जम्मू-कश्मीर के पुंछ जिले में शुक्रवार को नियंत्रण रेखा (LoC) के पास लैंडमाइन ब्लास्ट में एक सैन्यकर्मी की मौत हो गई और दो अन्य घायल हो गये। अधिकारियों ने यह जानकारी दी। उन्होंने बताया कि कृष्णा घाटी के क्षेत्र में गश्त के दौरान एक बारूदी सुरंग में विस्फोट हुआ, जिसमें एक अग्निवीर जवान की मौत हो गई और दो अन्य घायल हो गये।
अधिकारियों ने बताया कि घायलों में से एक जेसीओ है, जिसे सैन्य अस्पताल में भर्ती कराया गया है और उसकी हालत स्थिर है। व्हाइट नाइट कोर ने ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा, ‘‘जीओसी व्हाइट नाइट कोर और सभी रैंक ने 7 जाट रेजिमेंट के अग्निवीर ललित कुमार को श्रद्धांजलि अर्पित की, जिन्होंने कृष्णा घाटी ब्रिगेड के क्षेत्र में गश्त के दौरान एक बारूदी सुरंग विस्फोट में सर्वोच्च बलिदान दिया।’’ पोस्ट में आगे कहा गया है, ‘‘हम दुख की इस घड़ी में शोक संतप्त परिवार के साथ खड़े हैं।’’
LoC के पास लैंडमाइन ब्लास्ट में अग्निवीर शहीद
हवेली तहसील के सलोत्री गांव में विक्टर पोस्ट के पास दोपहर करीब 12 बजे यह विस्फोट हुआ। भारतीय सेना की 7 जाट रेजिमेंट के नायब सूबेदार हरि राम, हवलदार गजेंद्र सिंह और अग्निवीर ललित कुमार अग्रीम चौकी के पास रेगुलर पेट्रोलिंग कर रहे थे, इसी दौरान वे जमीन के नीचे दबी M-16 माइन के विस्फोट की चपेट में आ गए। धमाके में अग्निवीर ललित कुमार शहीद हो गए जबकि हवलदार गजेंद्र सिंह और सूबेदार हरि राम गंभीर रूप से घायल हो गए।
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वहीं, पुंछ ज़िला अस्पताल के चिकित्सा अधीक्षक मोहम्मद शफ़ीक़ ने बताया, “ललित कुमार नाम का एक सेना का जवान बारूदी सुरंग विस्फोट में घायल हो गया। चोटों के कारण उसकी मौत हो गई। हमने उसके शव का पोस्टमॉर्टम करवा लिया है। सभी मेडिकल औपचारिकताएँ पूरी करने के बाद हमने शव सेना के अधिकारियों को सौंप दिया है।”
कुछ मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, पाकिस्तान स्थित आतंकी संगठन लश्कर के प्रॉक्सी ‘द रेजिस्टेंस फ्रंट’ (TRF) ने इस ब्लास्ट की जिम्मेदारी ली है। वहीं, सेना इस घटना की जांच कर रही है। यह पता लगाने की कोशिश की जा रही है कि वहां बारूदी सुरंग कैसे आई?
उमर अब्दुल्ला ने पुलिस मुठभेड़ में मौत के मामले में क्या कहा?
वहीं, जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने शुक्रवार को जम्मू शहर में एक कथित मादक पदार्थ तस्कर की पुलिस मुठभेड़ में मौत के मामले की जांच की मांग की और कहा कि पुलिस द्वारा बल प्रयोग सोच-समझकर किया जाना चाहिए, न कि अंधाधुंध तरीके से। उन्होंने कहा कि जम्मू-कश्मीर ने अतीत में ऐसी घटनाओं की भारी कीमत चुकाई है। पढ़ें- रिटायरमेंट के बाद क्या करेंगे CJI गवई?