भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने रविवार को नई पीढ़ी के ‘बाहुबली’ रॉकेट के जरिए अब तक की सबसे भारी कम्युनिकेशन सेटेलाइट CMS-03 को अंतरिक्ष की कक्षा में स्थापित कर दिया। इसरो ने बताया कि इस सेटेलाइट का वजन 4,410 किलोग्राम है।
इसरो ने बताया कि CMS-03 को भारतीय समयानुसार शाम 5:26 बजे श्रीहरिकोटा से LVM3-M5 रॉकेट के जरिये लांच किया गया। इस मिशन से इसरो ने एक और बड़ी उपलब्धि हासिल की है।
पीएम मोदी ने दी बधाई
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इसे लेकर इसरो को बधाई दी है। प्रधानमंत्री ने X पर कहा, “हमारा अंतरिक्ष क्षेत्र हमें निरंतर गौरवान्वित करता है। भारत की सबसे भारी कम्युनिकेशन सेटेलाइट CMS-03 के सफल प्रक्षेपण पर इसरो को बधाई।”
उपराष्ट्रपति सीपी राधाकृष्णन ने भी इसरो को बधाई दी है। उपराष्ट्रपति ने कहा कि इसरो अंतरिक्ष अन्वेषण में उल्लेखनीय उपलब्धियां हासिल कर रहा है। राधाकृष्णन ने कहा, ‘‘इसरो और भारतीय नौसेना को हार्दिक बधाई! भारत का शक्तिशाली एलवीएम3-एम5 रॉकेट एक बार फिर आसमान में गरजा, जब जीसैट-7आर (सीएमएस-03) का सफल प्रक्षेपण हुआ। यह भारतीय नौसेना के लिए सबसे भारी और सबसे उन्नत कम्युनिकेशन सेटेलाइट है।’’
इसरो के अध्यक्ष वी. नारायणन ने कहा कि प्रक्षेपण यान ने कम्युनिकेशन सेटेलाइट को कक्षा में सफलतापूर्वक स्थापित कर दिया। नारायणन ने कहा कि रॉकेट का पिछला प्रक्षेपण चंद्रयान 3 था।
आत्मनिर्भर भारत का शानदार उदाहरण
नारायणन ने कहा, ‘‘इस उपग्रह को कम से कम 15 सालों तक कम्युनिकेश सेवाएं देने के लिए डिजाइन किया गया है और यह आत्मनिर्भर भारत का एक और शानदार उदाहरण है।” उन्होंने कहा कि इसरो वैज्ञानिकों को मिशन में मुश्किलों का सामना करना पड़ा क्योंकि मौसम अनुकूल नहीं था लेकिन उन्होंने कड़ी मेहनत की और कामयाबी हासिल की।
