इंडियन रेलवे केटरिंग एंड टूरिज्म कॉरपोरेशन (आईआरसीटीसी) घोटाला मामले में राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) के अध्यक्ष और बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव, पत्नी राबड़ी देवी और बेटे व सूबे के पूर्व उप-मुख्यमंत्री तेजस्वी यादव समेत अन्य को मनी लॉन्ड्रिंग केस में स्थाई जमानत मिल गई। सोमवार (28 जनवरी, 2019) को दिल्ली स्थित पटियाला हाउस कोर्ट ने एक लाख रुपए के बॉन्ड और निजी मुचलके पर उन्हें बेल दी। मामले में अगली सुनवाई 11 फरवरी को होगी।

जमानत पाने के बाद तेजस्वी ने कहा, “हमें पूरा यकीन है कि हमारे साथ न्याय होगा। हमें न्यायपालिका पर पूरा भरोसा है।” इससे पहले, 19 जनवरी को कोर्ट ने आईआरसीटीसी घोटाले के दो मामलों को लेकर लालू की अंतरिम जमानत बढ़ा दी थी। केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) और प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने इस मामले में उनके खिलाफ मामले दर्ज किए थे।

ये मामले केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) और प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने दर्ज किए थे। आरोप है कि रेल मंत्री रहने के समय पर लालू ने आईआरसीटीसी के दो होटलों के ठेके कथित तौर पर गलत तरीके से एक निजी कंपनी को दे दिए थे। चारा घोटाले के दोषी लालू का इन दिनों झारखंड स्थित रिम्स में इलाज चल रहा है।

लालू परिवार के अलावा इस मामले के अन्य आरोपियों में पूर्व केंद्रीय मंत्री प्रेम चंद्र गुप्ता, पत्नी सरला गुप्ता, आईआरसीटीसी के तब के प्रबंध निदेशक बी.के अग्रवाल और तत्कालीन निदेशक राकेश सक्सेना के नाम शामिल हैं।

लालू पर आरोप है कि उन्होंने रेल मंत्री रहने के दौरान आईआरसीटीसी के दो होटल बीएनआर रांची और पुरी को संभालने का जिम्मा सुजाता होटल के हवाले किया था। यह कंपनी विनय और विजय कोचर की है। आरोप है कि लालू ने इसके बदले एक बेनामी संपत्ति के माध्यम से तीन एकड़ महंगी जमीन हासिल कर ली थी। सीबीआई ने इसी को लेकर विभिन्न धाराओं के तहत मामले दर्ज किए थे।