सर्जिकल स्ट्राइक के बावजूद पाकिस्तान मोदी सरकार से नहीं डरा। इसके विपरीत पाकिस्तान की ओर से सीजफायर तोड़ने की घटनाओं में रिकॉर्ड वृद्धि हुई है। पाकिस्तान ने वर्ष 2018 में सीजफायर उल्लंघन के पिछले 15 साल का रिकॉर्ड तोड़ दिया है। एक अधिकारी के अनुसार, जम्मू-कश्मीर में वर्ष 2018 में सीजफायर उल्लंघन की 2,936 घटनाएं दर्ज की गई अर्थात प्रतिदिन औसतन 8 घटनाएं। इन घटनाओं में 61 लोग मारे गए और 250 से ज्यादा घायल हो गए।
अधिकारी ने बताया कि वर्ष 2018 में पाकिस्तानी सैनिकों की तरफ से काफी ज्यादा फायरिंग और गोलीबारी की गई। सीजफायर का लगातार उल्लंघन किया गया। एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया, “पाकिस्तानी सैनिकों ने लाइन ऑफ कंट्रोल के समीप स्थित चौंकियों और गांवों को निशाना बनाया। अंतरराष्ट्रीय सीमा पर रहने वाले लोगों के बीच मनोवैज्ञानिक रूप से युद्ध का माहौल कायम कर दिया।”
एक आर्मी अधिकारी ने पीटीआई को बताया, “पाकिस्तानी सैनिकों ने वर्ष 2018 में 2,936 बार सीजफायर का उल्लंघन किया। इस घटना में 61 लोग मारे गए और 250 से ज्यादा घायल हो गए। दोनों देशों के बीच 20 से ज्यादा बार वरिष्ठ सैन्य अधिकारियों के बीच बातचीत हुई। पाकिस्तानी सैनिकों ने बॉर्डर पर शांति बनाए रखने की कसम भी खायी। इसके बावजूद वे लगातार सीजफायर उल्लंघन करते रहे। पाकिस्तान ने शांति बनाए रखने और सीमा सुरक्षा को मजबूत बनाए रखने के वादे को हमेशा तोड़ा।”
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बता दें कि भारतीय सेना ने दो साल पहले 29 सितंबर 2016 को पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (पीओके) में सर्जिकल स्ट्राइक की थी। देश के जांबाज कमांडोज ने वहां घुस कर तबाही मचाई और आतंकियों के बेस कैंप को नेस्तनाबूद कर दिया था। इस घटना के दो साल पूरे होने पर 27 सितंबर 2018 को पाकिस्तान के खिलाफ उसी बड़ी सैन्य कार्रवाई के दो वीडियो भी जारी किए गए। जारी की गई सर्जिकल स्ट्राइक से जुड़े पहले वीडियो में टारगेट एरिया को दिखाया गया, जहां पर आतंकियों ने अपना लॉन्च पैड बना रखा था। वहां दो लॉन्च पैड्स थे, जिनके नजदीक पाकिस्तानी सेना की चौकी भी थी। टारगेट एरिया पर विस्फोट के बाद वहां जोरदार धमाके हुए थे।