दिल्ली के जहांगीरपुरी इलाके में हनुमान जयंती की शोभायात्रा पर हुए पथराव के बाद भड़की हिंसा को लेकर बड़ा खुलासा हुआ है। इस मालमे में जहांगीरपुरी थाने के एडिशनल एसएचओ राजीव रंजन की तरफ से शिकायत दर्ज करवाई है। FIR के मुताबिक पूरे बवाल की शुरुआत अंसार और उसके 4-5 साथियों की बहस के बाद से हुई।
FIR के मुताबिक: एफआईआर में कहा गया है हनुमान जन्मोत्सव के मौके पर निकाली गई शोभायात्रा शाम 6 बजे सी ब्लॉक में जामा मस्जिद के पास पहुंची तो अंसार नाम का एक शख्स अपने 4-5 साथियों के साथ वहां आया और शोभायात्रा निकाल रहे लोगों से बहस करने लगा। बहस इतनी बढ़ी कि दोनों पक्षों के बीच पथराव शुरू हो गया। जिसके चलते शोभायात्रा में भगदड़ मच गई।
एफआईआर के मुताबिक मौके पर मौजूद पुलिस बल ने शांति की अपील करते हुए दोनों पक्षों को समझाकर अलग कर दिया। लेकिन कुछ देर बाद ही फिर से नारेबाजी व पथराव शुरु हो गया। हालात पर काबू पाने के लिए 40-50 आंसू गैस के गोले भी छोड़े गये। तभी पथराव के दौरान भीड़ की तरफ से पुलिस बल पर फायरिंग की गई। जिसमें जहांगीरपुरी थाने के एसआई मेदालाल के बायें हाथ में गोली लग गई।
एफआईआर के अनुसार इसमें 6-7 पुलिसकर्मी व एक आम नागरिक को गंभीर चोट पहुंची। इस हालात में उपद्रवियों ने एक स्कूटी में आग लगाकर 4-5 गाड़ियों में तोड़फोड़ की। एफआईआर में कहा गया है कि हनुमान जन्मोत्सव के मौके पर शांतिपूर्वक निकाली जा रही शोभायात्रा पर कुछ असामाजिक तत्वों द्वारा पथराव व फायरिंग कर संप्रदायिक दंगे किये गये।

गोली चलाने वाला एक शख्स अरेस्ट: दिल्ली पुलिस ने जानकारी दी है कि फायरिंग करने वाले एक आरोपी को गिरफ्तार कर लिया गया है। उसके पास से वारदात में इस्तेमाल पिस्टल बरामद कर ली गई है। अभी तक इस मामले में 14 लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है। बता दें कि जहांगीर हिंसा में आरोपियों के नामों का खुलासा हुआ है।
जिसमें अंसार, असलम, जाहिद, शहजाद, मुख्तयार अली हसन, मोहम्मद अली, आमिर के नाम शामिल हैं। ये सभी आरोपी जहांगीरपुरी इलाके और उसके आसपास के ही रहने वाले हैं। असलम पर आरोप है कि उसने पुलिसकर्मी पर गोली चलाई। वहीं अंसार की आपराधिक पृष्ठभूमि है।
चश्मदीद क्या बोले: रविवार (17 अप्रैल, 2020) सुबह भारी पुलिस बल की तैनाती के बीच जहांगीरपुरी में दुकानें खुली और आवाजाही शुरू हुई। हिंदी चैनल एबीपी न्यूज को एक स्थानीय ने आरोप लगाया, “शोभायात्रा के बीच चप्पल फेंकी गई। जश्न में शामिल लोगों को बुरी तरह घसीटा गया।” एक अन्य शख्स ने बताया कि उनकी अर्टिगा कार क्षतिग्रस्त कर दी गई। इस बीच, कुछ महिलाओं ने दावा किया कि उनकी गली में भीड़ घुस आई थी। उनसे से कुछ लोग तलवारें लिए थे।
एक दुकानदार के मुताबिक, “हिंसा के वक्त मैं दुकान में छुप गया था। इस बीच, लोग लूटपाट करने लगे थे। वे 500 से अधिक थे, पर हम उन्हें नहीं पहचानते।” शोभायात्रा में शामिल एक शख्स ने बताया, “शांति से प्रसाद बांटते आ रहे थे। हम 50 लोग थे। अचानक छतों से पत्थर फेंके जाने लगे। हमें दौड़ाया गया। चप्पलें फेंकी गईं। पुलिस के आने के बाद उपद्रव कम हुआ।” वहीं, एक अन्य व्यक्ति ने कहा लोगों ने गलियों में घुस-घुसकर हिंसा की। एक महिला ने दावा किया कि कम से कम 500 की संख्या में लोग गलियों में घुस आए थे। वे अचानक तोड़फोड़ करने लगे। वे हथियार भी लिए थे।
उधर, सलीम ने चैनल से कहा- मेरी यहां मोबाइल रिपेयरिंग की दुकान है। दोपहर दो बजे के करीब भारी संख्या में लोग दुकानें बंद कराने लगे थे। ये लोग बाहर से आये थे। उसमें किसी ने गोली चलाई तो किसी ने पत्थर बरसाए थे। ब्लॉक सी के निवासी मस्तान के मुताबिक, रैली में “भारत में रहना होगा तो जय श्री राम कहना होगा” जैसे नारे लग रहे थे। वे लोग भगवा झंडे लिए थे। थोड़ी देर बाद अचानक से हिंसा और बढ़ गई थी। पथराव दोनों ओर से हो रहा था।
पीड़ित संजय तिवारी ने एबीपी न्यूज से बात करते हुए बताया कि हम रोज कमाकर खाने वाले लोग हैं। इस हिंसा से हमें कोई लेना देना नहीं लेकिन फिर भी इसमें सबसे अधिक नुकसान हम ही लोगों का हुआ है।
बता दें कि जहांगीरपुरी में शोभायात्रा के दौरान हुई हिंसा के बाद इलाके में भारी संख्या में सुरक्षाबलों की तैनाती की गई। अब तक 14 आरोपी गिरफ़्तार हुए हैं। इस हिंसा में 8 पुलिसकर्मियों और 1 नागरिक सहित 9 लोग घायल हो गए और अस्पताल में उनका इलाज किया गया।