नागरिकता (संशोधन) कानून का विरोध कर रहे प्रदर्शनकारियों की जामिया मिल्लिया इस्लामिया के समीप न्यू फ्रेंड्स कॉलोनी में पुलिस के साथ झड़प हो गई, जिसमें प्रदर्शनकारियों ने डीटीसी की चार बसों और दो पुलिस वाहनों में आग लगा दी। झड़प में छात्रों, पुलिसर्किमयों और दमकलकर्मी समेत करीब 60 लोग घायल हो गए। पुलिस ने हिंसक भीड़ को खदेडने के लिए लाठीचार्ज किया और आंसू गैस के गोले छोड़े लेकिन उन पर गोलियां चलाने की बात से इनकार किया है। हालांकि, सोशल मीडिया पर पुलिस की कथित गोलीबारी, विश्वविद्यालय के बाथरूम में घायल छात्रों की वीडियो के साथ उनके खून निकलने की फुटेज चल रही है।
वरिष्ठ पत्रकार बरखा दत्त ने अपने ट्विटर अकाउंट से एक वीडियो शेयर किया है जिसमें कुछ छात्र बाथरूम में घायल अवस्था में लेते हुए हैं। बरखा ने इस वीडियो को ट्वीट करते हुए लिखा कि मैंने ऐसे समय में इस वीडियो को साझा करने से कतरा रही हूं, हालांकि मैंने इसकी रिपोर्टिंग भी की है लेकिन कहीं इस वीडियो को शेयर करने से स्थिति प्रभावित न हो जाये। लेकिन अब मुझे लगता है कि भारत को इसे देखना चाहिए। पुलिस की कार्रवाई के छात्रों को बाथरूम में कवर लेने के लिए मजबूर किया गया।”
I resisted from sharing this video in real time to avoid Inflaming the situation though I reported its contents. Now a few hours on, I feel India must see this: students forced to take cover in the urinals as police crackdown inside #Jamia. Chilling. @DelhiPolice How & WHY? pic.twitter.com/F78nfqjzeX
— barkha dutt (@BDUTT) December 15, 2019
वीडियो बना रहे शख्स को ये कहते सुना जा सकता है कि देखिये किस तरीके से पुलिस ने इन्हें मारा है इस बंदे का हाथ तोड़ दिया गया है। वहां पर एक बंदा बेहोश पड़ा हुआ है। बाथरूम के शीशे भी तोड़ दिये गए हैं। वीडियो में दो छात्र दिखाई दे रहे हैं एक ने खून से सने कपड़े से अपना सिर ढाका हुआ है वहीं दूसरा बेहोश पड़ा है।
ये वीडियो सोशल मीडिया पर जमकर वायरल हो रहा है लेकिन दिल्ली पुलिस ने झड़पों के दौरान किसी के हताहत होने की खबरों से इनकार किया है। सड़कों पर आगजनी के बाद पुलिस जामिया विश्वविद्यालय के परिसर में घुस गई जहां हिंसा में कथित तौर पर शामिल होने को लेकर कई लोगों को हिरासत में ले लिया। हालांकि, जामिया छात्र संघ ने बयान जारी कर नागरिकता अधिनियम के खिलाफ प्रदर्शन के दौरान हुई हिंसा से खुद को अलग कर लिया है। छात्रों के समूह ने आरोप लगाया कि प्रदर्शन में ‘‘कुछ खास तत्व’’ शामिल हो गए और उन्होंने इसे ‘‘बाधित’’ किया।
छात्रों ने बताया कि उनके कई साथियों को विश्वविद्यालय के पुस्ताकालयों में छिपना पड़ा। उन्होंने आरोप लगाया कि पुलिस वहां भी घुस गई और उन पर हमला किया। पुलिस के साथ युवक छात्रावासों से बाहर आते दिखे जिनके हाथ ऊपर की तरफ उठे हुए थे। जामिया मिल्लिया इस्लामिया में पुलिस की कार्रवाई के खिलाफ ‘‘आपात’’ प्रदर्शन के तौर पर रविवार देर रात को सैकड़ों छात्र आईटीओ पर स्थित दिल्ली पुलिस के पुराने मुख्यालय पर पहुंच गए। प्रदर्शनकारियों ने पुलिस के खिलाफ नारे लगाए और विश्वविद्यालय में घुसने वाले अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की।
(भाषा इनपुट के साथ)

