Jagdeep Dhankhar No Confidence Motion: सभापति जगदीप धनखड़ के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाने की तैयारी, पूरा विपक्ष इस बात के लिए एकजुट होता दिख रहा है। कांग्रेस की तरफ से यह अविश्वास प्रस्ताव लाया जाएगा, लेकिन इसे टीएमसी से लेकर सपा तक का समर्थन हासिल हो गया है। बड़ी बात यह है कि अभी तक 70 हस्ताक्षर करवा लिए गए हैं।

धनखड़ के खिलाफ क्यों लाना अविश्वास प्रस्ताव?

जानकारी के लिए बता दें कि इस समय राज्यसभा में जॉर्ज सोरोस के मुद्दे पर जबरदस्त बहस देखने को मिल रही है। इस मुद्दे पर जिस तरह का रवैया सभापति जगदीप धनखड़ ने दिखाया है, उससे खफा होकर ही कांग्रेस यह अविश्वास प्रस्ताव लेकर आ रही है। कई दूसरे विपक्षी दल भी इस बार कांग्रेस के साथ खड़े हो गए हैं, ऐसे में आने वाले दिनों में सियासी बवाल बढ़ने जा रहा है।

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वैसे अभी के लिए मामले को ठंडा करने के लिए जगदीप धनखड़ ने सभी सांसदों के साथ बैठक करने का फैसला किया है। अब जानकारी के लिए बता दें कि यह कोई पहली बार नहीं है जब जगदीप धनखड़ के खिलाफ इस तरह का अविश्वास प्रस्ताव लाया जा रहा हो, इससे पहले भी ऐसी ही प्रक्रिया शुरू करने की कवायद हुई थी, लेकिन कुछ कारणों की वजह से कदम पीछे खीच लिए गए थे।

अविश्वास प्रस्ताव का नियम क्या?

अब समझने वाली बात यह है कि किसी भी सभापति को उनकी कुर्सी से हटाने के लिए कम से कम 50 हस्ताक्षर की जरूरत होती है, उस जरूरी समर्थन मिलने के बाद ही अविश्वास प्रस्ताव लाया जा सकता है। अब यहां तो क्योंकि 70 हस्ताक्षर होने का दावा किया गया है, उस वजह से माना जा रहा है कि इस बार उप राष्ट्रपति की मुश्किलें बढ़ सकती हैं। वैसे सबसे बड़ा आरोप जगदीप धनखड़ पर विपक्ष का यह रहा है कि उन्होंने जॉर्ज सोरोस के मामले में बिना विपक्ष को विश्वास में लिए चर्चा शुरू करवा दी थी। यहां तक कहा गया है कि उनकी तरफ से बीजेपी नेताओं को तो चुन-चुन कर बोलने का मौका दिया गया।

वैसे मोदी सरकार के खिलाफ भी पिछले 10 सालों में कई बार अविश्वास प्रस्ताव लाने की कोशिश हुई है। ऐसे में अगर आप भी सोच रहे हैं कि यह लाया कैसे जाता है, नियम क्या रहते हैं, तो यहां क्लिक करें