सिंचाई घोटाले की जांच से अभी उबर भी नहीं पाए राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) के नेता और पूर्व उपमुख्यमंत्री अजीत पवार पर सामाजिक कार्यकर्ता अंजली दमानिया ने एक और घोटाले का आरोप लगाया है। दमानिया का कहना है कि चार सिंचाई निगमों के जरिए अजीत पवार के मामा के बेटे को एक हजार करोड़ रुपए के काम दिलवाए गए। फायदा पहुंचाने के लिए सूखाग्रस्त इलाके में सिंचाई परियोजना लगाई गई और इसके लिए 4800 करोड़ रुपए के ठेके दिए गए।
दमानिया ने कहा कि यह घोटाला बीड़ जिले की आष्टा तहसील के एक किसान को आरटीआइ के जरिए मिले जवाब से सामने आया है। उन्होंने सिंचाई परियोजनाओं में नियमों की अनदेखी किए जाने का आरोप भी लगाया। दमानिया के मुताबिक चार सिंचाई निगमों ने 20 परियोजनाओं का ठेका राज ग्रुप आॅफ कंपनी को दिया था। राज ग्रुप ऑफ कंपनी के मालिक जगदीश कदम और राम निंबालकर हैं। इनमें जगदीश कदम कोई और नहीं बल्कि अजीत पवार के मामा का लड़का है।
पत्रकारों से बातचीत में दमानिया ने कहा कि सिर्फ मामा के लड़के का भला करने के लिए इन परियोजनाओं को तैयार किया गया। उन्होंने कहा कि आष्टा तहसील में एक सिंचाई परियोजना के लिए जमीन अधिग्रहित की गई थी। परियोजना ऐसे इलाके में थी जो सूखाग्रस्त इलाका था और यहां पर ज्यादा बरसात नहीं होती थी।
आरटीआइ के तहत आष्टा तहसील के एक किसान ने जानना चाहा कि इस सिंचाई परियोजना के लिए पानी की व्यवस्था कहां से की जाएगी। इस पर किसान को आरटीआइ का जबाव मिला कि इस सिंचाई परियोजना के लिए 295 किलोमीटर दूर उजनी बांध से पानी लाया जाएगा। आश्चर्य इस बात का है कि इस सिंचाई परियोजना के लिए 295 किमी दूर से पानी लाने के लिए न तो पाइप लाइनें डाली गई थीं और न ही नालियां बनाई गई थी।
बावजूद इसके परियोजना को लेकर 4800 करोड़ रुपए के ठेके दिए गए। दमानिया का कहना है कि जब इस घोटाले की जानकारी बाहर आई तो राज ग्रुप आफ कंपनी ने गुरुवार से अपनी वेबसाइट बंद कर दी। अंजलि दमानिया ने शुक्रवार को आयोजित एक संवाददाता सम्मेलन में ये आरोप लगाए।
इससे पहले दमानिया ने पूर्व लोक निर्माण मंत्री छगन भुजबल पर महाराष्ट्र सदन समेत तीन सरकारी इमारतों में रिश्वत लेने और आय से अधिक संपत्ति बनाने के आरोप लगाए थे। इन आरोपों की जांच अदालत की देखरेख में विशेष जांच दल कर रहा है।