Mysterious Illness Rajouri: जम्मू-कश्मीर में रहस्यमय बीमारियों से अब तक 17 लोगों की जान जा चुकी है। बुधवार को चंडीगढ़ से सेंट्रल फॉरेंसिक साइंस लेबोरेटरी (CFSL) की टीम ने बुढल गांव का दौरा किया। टीम में शामिल एक डॉक्टर ने बताया कि 200 से ज्यादा सैंपल अलग-अलग संस्थानों में टेस्टिंग के लिए भेजे गए हैं। वहीं इस रहस्यमयी बीमारी की वजह से पूरे गांव को कंटेनमेंट जोन घोषित कर दिया गया है और प्रभावित परिवारों के घरों को सील कर दिया गया है। कुछ मरीजों को राजौरी के सरकारी मेडिकल कॉलेज (GMC) में लाया गया है।
राजौरी में इस रहस्यमयी बीमारी पर सरकारी मेडिकल कॉलेज के प्रिंसिपल अमरजीत भाटिया ने कहा कि हम जो कदम उठा रहे हैं, जिसमें कंटेनमेंट, लोगों को मेडिकल कॉलेज में शिफ्ट करना शामिल है, इससे पता चलता है कि हमारी सरकार, प्रशासन, विधायक ईमानदारी से मौतों को और बढ़ने से रोकने की कोशिश कर रहे हैं। यह कहने के लिए कोई सबूत नहीं है कि यह वायरस है क्योंकि स्वास्थ्य कर्मी 1.5 महीने से वहां रह रहे हैं लेकिन कोई भी बीमार नहीं पड़ा है। सबूत बताते हैं कि हमें डरने की जरूरत नहीं है, लेकिन सभी जरूरी कदम उठाने की जरूरत है। यह कोई क्वारंटीन नहीं है, हम सिर्फ मरीजों को दूसरी जगह शिफ्ट कर रहे हैं।
अंतर-मंत्रालयी टीम का हुआ गठन
राजौरी में फैली इस रहस्यमयी बीमारी को लेकर केंद्रीय गृह मंत्रालय भी पूरी तरह से अलर्ट मोड पर है। मंत्रालय की तरफ से एक अंतर-मंत्रालयी टीम का गठन किया गया है और इसे गांव में रवाना किया गया है। इस टीम में स्वास्थ्य, कृषि, रसायन व उर्वरक समेत अलग-अलग मंत्रालयों के एक्सपर्ट्स के साथ-साथ देश के कई प्रतिष्ठित संस्थानों के विशेषज्ञ शामिल हैं। स्वास्थ्य विभाग की तरफ से पानी और फूड आइटम्स की भी जांच की गई है, लेकिन किसी भी जहरीले पदार्थ का पता नहीं चला है। इतने लोगों की मौत अभी तक एक पहेली ही बनी हुई है।
राजौरी के Baddal गांव में किस वजह से गई लोगों की जान?
केंद्रीय मंत्री ने दिया अपडेट
केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह ने बुधवार को जम्मू-कश्मीर के राजौरी में 17 से ज्यादा लोगों की जान लेने वाली रहस्यमयी बीमारी पर अपडेट देते हुए कहा कि यह ‘सिर्फ एक जहर है।’ उन्होंने किसी संक्रमण, वायरस या बैक्टीरिया की संभावना से इनकार किया। मंत्री ने कहा, ‘मुझे लगता है कि चर्चा शुरू हो गई है लेकिन पहली टेस्टिंग लखनऊ में CSIR की एक साइंस लैब द्वारा किया गया था। चर्चा यह थी कि कोई संक्रमण नहीं था, कोई वायरस नहीं था, कोई बैक्टीरिया नहीं था, यह सिर्फ़ एक जहर था। अब जहर की टेस्टिंग की जा रही है।’ मौतों के बाद भी नहीं पता चल सका कारण पढ़ें पूरी खबर…