जामा मस्जिद के शाही इमाम सैयद अहमद बुखारी ने सरकार से आग्रह किया है कि वे मुसलमानों के मन की बातों को सुनें। मुसलमान समुदाय के लोगों से बातें करें। उनका कहना है कि नफरत और सांप्रदायिक हिंसा से निपटने में सरकार और कानून कमजोर साबित हो रहे हैं। जुमे की नमाज से पहले उन्होंने एक बयान देकर कहा कि यह सरकार मुसलमानों से नफरत करती है। उन्होंने कहा कि सरकार हमारा उत्पीड़न कर रही है। उन्होंने कहा कि चुनाव की वजह से एक धर्म को मानने वालों को धमकी दी जा रही है।

शाही इमाम ने कहा कि हाल ही में हरियाणा के नूह मेवात में मुसलमानों के घरों के ऊपर बुलडोजर चलाए गये। उन्हें खुले आकाश के नीचे जीने को विवश किया जा रहा है।

बुखारी बोले- पंचायत करके मुसलमानों को बॉयकॉट किया जा रहा

शाही इमाम ने कहा कि पूरे देश पर सांप्रदायिक शक्तियां हावी हैं। यह देश और समाज के लिए खतरनाक स्थिति है। नूंह, मेवात समेत हरियाणा के कई इलाकों में पंचायत करके मुसलमानों को धमकाया जा रहा है। हिंदुओं से कहा जा रहा है मुसलमानों का बॉयकॉट करो। उन्होंने कहा कि कट्टरपंथियों ने देश के माहौल को खराब कर दिया है। उन्होंने पूछा कि क्या इसी काम के लिए इस देश को हमारे पूर्वजों ने कुर्बानी देकर आजाद कराया था।

इमाम बुखारी ने लोगों को आगाह किया कि वे सतर्क रहें। उन्होंने कहा कि यह सब अगले साल होने वाले आम चुनावों के मद्देनजर किया जा रहा है। वे बोले, “हम सबको पता है कि सब कुछ चुनाव की वजह से कराया जा रहा है। कोई भी पार्टी हमेशा सत्ता में नहीं रहने वाली है। प्रधानमंत्री जी हालात को समझें और उस पर गौर करें। आजादी के 75 साल बाद भी मुसलमानों को न्याय नहीं मिला।”

उन्होंने कहा कि आज के समय में मुसलमानों की हालत दलितों से भी ज्यादा खराब है। देश के कई हिस्सों में हाल ही में हिंसा बेहद दुखद है। हममें से कोई भी इसका समर्थन नहीं करता है, लेकिन जो हुआ वह बेहद दर्दनाक और दुखद है। हिंसा में शामिल लोगों में इंसानियत नहीं है।