दिल्ली हाई कोर्ट द्वारा जामिया मिलिया इस्लामिया (JMI) परिसर में विरोध प्रदर्शन में शामिल 17 में से 7 छात्रों के खिलाफ जारी निलंबन आदेश पर अप्रैल तक रोक लगाने के कुछ दिनों बाद, विश्वविद्यालय ने उनके सस्पेंशन को रद्द करने का फैसला किया है।

वहीं, जानकारी के मुताबिक, दो अलग-अलग आदेशों में अलग-अलग निर्देश दिए गए हैं। 5 मार्च को अपने पहले आदेश में जेएमआई ने कहा कि सात बहाल छात्रों को विश्वविद्यालय के रूल्स और रेगुलेशन को बनाए रखने की प्रतिबद्धता के साथ अपनी शैक्षणिक गतिविधियों को फिर से शुरू करने की अनुमति दी जाती है। “

वहीं, 10 अन्य छात्रों के संबंध में यूनिवर्सिटी ने 12 मार्च को अलग-अलग आदेश जारी किए, जिसमें कहा गया कि उनका निलंबन केवल 7 वर्किंग डे के अंदर ‘अच्छे आचरण के बांड’ पर हस्ताक्षर करने पर रद्द कर दिया जाएगा। पता चला है कि एक को छोड़कर अन्य सात जिन्होंने अदालत का रुख किया था, उन्हें इस तरह के बांड पर हस्ताक्षर करने के लिए नहीं कहा गया था।

जामिया विश्वविद्यालय ने 17 छात्रों पर अनिश्चितकालीन निलंबन और कैंपस बैन लगाया था

12 फरवरी को, विश्वविद्यालय ने 17 छात्रों पर अनिश्चितकालीन निलंबन और कैंपस बैन लगा दिया, जो प्रशासनिक कार्रवाई के खिलाफ विरोध कर रहे थे। इसमें दिसंबर में सीएए- एनआरसी स्मरण दिवस ​​कार्यक्रम के दौरान विश्वविद्यालय अधिकारियों की अनुमति या सूचना के बिना कथित रूप से नारेबाजी करने के लिए दो पीएचडी छात्रों को जारी किए गए कारण बताओ नोटिस भी शामिल थे।

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12 मार्च को दो छात्रों – निरंजन के.एस. और सौरभ त्रिपाठी को विश्वविद्यालय द्वारा आदेश जारी किए गए थे, जिसमें कहा गया था कि अनुशासन समिति ने 25 फरवरी को एक बैठक में उनके निलंबन को रद्द करने की सिफारिश की है, बशर्ते कि वे क्रमशः 3,000 रुपये और 5,000 रुपये का जुर्माना भरें और सात कार्य दिवसों के भीतर अच्छे आचरण का बांड जमा करें।

अलग-अलग स्टूडेंट्स के लिए रखी अलग-अलग शर्त

जेएमआई के लॉ डिपार्टमेंट में बीए एलएलबी के छात्र निरंजन ने 10 मार्च को हाईकोर्ट का रुख किया और अपने खिलाफ सस्पेंशन ऑर्डर पर रोक लगाने के लिए अदालत से राहत मांगी। सोमवार को उनके वकील माणिक गुप्ता ने जस्टिस विकास महाजन को बताया कि निलंबन के मामले में उनकी शिकायत का अब समाधान हो गया है क्योंकि अब उन्हें कक्षाओं में भाग लेने की अनुमति दे दी गई है। गुप्ता ने कहा कि एकमात्र बची हुई शिकायत दिसंबर 2024 के विरोध प्रदर्शन में उनकी भागीदारी के संबंध में विश्वविद्यालय द्वारा जारी आदेश में 3000 रुपये का जुर्माना लगाना है।

यूनिवर्सिटी के ह्यूमैनिटीज और लैंगवेज़ डिपार्टमेन्ट में हिंदी विभाग के पीएचडी स्कॉलर सौरभ त्रिपाठी उन सात लोगों में शामिल थे जिन्होंने 4 मार्च को हाईकोर्ट का रुख किया था। वह उन सात लोगों में से एकमात्र हैं जिन्हें ‘अच्छे आचरण का बॉन्ड’ जमा करने के लिए कहा गया था। त्रिपाठी को दिसंबर 2024 की सभा में भाग लेने के कारण अनुशासनात्मक कार्यवाही का भी सामना करना पड़ा।

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हाईकोर्ट ने जेएमआई द्वारा जारी निलंबन के आदेशों पर अस्थायी रोक लगा दी थी

4 मार्च को हाईकोर्ट ने जेएमआई द्वारा जारी निलंबन के आदेशों पर अस्थायी रोक लगा दी थी। कोर्ट ने यह भी निर्देश दिया था कि कुलपति की देखरेख में अधिकारियों की एक समिति गठित की जाए और कुलपति द्वारा ऐसी समिति में छात्रों का एक प्रतिनिधि भी शामिल किया जा सकता है। फरवरी में हुए विरोध प्रदर्शन के कारण विश्वविद्यालय से निलंबन का सामना कर रहे छात्रों के लिए 4 मार्च को अनुशासन समिति की बैठक हुई और दिसंबर 2024 में सीएए-एनआरसी स्मरण दिवस सभा में शामिल छात्रों के लिए 25 फरवरी को अनुशासन समिति की बैठक हुई, जिसमें 10 छात्रों के निलंबन को रद्द करने की सिफारिश की गई।

12 मार्च को 10 छात्रों को जारी किए गए आदेश में, जिस पर मुख्य प्रॉक्टर नवेद जमाल ने हस्ताक्षर किए थे, कहा गया था कि समिति की सिफारिश पर विचार करते हुए, “सक्षम प्राधिकारी, जेएमआई ने, जेएमआई अधिनियम की धारा 31 के अनुसार अपने पास निहित शक्ति के तहत, निलंबन आदेश को रद्द करने का फैसला किया है।’

Jamia: निलंबन रद्द करने के साथ रखी गई शर्त

हालांकि, निलंबन रद्द करने के साथ ही एक शर्त भी रखी गई है। छात्रों को निर्देश दिया गया है कि वे नोटिस मिलने से सात वर्किंग डे के भीतर अच्छे आचरण का बांड जमा करके विश्वविद्यालय के नियमों और विनियमों को बनाए रखने की सख्त प्रतिबद्धता के साथ अपनी शैक्षणिक गतिविधियों को फिर से शुरू करें।

सात छात्रों को जारी किए गए 5 मार्च के विश्वविद्यालय के आदेश में आगे कहा गया है, “इन छात्रों को उचित अनुमति के बिना किसी भी विरोध प्रदर्शन/धरना में शामिल न होने की सलाह दी जाती है। उन्हें किसी भी सड़क, गेट या इमारत को अवरुद्ध न करने का भी निर्देश दिया जाता है क्योंकि ऐसी हरकतें विश्वविद्यालय के सामान्य कामकाज को बाधित कर सकती हैं।” पढ़ें- देशभर के मौसम का हाल