Anantnag Encounter: जम्मू-कश्मीर के अनंतनाग जिले में सुरक्षा बलों और आतंकवादियों के बीच मुठभेड़ जारी है। इसमें अभी तक दो जवान शहीद हो गए हैं और तीन घायल हैं। घायल हुए जवानों को इलाके के अस्पताल में इलाज के लिए भर्ती कराया गया है। अधिकारियों ने शनिवार को इस बात की जानकारी दी है। खुफिया जानकारी के आधार पर अनंतनाग जिले के कोकेरनाग क्षेत्र में इंडियन आर्मी, जम्मू-कश्मीर पुलिस और सीआरपीएफ के साथ जॉइंट आपरेशन शुरू किया गया। इसके बाद हुई गोलीबारी में सुरक्षा बलों के दो जवान घायल हो गए और बाद में इलाज के दौरान उन्होंने दम तोड़ दिया।
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, यह मुठभेड़ कोकरनाग क्षेत्र के अहलान गगरमांडू के घने जंगल में हुई। अधिकारियों ने बताया कि जब सुरक्षा बलों ने घेराबंदी कर तलाशी अभियान चलाया तो जंगल में छिपे आतंकियों ने सुरक्षाबलों पर ताबड़तोड़ फायरिंग शुरू कर दी। इसमें पांच जवान घायल हो गए। इनको तुरंत निकालकर पास के अस्पताल में इलाज के लिए ले जाया गया। यहां पर दो की मौत हो गई। अधिकारियों ने कहा कि इलाके में ज्यादा सुरक्षाबलों को भेज दिया गया है और आतंकियों को ढेर करने के लिए तलाशी अभियान अभी भी जारी है।
चिनार कोर ने मुठभेड़ पर क्या लिखा
सुरक्षाबलों और आतंकियों के बीच में चल रही मुठभेड़ के बीच चिनार कोर ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर पोस्ट कर लिखा कि चल रहे ऑपरेशन में आतंकियों द्वारा अंधाधुंध, हताश और लापरवाह गोलीबारी के कारण दो नागरिक भी घायल हुए हैं। उन्हें तत्काल चिकित्सा सहायता दी गई है और आगे की तरफ निकाला गया है। ऑपरेशन जारी है।
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लगातार बढ़े आतंकी हमले
इस साल जम्मू में आतंकी हमलों में लगातार बढ़ोतरी हुई है। अब तक करीब 6 बार हमले हो चुके हैं। हालांकि, यह पिछले दो सालों की तुलना में काफी ज्यादा हैं। साल 2022 में तीन हमले हुए थे और साल 2023 में भी आंकड़ा यही था। साल 2022 में हुए हमलों में करीब छह जवान बलिदान हो गए थे। वहीं, पिछले साल यह आंकड़ा लगभग 21 था और इस साल अभी तक यह आंकड़ा 11 है। वहीं अब अगर बात आतंकियों के मारे जाने की करें तो अब तक क्षेत्र में सुरक्षाबलों ने छह आतंकियों को ढेर कर दिया है।
साल 2023 में सेना के जवानों ने बहादुरी दिखाते हुए करीब 20 आतंकियों को मार गिराया था और 2022 में यह आंकड़ा करीब 14 था। आतंकी हमलों में ना जवान ही शहीद हुए हैं बल्कि आम लोगों की जान भी गई है। इस साल करीब 11 लोग अपनी जान गवां चुके हैं। पूर्व सेना चीफ मनोज पांडे ने इस बात को माना था कि आंतकवाद पर काफी हद तक लगाम लगाई जा चुकी है और साल 2017-18 में इस क्षेत्र में माहौल काफी शांति भरा ही रहा था। अब इस इलाके में आतंकी गतिविधियों में बढ़ोतरी हो गई है।