जम्मू कश्मीर के चुनाव को लेकर इस बार हर जगह चर्चा हो रही है, कई ऐसी सीटें हैं जहां पर मुकाबला काफी कड़ा रहने वाला है। जम्मू संभाग की तो कई सीटों पर इस बार दिलचस्प लड़ाई देखने को मिल रही है, ऐसी ही एक सीट है रियासी। रियासी वही जगह है जहां पर कुछ महीने पहले एक आतंकी हमला हुआ था जिसमें कई श्रद्धालुओं की जान चली गई थी।

पिछले चुनाव के नतीजे

जम्मू कश्मीर की रियासी सीट पर अगर पिछले चुनावी नतीजे की बात करें तो भारतीय जनता पार्टी ने यहां पर जीत का परचम लहराया था। साल 2014 में जब जम्मू कश्मीर में विधानसभा चुनाव हुए थे, तब रियासी सीट पर भाजपा के अजय नंदा ने एक बड़ी जीत हासिल की थी। तब उनका मुकाबला एक निर्दलीय सरफ सिंह के साथ था जिन्हें उन्होंने 1887 वोटों से हरा दिया था। वैसे उस चुनाव में कांग्रेस ने भी जुगल किशोर को उतार कर मुकाबले को दिलचस्प करने की कोशिश की थी, लेकिन तमाम प्रयासों के बावजूद भी वे तीसरे पायदान पर रहे थे। चुनाव में उन्हें 18929 वोट हासिल हुए थे।

पार्टीनेतावोट
बीजेपीअजय नंदा22,017
निर्दलीयसरफ सिंह20130
कांग्रेसजुगल किशोर18929

रियासी सीट का जातीय समीकरण

अगर थोड़ा और पीछे चला जाए तो रियासी सीट पर 2008 के विधानसभा चुनाव में नेशनल कांफ्रेंस ने बाजी मारी थी, तब अब्दुल गनी मलिक ने एक आसान जीत दर्ज की थी। उस चुनाव में कांग्रेस के मुमताज अहमद दूसरे पायदान पर रहे थे। रियासी सीट के जातीय समीकरण की बात करें तो यहां पर दलित समाज और ब्राह्मण निर्णायक भूमिका निभाते हैं। इस बार कांग्रेस और नेशनल कांफ्रेंस गठबंधन की पूरी कोशिश है कि जम्मू कश्मीर में बीजेपी के दलित वोट बैंक में सेंधमारी की जाए।

इस बार कौन उम्मीदवार?

अगर इस बार के विधानसभा चुनाव की बात करें तो कांग्रेस और नेशनल कांफ्रेंस ने गठबंधन कर रखा है। ऐसे में उनके संयुक्त उम्मीदवार के रूप में मुमताज खान इस बार रियासी सीट से अपनी दावेदारी ठोक रहे हैं। बीजेपी की बात करें तो उन्होंने इस बार इस सीट से कुलदीप राज दुबे को मौका दिया है।