अंतरराष्ट्रीय आतंकवादी संगठन इस्लामिक स्टेट (आइएस) का समर्थन करने वाले सबसे प्रभावी ट्विटर अकाउंट को चलाने के आरोप में बंगलूर में रहने वाले इंजीनियर मेहदी मसरूर विश्वास को शनिवार को यहां उसके फ्लैट से गिरफ्तार किया गया। मेहदी के खिलाफ जंग छेड़ने और गैरकानूनी गतिविधियों को अंजाम देने के आरोप में मामला दर्ज किया गया है।
कर्नाटक के पुलिस महानिदेशक एल पचाऊ ने यहां संवाददाताओं को बताया कि मेहदी ने कबूल किया है कि वह जेहाद समर्थक ट्विटर अकाउंट ‘ऐटदरेटआफ शमीविटनेस’ चलाता था और आइएस में भर्ती होने वाले नए सदस्यों के लिए ‘भड़काने और सूचना का स्रोत’ बन गया था। बंगलूर के पुलिस आयुक्त एमएन रेड्डी ने कहा कि यहां एक बहुराष्ट्रीय कंपनी में मैन्युफैक्चरिंग एग्जीक्यूटिव’ के रूप में काम करने वाले इंजीनियर मेहदी का सालाना पैकेज 5.3 लाख रुपए है। उसे उसके एक कमरे वाले किराए के फ्लैट से गिरफ्तार किया गया। हिरासत में लिए जाने पर उसने प्रतिरोध नहीं किया।
संपर्क किए जाने पर आइटीसी लिमिटेड के उपाध्यक्ष (कॉरपोरेट कम्युनिकेशंस) नजीब आरिफ ने इस बात की पुष्टि की कि मेहदी उनकी कंपनी में काम करता है। आरिफ ने कहा कि जैसे ही हमने इस बाबत मीडिया में खबरें देखीं, हमने बंगलूर पुलिस को उसकी नियुक्ति की स्थिति से अवगत कराया। हमने जांच प्रक्रिया में पूरा सहयोग किया।
रेड्डी के साथ खुलासा करते हुए डीजीपी ने कहा कि पश्चिम बंगाल के रहने वाले विश्वास ने पिछले कई साल से ‘ऐटदरेटआफ शमीविटनेस’ नाम का ट्विटर अकाउंट चलाने की बात कबूल की। भारतीय दंड संहिता की विभिन्न धाराओं, गैरकानूनी गतिविधि (रोकथाम) कानून और आइटी कानून के तहत मेहदी के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है। पचाऊ ने बताया कि मेहदी के ट्विटर पर 17,000 से ज्यादा फॉलोअर थे। वह क्षेत्र के घटनाक्रमों पर पैनी नजर रखते हुए बेहद आक्रामक ट्वीट करता था। यह पूछे जाने पर कि क्या मेहदी का आइएस से कोई रिश्ता है, इस पर रेड्डी ने कहा कि इस बात की जांच की जा रही है। लेकिन आरोपी से पूछताछ में यह खुलासा हुआ है कि वह आभासी दुनिया में बड़े पैमाने पर सक्रिय था। उसके पास से दो मोबाइल फोन और एक लैपटॉप जब्त किया गया है।
ब्रिटेन के चैनल-4 न्यूज ने अपनी रिपोर्ट में इस ट्विटर एकाउंट का भारत की आइटी राजधानी बंगलूर से ताल्लुक होने की जानकारी दी जिसे विदेशी जेहादी फॉलो करते हैं। इसके बाद बंगलूर पुलिस मेहदी की तलाश में जुटी थी। चैनल-4 न्यूज की खबर में बताया गया कि उसकी जांच से पता चला कि मेहदी के नाम से ट्विटर अकाउंट चलाया जाता है और वह बंगलूर में एक कंपनी में एग्जीक्यूटिव के तौर पर काम करता है।
रेड्डी ने कहा कि पिछले कुछ घंटों की पूछताछ के बाद हम देश के भीतर किसी आतंकवादी गतिविधि में उसकी संलिप्तता नहीं देखते हैं। यह पूछे जाने पर कि क्या मेहदी ने किसी को आइएस में भर्ती कराया या लोगों को संगठन में शामिल होने के लिए मजबूर किया, इस पर रेड्डी ने कहा- हमारी सूचना बहुत स्पष्ट है। अब तक उसने किसी को भर्ती नहीं किया और न ही उसने भारत में ऐसी किसी गतिविधि को अंजाम दिया। वह भारत से बाहर कभी नहीं गया है। वह आभासी दुनिया में सक्रिय रहा है। वह आतंकवादियों का समर्थक, आइएस का समर्थक और उससे प्रेरित है। उसने सिर्फ ट्विटर के जरिए इसे वैश्विक स्तर पर अंजाम दिया है।
पचाऊ ने बताया कि मेहदी 2003 से लेवेंटाइन क्षेत्र में दिलचस्पी रखता है जिसे पूर्वी भूमध्यसागरीय क्षेत्र भी कहा जाता है। इसमें साइप्रस, इजराइल, जॉर्डन, लेबनान, फिलस्तीन, सीरिया और दक्षिणी तुर्की का हिस्सा आता है।
मेहदी दिन को दफ्तर में काम करता था और रात को इंटरनेट पर सक्रिय रहता था। आइएस से जुड़ी वेबसाइटों पर सभी ब्रेकिंग न्यूज को पढ़ने के लिए उसने महीने के आधार पर 60 जीबी इंटरनेट कनेक्शन लिए हुए थे।
राज्य पुलिस प्रमुख ने कहा कि मेहदी अपनी असल पहचान छिपाने को लेकर बहुत सावधान था। वह आश्वस्त था कि उसका असली चेहरा कभी सामने नहीं आ पाएगा। उन्होंने कहा कि चैनल-4 ने उसकी पहचान को उजागर किया और भारतीय एजंंसियों को सूचना दी। उन्होंने बताया कि उसके अभिभावक पश्चिम बंगाल में रहते हैं। उसकी दो बड़ी बहनें हैं। उसके पिता पश्चिम बंगाल राज्य बिजली बोर्ड के सेवानिवृत्त कर्मचारी हैं। खबर में मेहदी का पूरा नाम नहीं बताया गया था। इस रिपोर्ट के बाद अकाउंट बंद कर दिया गया।
अपनी रिपोर्ट में चैनल-4 ने शुक्रवार को कहा था कि आइएस के ट्विटर अकाउंट का संचालक अब तक गुमनाम रहने और आइएस के प्रचार युद्ध में अपनी मुख्य भूमिका के बारे में सवालों को टालने में सफल रहा है। चैनल-4 ने कहा था कि उसकी पड़ताल में खुलासा हुआ कि ट्विटर अकाउंट चलाने वाले व्यक्ति को मेहदी कहा जाता है और वह बंगलूर की एक भारतीय कंपनी में एग्जीक्यूटिव है। चैनल-4 ने कहा कि शमीविटनेस के नाम के तहत उसके ट्वीट को हर महीने 20 लाख बार देखा गया। इससे 17,700 से अधिक फॉलोअरों के साथ शायद वह सबसे प्रभावशाली आइएस ट्विटर अकाउंट बन गया। यह खबर आने के बाद सुरक्षा एजंसियां कुछ संदिग्धों पर नजर रख रही थीं।
चैनल-4 के साथ संक्षिप्त बातचात में मेहदी ने कहा था- मैंने कुछ गलत नहीं किया है। मैंने किसी को नुकसान नहीं पहुंचाया है। मैंने कोई कानून नहीं तोड़ा है। मैंने भारत की जनता के खिलाफ कोई युद्ध या हिंसा नहीं छेड़ी है। मैंने भारत के किसी सहयोगी के खिलाफ लड़ाई नहीं छेड़ी है। दो मिनट 12 सेकंड की बातचात में उसने कहा कि मैं साफतौर पर कहना चाहता हूंं कि जब भी समय आएगा, मैं गिरफ्तारी का विरोध नहीं करूंगा। मेरे पास किसी तरह का कोई हथियार नहीं है। यह बातचीत अचानक बीच में ही खत्म हो गई। इस रिपोर्ट में ट्विटर अकाउंट संचालक के हवाले से कहा गया कि वह इराक व सीरिया में आइएस में शामिल नहीं हुआ है क्योंकि उसका परिवार उस पर आर्थिक रूप से निर्भर है।
शमीविटनेस अकाउंट से किए गए ट्वीट में जेहादी दुष्प्रचार की बातें होती थीं। इनमें भर्ती पाने वालों के लिए सूचना और मारे गए लड़ाकों को शहीद के रूप में महिमामंडन करते संदेश होते थे। आइएस ने अपना दुष्प्रचार फैलाने और युवकों की भर्ती व हत्या से संबंधित वीडियो के प्रचार के लिए सोशल मीडिया का व्यापक इस्तेमाल किया है।
मेहदी के पिता को बेटे के आइएस से संबंध पर यकीन नहीं
अंतरराष्ट्रीय आतंकवादी संगठन आइएस के एक ट्विटर अकाउंट चलाने के आरोप में बंगलूर में गिरफ्तार व्यक्ति के पिता ने शनिवार को कहा कि उन्हें इस बात पर कतई यकीन नहीं कि उनके बेटे का आइएस से कोई संबंध है। उन्होंने दावा किया कि उनके बेटे का इंटरनेट अकाउंट हैक कर लिया गया था। मेहदी मसरूर बिस्वास के पिता एम बिश्वास ने कहा कि एक रिपोर्टर ने शुक्रवार रात मुझसे इस बारे में पूछा। फिर मैंने अपने बेटे से बात की और मामले की जानकारी ली। मेरे बेटे ने कहा- उसे यह नहीं समझ आ रहा कि यह सब कैसे हुआ। उसने कहा कि उसका इंटरनेट अकाउंट हैक हुआ है। मुझे यकीन नहीं होता कि मेरे बेटे का आइएस से कोई संबंध है। यह पूछने पर कि क्या उन्हें पता था कि उनका बेटा आइएस के समर्थन में ट्वीट करता है, इस पर उन्होंने जवाब दिया- मुझे नहीं पता। लेकिन उसने बताया था कि उसके पास कुछ लोग ‘चैनल-4’ की तरफ से आए थे।
यह पूछे जाने पर कि क्या वह आइएस का समर्थन करते हैं, इस पर एम बिश्वास ने कहा- मुझे नहीं पता कि आइएस क्या है। इसका समर्थन करने का सवाल ही पैदा नहीं होता। शहर के पूर्वी इलाके में रहने वाले एम बिश्वास ने कहा कि मुझे उसकी गिरफ्तारी के बारे में नहीं पता। उसका फोन स्विच आॅफ है। अब हमने वहां जाने का फैसला किया है। राज्य विद्युत बोर्ड के कर्मचारी रहे एम बिश्वास ने कहा कि मेरा बेटा सुबह 8:45 से लेकर रात तक अपने दफ्तर के काम के सिलसिले में व्यस्त रहता है।