कांग्रेस के मीडिया विभाग के चेयरमैन जयराम रमेश मे पीएम मोदी पर नेशनल फूड सिक्योरिटी एक्ट NFSA को लेकर तीखा हमला बोला है। उनकी नाराजगी इस बात को लेकर है कि बीजेपी नीत केंद्र सरकार ने हाल ही में सुप्रीम कोर्ट में एक हलफनामा देकर कहा है कि NFSA किस तरह से फायदेमंद है। जबकि गुजरात का सीएम रहते नरेंद्र मोदी ने इसका मजाक उड़ाया था। जयपाम ने मोदी का एक पुराना वीडियो भी ट्विटर पर शेयर किया है।
कांग्रेस नेता का कहना है कि मोदी केवल फेकू मास्टर नहीं बल्कि यूटर्न उस्ताद भी हैं। पहले वो नेशनल फूड सिक्योरिटी एक्ट को बेमतलब का बताते नहीं थकते थे। लेकिन अब वो सुप्रीम कोर्ट को इस एक्ट के फायदे गिना रहे हैं। उनका कहना था कि मोदी पहले कहते थे कि ये बिल गरीबों के बीच भूख की समस्या को बढ़ाने जा रहा है। वीडियो में मोदी ये कहते भी दिखते हैं कि गरीबी रेखा से नीचे रहने वाले लोगों का इस बिल से निवाला ही छिन जाएगा।
NFSA को मनमोहन सिंह सरकार ने 2013 में लांच किया था। उस दौरान बिल का केवल 1 सीएम ने विरोध किया था और वो थे नरेंद्र मोदी। जयराम का कहना था कि मोदी पहले मनरेगा की भी आलोचना करते थे। लेकिन बाद में उन्हे ये ही योजना अच्छी लगी।
सुप्रीम कोर्ट में दिए हलफनामे में केंद्र ने कहा है कि भारत के लोगों की पर कैपिटा इनकम बढ़कर 33.4 फीसदी हो चुकी है। ये इजाफा 2013 में NFSA लांच होने के बाद हुआ। इससे बहुत से परिवार हायर इनकम क्लास में शामिल हो चुके हैं। केंद्र का कहना है कि ऐसे लोग अब 2013-12 की तरह से बेचारे नहीं रह गए हैं।
National Food Security Act was launched in Sep’13. It was bitterly opposed by 1 CM. Now that CM who became PM has got an affidavit filed in Supreme Court highlighting its positive impact. He mocked MGNREGA too but embraced it later. But he won’t give an iota of credit where due!
— Jairam Ramesh (@Jairam_Ramesh) November 13, 2022
ध्यान रहे कि इस एक्ट के तहत गांवों की 76 फीसदी और शहरों की 50 फीसदी जनता को रियायती अनाज उपलब्ध कराया जाता है। मोदी सरकार ने शीर्ष अदालत को ये भी बताया कि ये एक्ट लांच होने के बाद 4.7 करोड़ राशन कार्ड योजना के तहत जुड़े हैं। केंद्र ने ये बात तब कही जब कोर्ट ने सरकार से प्रवासी लोगों को अनाज बगैर राशन कार्ड उपलब्ध कराने को कहा।