Jammu-Kashmir: जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने शपथ लेने के कुछ दिनों बाद आज कश्मीर में हाफ मैराथन के लिए सड़क पर उतरे और 21 किलोमीटर दौड़ लगाई। नेशनल कॉन्फ्रेंस के नेता ने अपनी दौड़ने की तस्वीरें और जानकारी सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर शेयर की हैं। उन्होंने पोस्ट में लिखा, ‘मैं आज खुद से बहुत खुश हूं। मैंने कश्मीर हाफ मैराथन 21 किलोमीटर की दौड़ 5 मिनट 54 सेकंड प्रति किलोमीटर की स्पीड से पूरी की। मैंने अपने जीवन में कभी भी 13 किलोमीटर से ज्यादा नहीं दौड़ा और वह भी सिर्फ एक बार।’

उमर अब्दुल्ला ने आगे लिखा,’मैं अपने जीवन में कभी भी 13 किलोमीटर से ज्यादा नहीं दौड़ा और वह भी सिर्फ एक बार। आज मैं बस चलता रहा, अपने जैसे दूसरे शौकिया धावकों के उत्साह से प्रेरित होकर। कोई उचित प्रशिक्षण नहीं, कोई दौड़ने की योजना नहीं, कोई पोषण नहीं। रास्ते में एक केला और एक-दो खजूर भी खाए। सबसे बढ़िया हिस्सा मेरे घर के पास से दौड़ना था, जिसमें परिवार और दूसरे लोग मेरा उत्साहवर्धन करने के लिए मौजूद थे।’

मुख्यमंत्री ने तनाव दूर करने के लिए भी दौड़ने की सलाह दी

अब्दुल्ला ने लोगों को स्ट्रेस दूर करने के लिए दौड़ने की सलाह भी दी। उन्होंने लिखा, ‘आपको अच्छा महसूस करने या तनाव दूर करने के लिए दवाओं की जरूरत नहीं है। एक अच्छी दौड़, चाहे एक किलोमीटर की हो या मैराथन की, कोबवे साफ करने और उत्साह और जोश की स्वाभाविक भावना प्राप्त करने के लिए काफी है। इसे आजमाएं, आपको इसका पछतावा नहीं होगा। आइए नशा मुक्त जम्मू-कश्मीर के लिए दौड़ना शुरू करें।’

जम्मू-कश्मीर को मिलेगा पूर्ण राज्य का दर्जा? उमर अब्दुल्ला कैबिनेट के प्रस्ताव पर उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने भी लगाई मुहर

सीएम अब्दुल्ला ने रनर्स का किया स्वागत

मुख्यमंत्री ने सुंदर डल झील के किनारे मैराथन में बाकी लोगों के साथ दौड़ते हुए अपना वीडियो बनाया। एक अन्य पोस्ट में अब्दुल्ला ने कहा कि उन्होंने रास्ते में बहुत सारी सेल्फी लीं और उन्हें अपॉइंटमेंट के लिए कई सारे आग्रह भी मिले। उन्होंने यह भी कहा कि कुछ पत्रकारों ने उनका इंटरव्यू लेने की भी कोशिश की।

साथ ही सीएम ने यह भी कहा कि सबसे पहले, मैं हाफ मैराथन पूरी करने वाले सभी रनर्स का स्वागत करना चाहता हूं। मैंने कभी नहीं सोचा था कि मैं हाफ मैराथन पूरी कर पाऊंगा। मैंने कभी 12-13 किलोमीटर से ज्यादा नहीं दौड़ा था, लेकिन जब हम दूसरों के साथ दौड़ते हैं तो एक प्रेरणा मिलती है। मैं आयोजकों और भाग लेने वाले लोगों को भी धन्यवाद देना चाहता हूं। मुझे उम्मीद है कि यह मैराथन हर साल आयोजित की जाएगी और जम्मू-कश्मीर मैराथन का नाम दुनिया की शीर्ष मैराथन में शामिल होगा।