राजस्थान की राजधानी जयपुर में हुए टैंकर ब्लास्ट के बाद कई ज़िंदगियां उजड़ गई हैं। शनिवार सुबह तक सामने आए आंकड़ों के मुताबिक 14 लोगों की मौत हो चुकी है। 32 से घायलों का अब भी SMS अस्पताल में इलाज चल रहा है। जयपुर के भांकरोटा इलाके में सामने आए इस हादसे में कई मृतकों की पहचान तक कर पाना तक मुश्किल हो रहा है। जानकारी सामने आई है कि 15 घायल 50 फीसदी से ज़्यादा जले हुए हैं। 41 से ज़्यादा गाड़ियां जलकर राख हो गई है। आसपास के घरों को काफी नुकसान हुआ है।
जयपुर टैंकर ब्लास्ट की भयावह कहानियां
जयपुर में हुए इस हादसे से निकल कर आ रही कहानियां काफी भयावह हैं। आग लपटों से लैस लोग जान बचाने के लिए यहां-वहां भागते दिए। जो बच गए, वह चाह कर भी किसी की मदद नहीं कर पाए। कुछ ना सड़क पर किसी के आने और बचाने की आस में ही दम तोड़ दिया। केंद्र सरकार ने मृतकों को 2-2 लाख और घायलों को 50-50 हजार रुपये की सहायता का ऐलान किया है। वहीं राजस्थान सरकार मृतकों को 5-5 लाख और घायलों को 1-1 लाख रूपये की सहायता देगी।
जयपुर हादसे में जान गंवाने वाली आरएसी कांस्टेबल अनीता मीणा अपनी ड्यूटी के लिए निकली थीं। वह स्लीपर बस में सवार थीं। उनके पति उन्हें खोजने के लिए अस्पताल में भटकते रहे, लेकिन वह नहीं मिलीं। उनसे कहा गया कि वह एक बार मुर्दाघर जा आएं। लेकिन अनीता के पति का मन नहीं मान रहा था। आखिरकार वह मुर्दाघर गए तो उन्हें अनीता का शव वहां मिल गया। अपनी पत्नी की पहचान उन्होंने बिछिया से की। अनीता के दो छोटे बच्चे हैं।
यह हादसा कितना दर्दनाक था। इसका अंदाज़ा इस बात से लगाया जा सकता है कि एक शव पोटली में बांध कर लाया गया। डॉक्टर कहते हैं कि उसकी पहचान कर पाना काफी मुश्किल था। यह तक समझ नहीं आ रहा था कि वह महिला है या पुरुष है। ऐसे शवों की पहचान DNA टेस्ट की ज़रिए की जा रही है।