खूंखार आतंकवादी संगठन जैश-ए-मोहम्मद के संस्थापक मसूद अजहर के गुर्दे खराब होने की खबरें हैं और ऐसा बताया जा रहा है कि मसूद अजहर का पाकिस्तान में रावलपिंडी के एक सैन्य अस्पताल में नियमित डायलसिस किया जा रहा है। सुरक्षा अधिकारियों ने यहां शनिवार को यह बात कही। इससे पहले पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी ने भी स्वीकार किया था कि जैश का सरगना ‘बीमार’ है। इस संबंध में एक वरिष्ठ सुरक्षा अधिकारी ने कहा, ‘हालिया खबरें इस ओर इशारा करती हैं कि अजहर के गुर्दों ने काम करना बंद कर दिया है और उसका पाकिस्तानी सेना के मुख्यालय रावलपिंडी के एक सैन्य अस्पताल में इलाज चल रहा है। शाह महमूद कुरैशी ने बृहस्पतिवार को कहा था, ‘मुझे मिली जानकारी के मुताबिक वह पाकिस्तान में ही है। वह इस हद तक बीमार है कि घर से बाहर भी नहीं निकल सकता। वह काफी बीमार है।’
अधिकारी ने बताया कि जैश-ए-मोहम्मद का सरगना ओसामा बिन लादेन का निकट सहयोगी था। उसने कई अफ्रीकी देशों में आतंकवाद को बढ़ावा दिया और उसे ऐसे पाकिस्तानी मौलवी के रूप में भी जाना जाता है जिसने ब्रिटेन की मस्जिदों में जिहाद का पाठ पढ़ाया। उन्होंने कहा कि 50 वर्षीय आतंकवादी सरगना इतना प्रभावशाली है कि जब इंडियन एयरलाइंस के अपहृत विमान आईसी 814 को आतंकवादियों के कब्जे से छुड़ाने के बदले में भारत ने उसे कंधार में 31 दिसंबर 1999 को रिहा किया था तो लादेन ने उसी रात उसके लिए भोज आयोजित किया था। अजहर को 1994 में जम्मू-कश्मीर में जिहाद का पाठ पढ़ाने के आरोप में गिरफ्तार किया गया था।
बता दें कि बीती 14 फरवरी को जम्मू कश्मीर के पुलवामा में हुए आतंकी हमले की जिम्मेदारी जैश-ए-मोहम्मद ने ही ली है। इस हमले में सीआरपीएफ के 40 जवान शहीद हो गए थे। बीते गुरुवार को पाकिस्तान ने स्वीकार किया कि मसूद अजहर पाकिस्तान में है, लेकिन काफी बीमार है और अपने घर से भी नहीं निकल सकता है। हालांकि जैश ए मोहम्मद का बचाव करते हुए पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी ने कहा कि जैश ने पुलवामा हमले की जिम्मेदारी नहीं ली है और इसमें कुछ कन्फ्यूजन है। इस घटना के बाद से भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव बना हुआ है। भारत मसूद अजहर को वैश्विक आतंकी घोषित कराने की कोशिशों में जुटा है। हालांकि भारत की इस कोशिश में चीन अड़ंगा डाल रहा है और तीन बार वह मसूद अजहर को वैश्विक आतंकी घोषित कराने के प्रस्ताव को वीटो कर चुका है।