जगदीप धनखड़ ने उपराष्ट्रपति पद से सोमवार को इस्तीफा दे दिया और राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने उसे स्वीकार कर लिया। अब बड़ा सवाल है कि देश का अगला उपराष्ट्रपति कौन होगा? चुनाव आयोग ने बुधवार को घोषणा की कि उसने नए उपराष्ट्रपति के चुनाव की तैयारी शुरू कर दी है। हालांकि अब उपराष्ट्रपति के उम्मीदवार का फैसला भाजपा संसदीय बोर्ड द्वारा किया जाएगा। बोर्ड के अध्यक्ष प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी हैं और वह बुधवार से चार दिवसीय विदेश दौरे पर हैं। माना जा रहा है कि भाजपा संसदीय बोर्ड की बैठक उनके लौटने पर ही होगी।
कौन बनेगा उपराष्ट्रपति ?
भाजपा के शीर्ष सूत्रों ने कहा कि सरकार का उम्मीदवार (जिसके लोकसभा और राज्यसभा में भाजपा-नेतृत्व वाले एनडीए के सदस्यों की संख्या को देखते हुए चुने जाने की उम्मीद है) पूरी निष्ठा वाला व्यक्ति होगा। एक वरिष्ठ भाजपा नेता ने कहा, “हालांकि इस संबंध में अंतिम निर्णय पार्टी का वरिष्ठ नेतृत्व लेगा, लेकिन जगदीप धनखड़ की जगह कौन लेगा, इस पर चर्चा इस बात पर केंद्रित है कि नेता एनडीए के लंबे समय से सदस्य रहे हों।”
नेता ने आगे कहा, “एनडीए के किसी प्रमुख घटक दल खासकर टीडीपी या जेडीयू से किसी सदस्य के चुने जाने की निश्चित रूप से संभावना है।” ऐसा कदम भाजपा और उसके सहयोगियों के बीच संबंधों को मज़बूत करेगा। एक सूत्र ने स्पष्ट रूप से कहा कि उपराष्ट्रपति चुनाव ऐसे समय में हो रहा है जब राज्यपालों की नियुक्ति और भाजपा के अगले राष्ट्रीय अध्यक्ष के लिए आंतरिक चुनावों के अलावा, केंद्रीय मंत्रिमंडल में एक महत्वपूर्ण फेरबदल की उम्मीद है।
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मंत्रियों के नाम पर भी चर्चा
पार्टी के अंदरूनी सूत्रों के अनुसार पार्टी नेताओं के अलावा जिन भाजपा सांसदों का राज्यसभा कार्यकाल समाप्त होने वाला है और राज्य मंत्री हैं, उनके नाम पर भी चर्चा संभव है। सूत्रों ने आगे कहा कि सोमवार को राज्यसभा में जगदीप धनखड़ के अध्यक्षता करते समय हुई घटनाएं, जो कथित तौर पर जस्टिस यशवंत वर्मा के खिलाफ विपक्ष के प्रस्ताव से संबंधित थीं, ट्रिगर कीं लेकिन धनखड़ का इस्तीफा ‘कुछ समय से लंबित’ था।
एक वरिष्ठ भाजपा नेता ने कहा कि इसके कई कारण हैं, जिनमें उनका स्वास्थ्य भी शामिल है लेकिन यह केवल स्वास्थ्य तक ही सीमित नहीं। मानसून सत्र शुरू होने की पूर्व संध्या पर जगदीप धनखड़ से मिलने आए एक भाजपा सांसद ने कहा, “निश्चित रूप से कई कारण हैं, लेकिन उनका स्वास्थ्य निश्चित रूप से उनके (इस्तीफ़ा देने के) फ़ैसले का एक कारण है।”