जम्मू और कश्मीर में अनुच्छेद 370 के ज्यादातर प्रावधान खत्म किए जाने के बाद घाटी के हालात फिलहाल सामान्य नहीं हो पाए हैं। लाल चौक भले ही बुधवार (21 अगस्त, 2019) को खुल गया हो, पर श्रीनगर के 190 प्राइमरी स्कूलों में इनके खुलने के तीन दिनों बाद भी सन्नाटा ही पसरा नजर आया। बच्चों के अभिभावकों से जब इस बारे में पूछा गया तो चिंता जताते हुए वे बोले- अफसर तो दूसरे कश्मीर में बसे हुए हैं, ऐसे में हम बच्चों को कैसे स्कूल भेज दें?
‘द वायर’ में कैसर अंद्राबी की एक रिपोर्ट के मुताबिक, डल झील इलाके के पास रहने वाले 36 वर्षीय परवेज अहमद शाह ने न्यूज वेबसाइट को बताया- शुरुआत में तो उन्हें स्कूल दोबारा से खुलने की बात पर यकीन ही नहीं हुआ था। लाल चौक स्थित Tyndale Biscoe School में उनका पांच साल का बेटा अदीम बशारत पढ़ता है।
उन्होंने उसे स्कूल न भेजने को लेकर बताया, “सबसे बड़ी समस्या कम्युनिकेशन की है। हमें जब यही नहीं पता है कि आखिर हो क्या रहा है या स्कूल प्रशासन क्या करेगा, तब हम कैसे अपने बच्चों को स्कूल भेज दें? ऐसा तब तक ठीक नहीं होगा, जब तक कम्युनिकेशन लाइन चालू नहीं की जाएंगी।” जगह-जगह सड़क पर लगे बैरिकेड्स और धारदार तारों पर चिंता जताते हुए उन्होंने आगे बताया, “क्या आप सोच सकते हैं कि कोई भी अभिभावक ऐसी परिस्थिति में बच्चों को स्कूल भेजेगा?”
[bc_video video_id=”6072270375001″ account_id=”5798671092001″ player_id=”JZkm7IO4g3″ embed=”in-page” padding_top=”56%” autoplay=”” min_width=”0px” max_width=”640px” width=”100%” height=”100%”]
वहीं, जालदगर इलाके में रहने वाली शौकत अहम कुकरू (38) ने सवाल उठाया- आखिर अधिकारियों ने स्कूल फिर से खोलने का ऐलान किया कैसे? ऐसा लगता है कि उन्होंने ऐसा सिर्फ प्रोपगेंडा के लिए किया है। हम और नौकरशाह अलग-अलग कश्मीर में रहते हैं। ऐसा पहली बार नहीं हुआ है, जब असलियत को नजरअंदाज किया गया है और ऐसे आदेश हमेशा से एसीनुमा कमरों के अंदर से आते हैं। वे हमें बेवकूफ बनाते हैं। उन्हें हमारे बच्चों की सुरक्षा को लेकर कोई चिंता नहीं है। वे तो सिर्फ यहां पर हर चीज सामान्य दर्शाना चाहते हैं।
इससे पहले, 17 अगस्त को सरकारी प्रवक्ता रोहित कंसल ने पीसी कर कहा था कि सभी स्कूल 19 अगस्त से दोबारा खुलेंगे। हालांकि, उस दिन स्कूल खुलने के बाद भी ज्यादातर प्राइवेट स्कूलों में या तो बच्चे गायब रहे या फिर वे बंद रहे। सिर्फ श्रीनगर के बेमिना स्थित पुलिस पब्लिक स्कूल में छात्र-छात्राएं नजर आए और कुछ केंद्रीय विद्यालयों में भी बच्चे दिखे थे।
