Chandrayaan-2 Vikram Lander Live Updates:  इसरो को रूस ने पहले चंद्रयान-2 के लिए लैंडर देने की बात कही थी। अपने इस कथन उसने कुछ समय बाद वापस भी ले लिया था। बता दें कि रुस के मना करने के बाद इसरो वैज्ञानिकों ने फैसला किया कि वे खुद अपना लैंडर और रोवर बनाएंगे। बता दें कि चंद्रयान-2 मिशन के 5 दिन बीत चुके हैं। 10 दिन बाद लूनर नाइट शुरू हो जाएगी, जिससे विक्रम को सूर्य की रोशनी नहीं मिलेगी। इससे लैंडर पर खतरा बढ़ जाएगा। ऐसे में इसरो के पास महज 10 दिन का वक्त बचा है।

चंद्रयान 2 के रोवर को हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड ने बनाया था। उसने 2015 में ही बनाकर इसरो को सौंप दिया था। इसके साथ विक्रम लैंडर की शुरुआती डिजाइन इसरो के स्पेस एप्लीकेशन सेंटर अहमदाबाद ने बनाया था।

भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) में टेक्नीशियन और अन्य पदों पर भर्तियां चल रही हैं। बता दें कि ISRO कुल 86 पदों पर भर्तियां करेगा। इन भर्तियों की ज्यादा जानकारी के लिए वेबसाइट http://www.isro.gov.in पर क्लिक करें।

ISRO Chandrayaan 2 Live Updates: पढ़ें अब क्या करेगा ISRO, पूरी जानकारी के लिए क्लिक करें 

चंद्रयान 2 को उतारने वाला भारत दुनिया का पहला देश है और इसरो दुनिया की पहली स्पेस एजेंसी है, जिसने चांद के दक्षिणी ध्रुव पर अपना यान पहुंचाया है। बता दें कि इससे पहले ऐसा किसी भी देश ने नहीं किया है।

 

Live Blog

06:13 (IST)11 Sep 2019
चंद्रयान 2 के संबंध में मोदी पर टिप्पणी करके विवादों में घिरे छत्तीसगढ़ के मंत्री

छत्तीसगढ़ के संस्कृति मंत्री अमरजीत भगत ने चंद्रयान 2 मिशन को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर विवादित टिप्पणी करते हुए कहा कि वह अब तक दूसरे के कामों की वाहवाही लूटते थे, लेकिन पहली बार चंद्रयान 2 का प्रक्षेपण करने गए और वह भी असफल हो गया। इस टिप्पणी के बाद मंत्री सोशल मीडिया पर घिर गए और उन्हें इसे लेकर स्पष्टीकरण देना पड़ा। राज्य में मुख्य विपक्षी दल भारतीय जनता पार्टी ने भी मंत्री की टिप्पणी पर आपत्ति जताई है।

05:20 (IST)11 Sep 2019
चीन भी उतार चुका है अपना अंतरिक्ष यान

बता दें कि अमेरिका, रूस के बाद चीन चांद पर सॉफ्ट लैंडिंग कराने वाला तीसरा देश है। उसने 2013 में उसने अपना पहला अंतरिक्ष यान चांग'ई-3 चांद पर उतारा था।

03:59 (IST)11 Sep 2019
इसरो में चल रही है भर्ती

भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) में टेक्नीशियन और अन्य पदों पर भर्तियां चल रही हैं। बता दें कि ISRO कुल 86 पदों पर भर्तियां करेगा। इन भर्तियों की ज्यादा जानकारी के लिए वेबसाइट http://www.isro.gov.in पर क्लिक करें।

03:16 (IST)11 Sep 2019
पाकिस्तान की पहली महिला अंतरिक्ष यात्री ने दी बधाई

चंद्रयान-2 मिशन के लिए पाकिस्तान की पहली महिला अंतरिक्ष यात्री नमिरा सलीम ने भारत और इसरो को बधाई दी है। सलीम ने कहा, 'चंद्रमा पर लैंडिंग का प्रयास करना ही अपने आप में दक्षिण एशिया के साथ ही पूरे वैश्विक अंतरिक्ष उद्योग के लिए एक 'बड़ी छलांग है।'

01:28 (IST)11 Sep 2019

इसरो चीफ की यह तस्वीरें सोशल मीडिया पर वायरल। 

00:49 (IST)11 Sep 2019
इसरो चीफ के सपोर्ट में सोशल मीडिया यूजर

सोशल मीडिया पर इसरो चीफ के सपोर्ट में अपनी भावनाओं को व्यक्त करते लोग। 


23:24 (IST)10 Sep 2019
‘विक्रम’ लैंडर से संपर्क कराने के लिए श्रद्धालुओं ने चंद्रमा से प्रार्थना की

‘चंद्रयान-2’ के लैंडर ‘विक्रम’ से संपर्क साधने के लिए इसरो की ओर से हरसंभव प्रयास किए जाने के बीच शहर के नजदीक स्थित एक चंद्र मंदिर में श्रद्धालुओं ने लैंडर से संपर्क कराने के लिए ‘चंद्र देव’ से प्रार्थना की।  चंद्र मंदिर के एक अधिकारी ने मंगलवार (10 सितंबर) को कहा कि इस दौरान चंद्र देव का शहद और चंदन सहित विभिन्न चीजों से (बने पंचामृत से) ‘अभिषेक’ किया गया। पूजा- अर्चना के बाद सामुदायिक भोज का भी आयोजन किया गया । तिंगालुर स्थित श्री कैलाशनाथर (शिव) मंदिर के प्रांगण में ही चंद्र मंदिर भी है।

12:42 (IST)10 Sep 2019
इसरो का ताजा बयान

इसरो- विक्रम लैंडर की लोकेशन का चंद्रयान-2 के ऑर्बिटर ने पता लगा लिया है, लेकिन अब तक उससे संपर्क नहीं हो सका है।

11:31 (IST)10 Sep 2019
ऑर्बिटर के जरिए लैंडर 'विक्रम' मिल चुका है लेकिन नहीं हो पाया है संपर्क

ISRO ने Vikram Lander को लेकर बड़ा बयान दिया है। उन्होंने बताया कि चंद्रयान 2 के ऑर्बिटर के जरिए लैंडर 'विक्रम' मिल चुका है लेकिन उससे सम्पर्क नहीं स्थापित हो पाया है। इसरो ने कहा कि लैंडर के साथ संचार स्थापित करने के लिए सभी संभव प्रयास किए जा रहे हैं।

09:55 (IST)10 Sep 2019
35 घंटे में ही ISRO ने विक्रम को खोज लिया

बता दें कि इसरो ने महज 35 घंटे में ही विक्रम लैंडर को खोज निकाला। लेकिन ज्ञात हो कि इससे पहले यूरोपियन स्पेस एजेंसी (ESA) का भी एक यान जिसका जमीन से संपर्क टूट गया था, लेकिन उसके बारे में 12 साल बाद वैज्ञानिकों को जानकारी मिली थी।