ईरान-इजरायल के बीच बढ़ते तनाव के कारण ग्लोबल मार्केट में तेल की कीमतों में भी उतार-चढ़ाव जारी है। इस सबके बीच केंद्रीय पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने सोमवार को पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्रालय के शीर्ष अधिकारियों और सरकारी तेल कंपनियों के अधिकारियों के साथ भारत की पेट्रोलियम आपूर्ति स्थिति की समीक्षा की। मीटिंग के बाद पुरी ने कहा कि वैश्विक अनिश्चितता के बावजूद, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भारत अपनी ईंधन आवश्यकताओं को पूरा करने की बेहतर स्थिति में है।
सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर एक पोस्ट में पुरी ने कहा, “तेजी से अस्थिर होते भू-राजनीतिक हालात में, पेट्रोलियम मंत्रालय के अधिकारियों और हमारे पीएसयू ओएमसी के साथ पेट्रोलियम उत्पादों की आपूर्ति की स्थिति की समीक्षा की। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी के दूरदर्शी नेतृत्व में हमने अपने आयात में पर्याप्त विविधता ला दी है और अब हम अपनी ईंधन आपूर्ति आवश्यकताओं को पूरा करने में सक्षम हैं।”
बैठक में इंडियन ऑयल कॉर्पोरेशन (IOCL), हिंदुस्तान पेट्रोलियम कॉर्पोरेशन लिमिटेड (HPCL) और भारत पेट्रोलियम कॉर्पोरेशन लिमिटेड (BPCL) जैसी प्रमुख सार्वजनिक क्षेत्र की तेल डिस्ट्रीब्यूशन कंपनियों के प्रतिनिधि शामिल थे।
भारत के बेसिनों में लगभग 42 बिलियन टन तेल और गैस की क्षमता
इससे पहले दिन में, एएनआई से बात करते हुए, केंद्रीय पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्री हरदीप पुरी ने एक्स्प्लोरेशन और प्रोडक्शन के लिए सरकार द्वारा पिछले कुछ सालों में उठाए गए कई कदमों की रूपरेखा बताई। उन्होंने यह भी कहा कि अंडमान में एक्स्प्लोरेशन अच्छी खबर की ओर इशारा कर रहा है और यह भारत के लिए ‘गुयाना मोमेंट’ बन सकता है।
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मंत्री ने कहा कि भारत में 35 लाख वर्ग किलोमीटर तलछटी बेसिन है लेकिन उसने कभी भी आठ प्रतिशत क्षेत्र से आगे एक्स्प्लोर नहीं किया जिससे समुद्र तल का एक बड़ा हिस्सा बिना इस्तेमाल के रह गया। पुरी ने कहा कि यह उनकी सरकार है जिसने बेसिन के बड़े हिस्से को एक्स्प्लोर करने का फैसला लिया है। मंत्री ने कहा कि भारत के तलहटी बेसिनों में लगभग 42 बिलियन टन तेल और गैस की क्षमता है।
पाकिस्तान के बलूचिस्तान में ईंधन संकट
गौरतलब है कि ईरान-इजरायल के बीच बढ़ते तनाव के कारण दुनियाभर में तेल की कीमतों में भी उतार-चढ़ाव हो रहा है। संघर्ष के कारण पाकिस्तान के बलूचिस्तान प्रांत में ईंधन संकट पैदा हो गया है। ईरान से तस्करी करके लाए गए पेट्रोल और डीजल पर निर्भर बलूचिस्तान के कई पेट्रोल पंप रविवार से बंद होने लगे हैं और लोग परेशान हो रहे हैं। बलूचिस्तान के कई जगहों पर जारी अधिसूचनाओं के अनुसार, ईंधन वितरण सहित सभी पैदल और व्यापारिक आवाजाही को एहतियाती सुरक्षा उपाय के रूप में अनिश्चित काल के लिए निलंबित कर दिया गया है।
ईरानी ईंधन पाकिस्तानी कंपनियों द्वारा प्रोसेस्ड तेल और बेचे जाने वाले ईंधन से सस्ता है और यह बलूचिस्तान के लिए ईंधन आपूर्ति का मुख्य स्रोत है जबकि कई क्षेत्रों में इसकी बिक्री पर प्रतिबंध है। वहीं, बलूचिस्तान सरकार के एक प्रवक्ता ने दावा किया कि प्रांत में ईंधन की कोई कमी नहीं है क्योंकि प्रांतीय राजधानी में अधिकांश पेट्रोल स्टेशन खुले हैं। पढ़ें- बलूचिस्तान में हो गई ईंधन की कमी, पेट्रोल-डीजल के दाम में करना पड़ा इजाफा