Jagannath Puri Rath Yatra 2021 Live Updates: अहमदाबाद में भगवान जगन्नाथ की वार्षिक रथयात्रा, इस बार कोरोना वायरस जनित महामारी के कारण सोमवार को कर्फ्यू के बीच निकाली जाएगी ताकि लोग इसमें शामिल न हो सकें। आमतौर पर हर साल रथयात्रा में भारी भीड़ एकत्र होती है।

अधिकारियों ने बताया कि जनता के भाग न लेने के अलावा, 144वीं रथयात्रा का आयोजन सादे तरीके से कम समय में किया जाएगा। उन्होंने कहा कि इस बार 12 घंटे के स्थान पर चार-पांच घंटे में यात्रा समाप्त हो जाएगी, हालांकि यह पहले की तरह 19 किलोमीटर की दूरी तय करेगी। राज्य प्रशासन और मंदिर अधिकारियों ने जन भागीदारी के बिना सादे तरीके से रथयात्रा निकालने के सारे इंतजाम किये हैं। अधिकारियों ने कहा कि सुरक्षा व्यवस्था दुरुस्त की गई है ताकि कोविड-19 नियमों का पालन करते हुए यात्रा का आयोजन शांतिपूर्ण तरीके से संपन्न हो सके।

महामारी को देखते हुए राज्य सरकार ने स्पष्ट कर दिया है कि तीन रथ और दो अन्य वाहनों को छोड़कर कोई अन्य वाहन, अखाड़े, हाथी या सजे हुए ट्रकों को यात्रा में शामिल होने की अनुमति नहीं है। लोगों को यात्रा से दूर रखने के लिए पूरी यात्रा के मार्ग पर भोर से दोपहर तक कर्फ्यू लागू किया जाएगा। पारंपरिक तौर पर रथों के नेतृत्व में यात्रा, चार सौ साल पुराने मंदिर से सुबह सात बजे शुरू होती है और रात आठ बजे लौटकर समाप्त होती है। इस बार केवल 60 युवाओं को अनुमति दी गई है जिसमें से प्रत्येक रथ को 20 युवा खीचेंगे।

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह भी इस दौरान अहमदाबाद में ही हैं। अमित शाह ने सोमवार तड़के मंगला आरती में हिस्सा लिया। सुबह चार बजे हुई आरती में शाह अपने परिवार के साथ हिस्सा लेने पहुंचे, यहां उन्होंने भगवान जगन्नाथ की पूजा की। हाथियों को फल खिलाए।

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07:21 (IST)13 Jul 2021
सुदर्शन पटनायक ने बनाया भगवान जगन्नाथ का रेत का विशाल रथ

भगवान जगन्नाथ की रथयात्रा के अवसर पर रेत के दृश्य बनाने वाले विख्यात कलाकार सुदर्शन पटनायक ने रेत से 43 फुट लंबा और 35 फुट चौड़ा त्रि आयामी विशाल रथ बनाया। इसके साथ ही पटनायक ने 6.2 इंच के नन्हें रेत के रथ का भी निर्माण किया। उन्होंने कहा कि उनकी यह कृति महान कवि भक्त बलराम दास को दी गई श्रद्धांजलि है जिन्हें विश्व में रेत की कलाकृति बनाने का प्रणेता माना जाता है। पटनायक ने कहा कि बलराम दास ने 14वीं शताब्दी में विश्व का पहला रेत का रथ बनाया था।

05:55 (IST)13 Jul 2021
भगवान इंद्र ने कृष्ण को उपहार में दिया था रथ

भगवान जगन्नाथ यानि कृष्ण भगवान के रथ का नाम नंदीघोष है। मान्यता है कि इस रथ को भगवान इंद्र ने कृष्ण को उपहार में दिया था। यह रथ सुनहरे पीले रंग का है। भगवान कृष्ण के इस रथ को कपि ध्वज के नाम से भी जाना जाता है। हिंदू धर्म के श्रद्धालुओं के बीच भगवान कृष्ण को पीताम्बर भी कहा गया है।

04:24 (IST)13 Jul 2021
महा बिल्वेश्वर नाथ मंदिर से भगवान जगन्नाथ जी की यात्रा निकाली गई

मेरठ में सदर स्थित महा बिल्वेश्वर नाथ मंदिर से भगवान जगन्नाथ जी की यात्रा निकाली गई। इस दौरान पंडित विष्णु शास्त्री ने पूजन किया। वहीं भगवान जगन्नाथ जी, दाऊ जी और सुभद्रा जी ने रथ पर नगर भ्रमण किया। बताया गया कि चांदी के रथ को भव्य ढंग से सजाया गया है। 

03:18 (IST)13 Jul 2021
रथयात्रा : श्रद्धालुओं के हृदय में भक्ति-भाव का था वही सैलाब

रथयात्रा में इस बार कोविड के कारण प्रतिवर्ष की तरह बेशक हजारों श्रद्धालु नहीं थे लेकिन लेकिन श्रद्धालुओं के हृदय में भक्ति-भाव का वही सैलाब था। बल्केश्वर महादेव मंदिर में श्रीहरि को श्रीफल समर्पित करके भक्तों ने सांकेतिक रथयात्रा की शुरुआत की। जिस क्षेत्र से श्री जगन्नाथ जी की रथयात्रा गुजरी, दर्शन को भक्तजन अपने घरों से बाहर निकल आए।

02:03 (IST)13 Jul 2021
जगन्‍नाथ रथयात्रा: मृदंग-मजीरों संग संकीर्तन करते चले श्रद्धालु

बल्केश्वर महादेव मंदिर में श्रीहरि को श्रीफल समर्पित करके भक्तों ने सांकेतिक रथयात्रा की शुरुआत की। रथयात्रा कमला नगर का भ्रमण करके रश्मि नगर स्थित जगन्नाथ मंदिर पर पहुंचकर समाप्त हुई। 

22:16 (IST)12 Jul 2021
गुजरात में लगातार दूसरे साल प्रतीकात्मक रथ यात्रा का आयोजन

गुजरात में लगातार दूसरे साल प्रतीकात्मक रथ यात्रा का आयोजन किया गया। पिछले साल, गुजरात उच्च न्यायालय द्वारा महामारी के कारण सामान्य सार्वजनिक जुलूस की अनुमति देने से इनकार करने के बाद, भगवान जगन्नाथ मंदिर के परिसर में केवल एक प्रतीकात्मक रथ यात्रा का आयोजन किया गया था।

20:50 (IST)12 Jul 2021
कोविड के कारण अहमदाबाद में रथयात्रा में शामिल हुए केवल तीन रथ

अहमदाबाद में रथयात्रा के दौरान कोविड नियमों का पालन किया गया। लगभग 100 ट्रकों, हाथियों, अखाड़ों और गायन मंडलियों के सामान्य काफिले के बजाय इस साल की यात्रा में केवल तीन रथ शामिल थे, जिन्हें खालासी समुदाय के लगभग 100 युवाओं ने खींचा। इसके अलावा चार से पांच अन्य वाहन रथयात्रा में शामिल रहे।

20:11 (IST)12 Jul 2021
देश के कई हिस्सों में निकली जगन्नाथ रथयात्रा

देश भर में भगवान जगन्नाथ, बलभद्र और देवी सुभद्रा की वार्षिक रथयात्रा निकाली गयी। हालांकि इस बार के रथयात्रा में एक बार फिर से कोरोना का असर देखने को मिला। अहमदाबाद और पुरी में पूरे शहर में प्रशासन की तरफ से कर्फ्यू लागू किया गया था। पुरी के जिलाधिकारी समर्थ वर्मा ने बताया कि केवल उन्हीं सेवादारों, पुलिसकर्मियों और अधिकारियों को उत्सव में भाग लेने की अनुमति थी जिनकी कोविड-19 जांच ‘निगेटिव’ थी। उन्होंने कहा कि सड़कों या घर की छतों पर एकत्र होने की मनाही थी। 

19:14 (IST)12 Jul 2021
मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने जगन्नाथ मंदिर पहुंचकर पूजा-अर्चना की

झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने सोमवार को रथयात्रा के अवसर पर रांची के धुर्वा स्थित जगन्नाथ मंदिर पहुंच कर सपरिवार पूजा-अर्चना की और राज्यवासियों की सुख समृद्धि की कामना की। राज्य सरकार के प्रवक्ता ने यहां बताया कि मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन आज रथयात्रा के अवसर पर धुर्वा स्थित जगन्नाथ मंदिर पहुंचे और मुख्य मंदिर का पट बंद रहने के कारण बाहर द्वार से ही शीश झुकाकर भगवान से प्रार्थना की। मंदिर के पुजारी ने गर्भगृह के बाहर ही विधि-विधान पूर्वक मुख्यमंत्री से पूजा संपन्न कराई।

18:22 (IST)12 Jul 2021
गुजरात : कोविड-19 पाबंदियों के बीच भगवान जगन्नाथ की रथ यात्रा संपन्न

गुजरात के अहमदाबाद शहर में कोविड-19 पाबंदियों के बीच सोमवार को भगवान जगन्नाथ की 144वीं रथयात्रा 12 घंटे के बजाय चार घंटे में संपन्न हो गई। पाबंदियों के मद्देनजर लोगों को इसमें भाग लेने से रोकने के लिए यात्रा के मार्ग में सुबह से ही कर्फ्यू लगाया गया था ।

17:44 (IST)12 Jul 2021
बंगाल में कोविड के कारण नहीं दिखा रथयात्रा का उल्लास, ममता ने दी बधाई

पश्चिम बंगाल में पिछले साल की तरह इस साल भी रथ यात्रा का पारंपरिक उल्लास सोमवार को नहीं दिखा। मुख्यमंत्री ने ट्वीट कर कहा, ‘‘रथ यात्रा के इस पावन अवसर पर मैं सभी को शुभकामना देती हूं । भगवान जगन्नाथ से मैं अपने सभी भाई बहनों की सुरक्षा और स्वस्थ्य रहने की कामना करती हूं । जय जगन्नाथ ।’’

16:56 (IST)12 Jul 2021
रथयात्रा के दौरान श्री जगन्नाथ मंदिर की लेजर स्कैनिंग होगी

भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) नौ दिवसीय रथ यात्रा उत्सव के दौरान पुरी स्थित श्री जगन्नाथ मंदिर के कुछ महत्वपूर्ण हिस्सों की लेजर स्कैनिंग करेगा। श्री जगन्नाथ मंदिर प्रशासन (एसजेटीए) के मुख्य प्रशासक कृष्ण कुमार ने रविवार को बताया कि पुरी स्थित 12वीं शताब्दी के मंदिर के संरक्षण की जिम्मेदारी संभालने वाले एएसआई ने मंदिर प्रशासन से मंदिर की लेजर स्कैनिंग का अनुरोध किया था। उन्होंने कहा, ‘‘सभी हितधारकों के साथ विचार-विमर्श करने के बाद, एएसआई को गर्भगृह को छोड़कर नट मंडप, जगमोहन और मंदिर के अन्य हिस्सों में लेजर स्कैनिंग करने की अनुमति देने का निर्णय लिया गया।’’

16:31 (IST)12 Jul 2021
कोविड के कारण पश्चिम बंगाल में नहीं दिखा रथयात्रा का परंपरागत उल्लास

पश्चिम बंगाल में पिछले साल की तरह इस साल भी रथ यात्रा का पारंपरिक उल्लास सोमवार को नहीं दिखा, क्योंकि प्रदेश के हुगली जिले के बहुत प्रतिष्ठित महेश मंदिर के प्राधिकारियों ने कोरोना वायरस संक्रमण की रोकथाम के लिये लागू पाबंदियों के मद्देनजर सभी उत्सवों को रद्द कर दिया था। इसके साथ ही कोलकाता और मायापुर के इस्कॉन मंदिरों ने इस समारोह को बेहद शांत तरीके से मनाया।

15:58 (IST)12 Jul 2021
पुरी में कर्फ्यू के बीच शुरू हुआ रथयात्रा का पर्व

ओडिशा के पुरी में सोमवार को ढोल, मंजीरे और शंख की ध्वनि तथा ‘हरि बोल’ के उद्घोष के साथ भगवान जगन्नाथ, बलभद्र और देवी सुभद्रा की वार्षिक रथयात्रा को शुरुआत हुई। इस दौरान कोविड-19 के नियमों का कड़ाई से पालन किया गया और पूरे शहर में कर्फ्यू लागू रहा। बारहवीं शताब्दी के मंदिर के इतिहास में लगातार दूसरे साल और दूसरी बार ऐसा हुआ जब रथयात्रा में आमजन शामिल नहीं हो सके। मंदिर के सामने तीन किलोमीटर तक ‘ग्रैंड रोड’ सूनी पड़ी थी और केवल कुछ चुनिंदा पुजारी तथा पुलिसकर्मियों को ही उपस्थित रहने की अनुमति थी। 

15:10 (IST)12 Jul 2021
ऋषिकेश में सादगी के साथ निकाली गई भगवान जगन्नाथ की यात्रा

लक्ष्मणझूला स्थित भगवान जगन्नाथ मंदिर से सोमवार को जगन्नाथ यात्रा निकाली गई। संस्था के अध्यक्ष अश्वनी गुप्ता ने बताया कि यह यात्रा पिछले चार वर्षों से धूमधाम से निकाली जा रही है। मगर करोना संक्रमण के खतरे को को देखते हुए इस बार सरकार की गाइड लाइन के अनुसार बहुत ही सूक्ष्म रूप में इस यात्रा का आयोजन किया गया। रथ यात्रा में बड़ी संख्या में स्थानीय नागरिक व देश विदेश के पर्यटक इस यात्रा में भागीदारी करते हैं। उन्होंने बताया कि यात्रा में भगवान जगन्नाथ, बहन सुभद्रा एवं भाई बलदाऊ की विग्रह मूतियों के साथ नगर का भ्रमण किया गया।

14:38 (IST)12 Jul 2021
उपराष्ट्रपति नायडू ने लोगों को रथ यात्रा की शुभकामनाएं दीं

उपराष्ट्रपति एम वेंकैया नायडू ने रथ यात्रा के अवसर पर सोमवार को लोगों को शुभकामनाएं दीं और प्रार्थना की कि यह वार्षिक उत्सव सबके जीवन में शांति, खुशी और अच्छा स्वास्थ्य लेकर आए। भगवान जगन्नाथ की वार्षिक रथ यात्रा पिछले साल की तरह इस साल भी कोविड-19 संबंधी प्रोटोकॉल के सख्ती से पालन के साथ ओडिशा के पुरी जिले में आयोजित की जाएगी। उपराष्ट्रपति सचिवालय ने नायडू के हवाले से ट्वीट किया, ‘‘मैं रथ यात्रा के शुभ अवसर पर हार्दिक बधाई और शुभकामनाएं देता हूं। भगवान जगन्नाथ की पुरी रथ यात्रा ओडिशा और पूरे भारत के भक्तों के लिए सबसे श्रद्धेय और बहुप्रतीक्षित त्योहारों में से एक है।’’ नायडू ने कहा कि यह यात्रा वास्तव में भगवान जगन्नाथ-'ब्रह्मांड के भगवान' - के नाम का प्रतीक है। इस यात्रा के तहत देवताओं को शानदार 'रथों' में ले जाया जाता है, जिसका वैभव और भव्यता अद्वितीय होती है।

13:50 (IST)12 Jul 2021
भगवान जगन्नाथ की रथयात्रा शुरू

गुजरात के अहमदाबाद शहर में भगवान जगन्नाथ की 144वीं रथयात्रा सोमवार सुबह शुरू हो गयी। हालांकि कोविड-19 के मद्देनजर लोगों को इसमें भाग लेने से रोकने के लिए यात्रा के मार्ग में लगाए गए कर्फ्यू के कारण इस बार की रथयात्रा को लेकर उत्सव की उमंग और भीड़ नदारद है। लगभग 100 ट्रकों, हाथियों, अखाड़ों और गायन मंडलियों के सामान्य काफिले के बजाय इस साल की यात्रा में केवल तीन रथ शामिल हैं, जिन्हें खलासी समुदाय के लगभग 100 युवा खींच रहे हैं। इसके अलावा चार से पांच अन्य वाहन शामिल हैं। राज्य के गृह मंत्री प्रदीपसिंह जडेजा ने पत्रकारों को बताया कि देवी-देवताओं के दर्शन की खातिर सड़कों पर लोगों की भीड़ जुटने से रोकने के लिए रथयात्रा के पूरे 19 किलोमीटर के मार्ग पर सुबह से दोपहर तक कर्फ्यू लगा दिया गया है। 

12:10 (IST)12 Jul 2021
कोरोना काल में कुछ ऐसी होगी जगन्नाथ रथ यात्रा

21 दिवसीय इस पर्व पर इस वर्ष कोरोना संक्रमण को देखकर प्रशासन द्वारा कई पाबंदियां लगा दी गई है। भीड़ को रोका जा सके, इसलिए जगन्नाथ मंदिर के आस-पास धारा 144 लगा दी गई है। वर्ष 2020 की ही तरह इस वर्ष भी जगन्नाथ रथयात्रा बिना दर्शनार्थियों के ही, पुजारियों, पुरोहितों और सेवकों द्वारा निकाली जाएगी। यात्रा में शामिल होने वाले हर व्यक्ति को कोरोना नियमों का सख्ती से पालन करना होगा, जिसमें कोरोना टीके की दोनों डोज, फेस मास्क, सेनिटेशन और हाथ धोने के उपयोग और सामाजिक दूरी बनाए रखना शामिल होगा। 

11:33 (IST)12 Jul 2021
अमित शाह ने ट्वीट कर लिखा

जगन्नाथ रथयात्रा के शुभ अवसर पर मैं अहमदाबाद के जगन्नाथ मंदिर में कई वर्षों से मंगला आरती में भाग लेता आ रहा हूँ और हर बार यहाँ एक अलग ऊर्जा की प्राप्ति होती है। आज भी महाप्रभु की आराधना करने का सौभाग्य प्राप्त हुआ। महाप्रभु जगन्नाथ सभी पर सदैव अपनी कृपा व आशीष बनायें रखें।

11:02 (IST)12 Jul 2021
पीएम ने दी सभी को बधाई

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा, 'रथ यात्रा के विशेष अवसर पर सभी को बधाई। हम भगवान जगन्नाथ को नमन करते हैं और प्रार्थना करते हैं कि उनका आशीर्वाद सभी के जीवन में अच्छा स्वास्थ्य और समृद्धि लाए। जय जगन्नाथ!'

10:20 (IST)12 Jul 2021
राष्ट्रपति ने सभी के स्वस्थ्य रहने की कामना की

राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने कहा, 'भगवान जगन्नाथ की रथ यात्रा के शुभ अवसर पर सभी देशवासियों, विशेष रूप से ओडिशा में सभी श्रद्धालुओं को मेरी हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएं। मैं कामना करता हूं कि प्रभु जगन्नाथ के आशीर्वाद से सभी देशवासियों का जीवन सुख,समृद्धि और स्वास्थ्य से परिपूर्ण बना रहे।'

09:43 (IST)12 Jul 2021
ओडिशा: अनाज के दानों से भगवान जगन्नाथ, बलभद्र और सुभद्रा के रथ बनाता है मोटर मैकेनिक

सिल्क सिटी में एक मोटर मैकेनिक ने तीन अलग-अलग अनाज के दानों से भगवान जगन्नाथ, भगवान बलभद्र और देवी सुभद्रा के छोटे-छोटे रथ बनाए हैं। तुलसी की लकड़ी से बने और अनाज के दानों से बने आभूषणों से सजे रथों को रथयात्रा से दो दिन पहले यहां शनिवार को श्रीराम नगर स्ट्रीट पर दर्शकों के लिए रखा गया था। हर गोविन्द महाराणा (51) ने बताया, “इस साल कोविड-19 के कारण रथयात्रा पर रोक है इसलिए हमने अपने घरों में लोगों के देखने के लिए इनको रखा है।” उन्होंने कहा कि उन्होंने भगवान जगन्नाथ का आठ इंच ऊंचा रथ गेंहू से बनाया है तथा बढ़िया धान और चावल के दानों से भगवान बलभद्र और देवी सुभद्रा का रथ बनाया है। उन्होंने कहा कि प्रत्येक रथ का वजन सौ ग्राम से कम है। उन्होंने कहा कि अनाज के दानों को बबूल के पेस्ट से जोड़ा गया है और रथ के निर्माण में लोहे की कील या अन्य रासायनिक चीजों का इस्तेमाल नहीं किया गया।