आम आदमी पार्टी नेता व दिल्ली के उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया को जामिया हिंसा के दौरान अफवाह और भ्रामक जानकारी फैलाने के आरोप के मामले में क्लीन चिट दे दी गई है। सोमवार की दिल्ली पुलिस ने सिसोदिया को क्लीन चिट दे दी।
पुलिस ने एक्शन टेकन रिपोर्ट में कहा कि सिसोदिया ने वीडियो देखने के बाद अपनी बात रखी थी। मनीष सिसोदिया ने केवल वीडियो क्लिप पर अपनी राय ट्वीट की थी जो टीवी न्यूज चैनलों पर चल रही थी और कोई संज्ञेय अपराध नहीं था।
दिल्ली पुलिस ने दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया को फेक न्यूज़ मामले में क्लीन चिट दे दी है। मनीष सिसोदिया पर आरोप लगा था कि उन्होंने जामिया हिंसा के दौरान दिल्ली पुलिस के जवान द्वारा DTC बस में आग लगाने की फेक न्यूज़ फैलाई थी।
— ANI_HindiNews (@AHindinews) February 24, 2020
एडिशनल चीफ मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट विशाल पाहुजा ने एडवोकेट अलख श्रीवास्तव द्वारा दर्ज कराई गई शिकायत को लेकर हाल ही में पुलिस को एक्शन टेकन रिपोर्ट फाइल करने के निर्देश दिए थे। अलख श्रीवास्तव ने शिकायत में मनीष सिसोदिया के ट्वीट का जिक्र किया था।
दिल्ली के जामिया नगर के पास नागरिकता संशोधन कानून के विरोध में 15 दिसंबर को कई बसों में आग लगा दी गई थी। इस दौरान सिसोदिया ने ट्वीट किया था कि दिल्ली में बीजेपी चुनाव जीतने के लिए बीजेपी आग लगवा रही है। इस ट्वीट पर शिकायतकर्ता ने सिसोदिया पर “हिंसा को उकसाने और विवाद को बढ़ावा देने के लिए झूठी सूचना फैलाने का आरोप लगाय था।
शिकायत में यह भी कहा गया था कि इस ट्वीट को कई लोगों ने शेयर किया है जिसकी वजह से लोगों के दिमाग में भ्रम, संदेह और अशांति फैली है। इस शिकायत के संदर्भ में सिसोदिया पर आईपीसी की धारा 153, धारा 504, धारा 505 और आईटी एक्ट के तहत शिकायत दर्ज की गई थी।