केरल के वायनाड में हुई लैंडस्लाइड में अभी तक 308 लोगों की मौत हो गई है। अभी भी राहत और बचाव कार्य एनडीआरएफ के जवानों द्वारा किया जा रहा है।

बीते सोमवार की रात वायनाड में लैंडस्लाइडिंग हुई थी। जिसके बाद चार गांव पूरी तरह से बर्बाद हो गए। इस रात की स्थिति पर हैदराबाद स्थित इसरो ने इसकी पूरी तस्वीर जारी की है। जिसमें साथ तौर पर देखा जा सकता है कि 30 जुलाई की रात जब लैंडस्लाइडिंग हुई इस दौरान किस प्रकार 86000 वर्ग मीटर जमीन बहती चली गई।

इसरो द्वारा जारी की गई तस्वीर कार्टोसैट उपग्रह से पहली तस्वीर 22 मई को ली गई थी जबकि दूसरी तस्वीर रीसैट उपग्रह से लैंडस्लाइड के एक दिन बाद ली गई थी। तस्वीर में देखा जा सकता है कि 30 जुलाई की रात लैंडस्लाइड के दौरान जमीन खिसक रही थी। उस समय करीब 8 किलोमीटर तक की जमीन खिसकी। जमीन के मलबे का प्रभाव ऐसा रहा कि इरुवंविपुझा नदी का मार्ग चौड़ा हो गया। जिसके बाद तो मानों नदी ने भी रौद्र रूप धारण कर लिया और नदी किनारे पड़ने वाले घरों और अन्य बुनियादी ढांचे को नुकसान पहुंचाया।

मलबे में बह गई 8 किलोमीटर जमीन

इसको लेकर दी गई रिपोर्ट में कहा गया है कि वायनाड के चूरलमाला शहर में लैंडस्लाइड की वजह से भारी बारिश के बाद निकले मलबों का एक बड़ा समूह तैयार हुआ। जो नदी में पानी को एक अलग बहाव दे दिया। जिससे की नदी किनारे घरों और लोगों को बर्बाद कर दिया।

वहीं फरवरी 2023 में इसरो ने लैंडस्लाइड का ऐटलस जारी किया था जिसमें भारत में 1998 से 2022 तक हिमालय और पश्चिमी घाटों में 17 राज्यों और दो केंद्र शासित प्रदेशों के लगभग 80,000 लैंडस्लाइड दर्ज किए गए थे। एटलस में केदारनाथ और सिक्किम में आई प्राकृतिक आपदा जैसी अतीत में घटी प्रमुख घटनाओं को दिखाया गया था।