सरकार ने देशभर में जल जीवन मिशन योजनाओं के जमीनी निरीक्षण के लिए केंद्रीय नोडल अधिकारियों की 100 टीमें भेजने का फैसला किया है। यह कदम 8 मई को कैबिनेट सचिव की अध्यक्षता में हुई बैठक के बाद उठाया गया है, जिसका उद्देश्य मिशन की योजनाओं की समीक्षा करना है।

कार्मिक एवं प्रशिक्षण विभाग द्वारा सोमवार को जारी आदेश में 29 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के 135 जिलों में 183 योजनाओं के निरीक्षण के लिए 99 नोडल अधिकारियों की पहचान की गई है। ये योजनाएं यादृच्छिक रूप से चयनित की गई हैं। इनमें सबसे अधिक 29 योजनाएं मध्य प्रदेश में, राजस्थान और ओडिशा में 21-21, कर्नाटक में 19, उत्तर प्रदेश में 18, केरल में 10, तथा गुजरात और तमिलनाडु में आठ-आठ योजनाएं शामिल हैं।

प्रस्ताव में 46 फीसदी कटौती के सुझाव के बाद हुआ फैसला

समीक्षा का यह निर्णय उस पृष्ठभूमि में लिया गया है जब दो महीने पहले व्यय सचिव के नेतृत्व वाले पैनल ने जल संसाधन मंत्रालय के एक प्रस्ताव में 46 प्रतिशत की कटौती करने का सुझाव दिया था। इस प्रस्ताव में दिसंबर 2028 तक मिशन को पूरा करने के लिए 2.79 लाख करोड़ रुपये की आवश्यकता जताई गई थी। यह कटौती वित्त मंत्रालय द्वारा लागत वृद्धि को लेकर उठाए गए कड़े सवालों और कुछ सरकारी वर्गों द्वारा जताई गई उन चिंताओं के बाद की गई थी, जिनमें कहा गया था कि कुछ राज्यों में कार्य अनुबंधों की लागत बढ़ाई गई है।

सूत्रों के अनुसार, निरीक्षण के लिए चुनी गई 183 योजनाओं में से कई की लागत 1,000 करोड़ रुपये के आसपास है। एक सूत्र ने बताया कि इन योजनाओं की कुल अनुमानित लागत लगभग 1.50 लाख करोड़ रुपये है, जो जल जीवन मिशन (JJM) की स्थापना के बाद से स्वीकृत सभी योजनाओं की कुल लागत का लगभग 20 प्रतिशत है।

दिल्ली सरकार ने घटाई विधायक निधि, अब MLALAD फंड में मिलेंगे इतने करोड़

निरीक्षण के लिए चयनित नोडल अधिकारियों में 75 संयुक्त सचिव, दो संयुक्त सचिव सह वित्तीय सलाहकार और 106 निदेशक शामिल हैं, जो वर्तमान में विभिन्न मंत्रालयों और विभागों में कार्यरत हैं। इन अधिकारियों के लिए 23 मई को एक प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किया जाएगा, जिसमें उन्हें निरीक्षण के दौरान अपनाए जाने वाले मानकों के बारे में जानकारी दी जाएगी।

मंत्रालय द्वारा एक प्रश्नावली भी तैयार की गई है, जिसे निरीक्षण के समय अधिकारी अपने साथ रखेंगे और उसी के अनुसार जमीनी रिपोर्ट तैयार करेंगे।

गौरतलब है कि जल जीवन मिशन की शुरुआत 2019 में की गई थी। इसके तहत अब तक 6.4 लाख जल आपूर्ति योजनाओं को राज्यों द्वारा अनुमोदित किया जा चुका है, जिनकी कुल अनुमानित लागत 8.29 लाख करोड़ रुपये है। यह आंकड़ा योजना के मूल परिव्यय 3.60 लाख करोड़ रुपये (केंद्र: 2.08 लाख करोड़ रुपये, राज्य: 1.52 लाख करोड़ रुपये) से दोगुने से भी अधिक है।