नाविद इकबाल
जम्मू और कश्मीर के राज्यपाल सत्य पाल मलिक ने शनिवार को सूबे में बातचीत को लेकर संकेत दिए। राज्यपाल ने कहा कि सूबे में माहौल बदला है और अब हुर्रियत कॉन्फ्रेंस के नेता भी बातचीत को तैयार है। राज्यपाल जब यह बात कह रहे थे उस समय उनके बगल में नरेंद्र मोदी कैबिनेट के दो मंत्री भी बैठे हुए थे।
मलिक ने कहा, ‘जब से मैं यहां आया हूं उसके बाद से अब चीजें काफी बेहतर हुई हैं। हुर्रियत को देखिए, राम विलास पासवान उनके दरवाजे पर खड़े थे और उन्होंने दरवाजा नहीं खोला था। आब वे बातचीत को तैयार है।’ राज्यपाल मलिक दूरदर्शन के एक कार्यक्रम में श्रीनगर में बोल रहे थे। कार्यक्रम में सूचना और प्रसारण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर और पीएमओ में केंद्रीय राज्य मंत्री जितेंद्र सिंह भी मौजूद थे।
इससे पहले शुक्रवार को जम्मू से प्रकाशित डेली एक्सेलसियर को दिए एक इंटरव्यू में ऑल पार्टी हुर्रियक कॉन्फ्रेंस के चेयरमैन मीरवाइज उमर फारूक ने कहा था कि हुर्रियत के नेता सरकार के साथ बातचीत को तैयार हैं। पिछले महीने लोकसभा चुनाव में भाजपा की प्रचंड जीत पर कही अपनी बात पर जोर देते हुए उन्होंने कहा, ‘इतने विशाल जनादेश के साथ, केंद्र सरकार की यह जिम्मेदारी है कि वह राज्य में राजनीतिक गतिविधियों की प्रक्रिया को आगे बढ़ाए।
इसके साथ ही राज्य में हिंसा के चक्र को खत्म करने के लिए सभी आवश्यक उपाय शुरू करे।’ शनिवार को मीरवाइज से संपर्क नहीं हो पाया। हुर्रियत नेता ने इंटरव्यू में यह भी कहा कि ‘हम कभी भी राजनीतिक प्रक्रिया को आगे बढ़ाने में अपनी भूमिका ने पीछे नहीं भागे हैं। यदि केंद्र इस दिशा में ईमानदारी दिखाता है तो हम सही तरीके से इसका जवाब देंगे।’
लोकसभा चुनाव में भाजपा की प्रचंड जीत के बाद पिछले शुक्रवार रमजान को श्रीनगर की जामिया मस्जिद में कहा था, लोगों ने नरेंद्र मोदी और उनकी पार्टी के बढ़चढ़ कर वोट दिया है… इस जनादेश ने प्रधानमंत्री मोदी को यह अवसर और ताकत दी है कि वह लंबे समय से अटके कश्मीर संघर्ष को हल करने में अपनी निर्णायक भूमिका अदा करें।