अब विपक्ष जरूर आरोप लगाता है कि जम्मू में सीटें बढ़ाने का उदेश्य सिर्फ बीजेपी को मजबूत करना है। असल में जम्मू वो इलाका है जहां पर आज भी बीजेपी की उपस्थिति जबरदस्त है और उसकी सीटें भी इसी क्षेत्र से निकलती हैं।
जम्मू-कश्मीर की आरक्षित सीटों की जानकारी
दूसरी तरफ तमाम प्रयासों के बावजूद भी कश्मीर में बीजेपी ज्यादा विस्तार नहीं कर पाई है। वहां पर आज भी स्थानीय पार्टियों का ही जोर देखने को मिल जाता है। बात चाहे नेशनल कॉन्फ्रेंस की हो या फिर पीडीपी की, दोनों ही पार्टियां कश्मीर में अच्छी खासी सीटें जीत लेती हैं। लेकिन अब परिसीमन के बाद हालात बदले हैं। जम्मू-कश्मीर में अनुसूचित जाति के लिए पहली बार 7 सीटें रिजर्व कर दी गई हैं। वही दूसरी तरफ अनुसूचित जनजाति के लिए 9 सीटें आरक्षित रखी गई हैं। एसटी के लिए रिजर्व होने वाली सीटें इस प्रकार से हैं- राजौरी, कोकरनाग, थाना मंडी, सुरनकोटे, पुंछ हवेली, बुधल मेंधर, गुरेज और गुलबर्ग।
जम्मू-कश्मीर: पिछली बार के नतीजे
आखिरी बार जम्मू-कश्मीर में 2014 में विधानसभा चुनाव हुए थे। पांच चरणों में हुई वोटिंग के बाद पीडीपी को 28 सीटें मिली थीं, बीजेपी भी 25 सीटें जीतने में कामयाब रही। वही नेशनल कॉन्फ्रेंस को 15 सीटें हासिल हुई थीं, कांग्रेस को सिर्फ 12 सीटों से संतोष करना पड़ा था।