जम्मू कश्मीर के मुख्यमंत्री की शपथ लेने के बाद से ही उमर अब्दुल्ला केंद्र के साथ मिलकर काम करने की बात कह रहे हैं। उमर ने चुनाव नतीजों के ऐलान के बाद कहा था कि हम केंद्र के साथ टकराव नहीं चाहते। अब उन्होंने जम्मू कश्मीर विधानसभा में डिप्टी स्पीकर का पद बीजेपी के लिए छोड़ दिया है। जिसके बाद से सवाल उठ रहा है कि क्या बीजेपी को डिप्टी स्पीकर का पद देकर उमर अब्दुल्ला ने दोस्ती का हाथ बढ़ाया है?
चुनाव नतीजों के ऐलान से पहले तक जहां उमर अब्दुल्ला भारतीय जनता पार्टी और केंद्र सरकार के खिलाफ मोर्चा खोले नजर आ रहे थे। वहीं, चुनाव नतीजे आने के बाद से ही उन्होंने कहा था कि हम किसी के साथ टकराव नहीं चाहते। हम जम्मू कश्मीर की अवाम की बेहतरी के लिए सभी के साथ मिलजुल कर काम करना चाहते हैं।
इससे पहले जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने नेशनल कॉन्फ्रेंस को ‘मुस्लिम पार्टी’ होने से इनकार किया। उन्होंने कहा कि उनकी पार्टी ने जम्मू से एक हिंदू उप मुख्यमंत्री बनाया है। उन्होंने उन आरोपों का भी खंडन किया कि एनसी कश्मीर की पार्टी है और केवल कश्मीरियों के लिए काम करेगी। उन्होंने कहा कि उनकी सरकार जम्मू और कश्मीर के सभी लोगों की सेवा करेगी।
उमर अब्दुल्ला बोले- हमने हिंदू डिप्टी सीएम बनाया है
उमर अब्दुल्ला ने कहा, “हमने उसी पार्टी से डिप्टी सीएम भी बनाया है। पिछले चुनावों में सभी ने कहा कि नेशनल कॉन्फ्रेंस मुसलमानों की पार्टी है, कि यह कश्मीरियों का संगठन है, और जम्मू का कोई स्थान नहीं है। लेकिन हमने एक ऐसे डिप्टी सीएम को बनाया जो जम्मू से है और हिंदू है । अब वे लोग क्या कहेंगे?”
उमर अब्दुल्ला ने बडगाम विधानसभा सीट छोड़ी
वहीं, दूसरी ओर उमर अब्दुल्ला ने बडगाम विधानसभा सीट छोड़ दी है और वह गांदरबल निर्वाचन क्षेत्र से विधायक बने रहेंगे। उमर अब्दुल्ला ने हाल में हुए विधानसभा चुनाव में दोनों सीट पर जीत हासिल की थी। गांदरबल सीट अब्दुल्ला परिवार का गढ़ मानी जाती है। 54 साल के उमर अब्दुल्ला जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री के रूप में अपने पहले कार्यकाल के दौरान 2009 से 2014 तक गांदरबल से विधायक थे।
जिसके बाद 95 सदस्यीय सदन में नेशनल कॉन्फ्रेंस के विधायकों की संख्या घटकर 41 रह गई है, हालांकि पार्टी को कांग्रेस के छह, पांच निर्दलीय और आम आदमी पार्टी तथा माकपा के एक-एक विधायक के समर्थन से अभी भी बहुमत प्राप्त है।